कांग्रेस में डिक्टेटरशिप की परंपरा, भाजपा में लोकतांत्रिक मूल्यों का किया जाता है पालन — मदन राठौड़

Wednesday, Jun 18, 2025-08:17 PM (IST)

जयपुर - भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कांग्रेस नेताओं की बयानबाजी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में डिक्टेटरशिप की परंपरा है, जबकि भाजपा में लोकतांत्रिक मूल्यों का पालन किया जाता है। राठौड़ ने कांग्रेस के नेताओं पर अनर्गल बयानबाजी करने का आरोप लगाया और कहा कि वे अपनी पार्टी की आंतरिक कलह को छिपाने के लिए भाजपा पर झूठे आरोप लगा रहे हैं। जबकि हकीकत प्रदेश की जनता लगातार उपचुनावों में दे रही है। भाजपा ने उपचुनावों में कांग्रेस का पटखनी दी, कांग्रेस केवल 4 उपचुनाव जीते, जबकि भाजपा 29 उपचुनाव जीत चुकी। इससे स्पष्ट हो गया कि कांग्रेसी नेताओं के चलते इनकी पार्टी धरातल पर जनाधार खो रही है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के RPSC से संबंधित बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि आरपीएससी एक ऑटोनॉमस बॉडी है, जिसमें भाजपा का कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं है। जबकि डोटासरा ने इस संवैधानिक संस्था में अपने परिवार के सदस्यों का चयन करवाया है, इससे वे स्वयं कठघरे में आ गए और चयनित भी समस्या में आ गए। राठौड़ ने कहा, "हमने छात्रों की समस्याओं को आरपीएससी तक पहुँचाया, लेकिन हस्तक्षेप नहीं किया। आरपीएससी एक ऑटोनॉमस बॉडी है, जो अपने विवेक से निर्णय लेती है।" सुझाव देना अलग बात है और हस्तक्षेप करना अलग।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि "कांग्रेस के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है, इसलिए वे अनर्गल और भ्रामक बयानों के माध्यम से जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं।" उन्होंने कांग्रेस नेताओं को अपनी आंतरिक कलह को संभालने की सलाह दी और कहा कि भाजपा में कोई अंतर्कलह नहीं है। राठौड़ ने भाजपा की संगठनात्मक मजबूती पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा में सब कुछ सुव्यवस्थित और संगठित तरीके से हो रहा है। भाजपा में कार्यकर्ता एक दूसरे का पूरक होता है, जबकि कांग्रेस में नेताओं के बीच आपसी मतभेद हैं।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कांग्रेस नेताओं की राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद पर की गई आलोचना पर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद जैसे विषयों पर किसी की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की जाएगी। पाकिस्तान के सैन्य अधिकारी ने माफी मांगी है, सीजफायर की अपील की है, और हमारी शर्तों पर वार्ता की बात की है। यह भारत की दृढ़ नेतृत्वशक्ति का परिणाम है। आपरेशन सिंदूर पर जहां पूरा विश्व भारत की कार्रवाई स्वीकार कर चुका, वहीं हमारे विपक्षी नेता इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे। इनमें राष्ट्र भक्ति की कमी है। इन्हें राष्ट्र के साथ और देश के शीर्ष नेतृत्व के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खडा होना चाहिए, लेकिन ये लोग हमारे देश की छवि धूमिल करने में लगे हुए है।


Content Editor

Raunak Pareek

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