Rajasthan SI Bharti 2021: मंत्री पद छोड़ेंगे Kirodi Lal ? SI भर्ती पर सरकार के जवाब पर Congress ने Kirodi को याद दिलाया वादा !
Wednesday, Jul 02, 2025-02:58 PM (IST)

राजस्थान एसआई भर्ती 2021: कोर्ट में सरकार ने स्पष्ट किया रुख, परीक्षा रद्द करने से इनकार
जयपुर: राजस्थान में एसआई भर्ती 2021 मामले पर मंगलवार को हाईकोर्ट में अहम सुनवाई हुई। इस दौरान राज्य सरकार ने कोर्ट में साफ कर दिया कि फिलहाल परीक्षा को रद्द करना जल्दबाज़ी होगी। सरकार ने कहा कि सब-कमेटी की सिफारिशों के आधार पर जांच जारी है, इसलिए अब कोई कठोर कदम नहीं उठाया जा सकता।
अब सभी की नजर हाईकोर्ट की अगली सुनवाई पर टिकी है, जहां से परीक्षा की वैधता पर अंतिम निर्णय आने की संभावना है।
मंत्री बोले- मामला कोर्ट में, टिप्पणी उचित नहीं
मामले को लेकर सरकार के मंत्री सार्वजनिक टिप्पणी से बचते नजर आए। कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल और अविनाश गहलोत ने कहा कि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है, और सरकार ने जो भी जवाब दिया है वह मंत्रिमंडलीय सब-कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार है।
डोटासरा का भाजपा पर पलटवार
राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने युवाओं को भ्रमित किया और भर्ती को राजनीतिक मुद्दा बनाया। उन्होंने कहा कि कोर्ट में सरकार की सफाई के बाद साफ हो गया है कि भाजपा के आरोप तथ्यहीन थे।
डोटासरा ने यह भी आरोप लगाया कि सिर्फ 55 अभ्यर्थियों के खिलाफ शिकायत थी, फिर भी पूरी भर्ती को बदनाम किया गया।
किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफे की मांग
डोटासरा ने मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के पूर्व बयान को याद दिलाते हुए कहा कि वे खुद कह चुके हैं कि अगर परीक्षा रद्द नहीं हुई तो इस्तीफा देंगे। अब जब सरकार ने कोर्ट में रद्दीकरण से इनकार किया है, तो मीणा को पद छोड़ देना चाहिए। उन्होंने भाजपा से युवाओं और जनता से माफी मांगने की भी मांग की।
बेनीवाल ने लगाया धोखा देने का आरोप
आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल ने सरकार के रुख को युवाओं के साथ धोखा करार दिया। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले भाजपा ने SI परीक्षा रद्द करने और RPSC के पुनर्गठन की बातें की थीं, लेकिन अब सरकार कोर्ट में उल्टा बयान दे रही है।
बेनीवाल ने कहा कि सरकार का असली मकसद युवाओं को चुनाव तक बहलाना था। कोर्ट में दिए गए जवाब ने उनकी मंशा साफ कर दी है।
विपक्ष: भ्रष्टाचार पर पर्दा डाल रही सरकार
विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि पेपर लीक जैसी गंभीर अनियमितताओं के बावजूद परीक्षा को बरकरार रखना योग्य युवाओं के साथ अन्याय है। उन्होंने सरकार पर भ्रष्टाचार से जुड़ी भर्तियों को छुपाने का आरोप लगाया।
अब निगाहें हाईकोर्ट की अगली सुनवाई पर हैं, जिससे तय होगा कि 2021 की एसआई भर्ती वैध मानी जाएगी या फिर इसमें कोई बड़ा बदलाव होगा।