राजस्थान में एक वर्ष तक के बच्चों की मृत्यु दर में तीन अंक की कमी
5/26/2022 8:04:51 PM
जयपुर, 26 मई (भाषा) राजस्थान में एक वर्ष तक के बच्चों की शिशु मृत्यु दर में तीन अंक की गिरावट आई है।
राज्य के चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने एक बयान में बताया कि नवीन सैम्पल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) बुलेटिन-2022 के अनुसार राजस्थान में एक वर्ष तक के बच्चों की शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) में तीन अंक की कमी आयी है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर शिशु मृत्यु दर में दो अंक की कमी आई है।
उन्होंने कहा कि बुलेटिन के अनुसार राजस्थान में एक वर्ष तक के शिशुओं के लिए शिशु मृत्यु दर 35 से घटकर 32 (प्रति हजार) रह गयी है ।
मीणा ने इन परिणामों पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि सरकार द्वारा आधारभूत चिकित्सा सेवाओं को मजबूत करने के लिए जो गुणवत्तापूर्ण कार्य किए जा रहे हैं उसके बेहतरीन परिणाम आने लगे हैं। उनका कहना था कि सरकार जमीनी स्तर से लेकर सुपर स्पेशिलिटी स्तर तक की चिकित्सा सेवाएं आमजन को निःशुल्क उपलब्ध करवा रही है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शासन सचिव डॉ. पृथ्वी ने बताया कि सरकार द्वारा मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती प्रदान करने के लिए गर्भवती महिलाओं की नियमित प्रसव पूर्व जांच कर, अति जोखिम संभावित गर्भवती महिलाओं की पहचान की जा रही है तथा उन्हें प्रसव पूर्व विशेष सेवाएं प्रदान की जा रही है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
राज्य के चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने एक बयान में बताया कि नवीन सैम्पल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) बुलेटिन-2022 के अनुसार राजस्थान में एक वर्ष तक के बच्चों की शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) में तीन अंक की कमी आयी है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर शिशु मृत्यु दर में दो अंक की कमी आई है।
उन्होंने कहा कि बुलेटिन के अनुसार राजस्थान में एक वर्ष तक के शिशुओं के लिए शिशु मृत्यु दर 35 से घटकर 32 (प्रति हजार) रह गयी है ।
मीणा ने इन परिणामों पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि सरकार द्वारा आधारभूत चिकित्सा सेवाओं को मजबूत करने के लिए जो गुणवत्तापूर्ण कार्य किए जा रहे हैं उसके बेहतरीन परिणाम आने लगे हैं। उनका कहना था कि सरकार जमीनी स्तर से लेकर सुपर स्पेशिलिटी स्तर तक की चिकित्सा सेवाएं आमजन को निःशुल्क उपलब्ध करवा रही है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शासन सचिव डॉ. पृथ्वी ने बताया कि सरकार द्वारा मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती प्रदान करने के लिए गर्भवती महिलाओं की नियमित प्रसव पूर्व जांच कर, अति जोखिम संभावित गर्भवती महिलाओं की पहचान की जा रही है तथा उन्हें प्रसव पूर्व विशेष सेवाएं प्रदान की जा रही है।
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