राजस्थान की ‘मा योजना’ बनी देश में मिसाल: अब तक 43 लाख मरीजों को मिला निःशुल्क इलाज, 5 हजार करोड़ से अधिक का क्लेम
Friday, Jul 11, 2025-07:28 PM (IST)

जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की संवेदनशील पहल पर शुरू की गई ‘मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना’ (मा योजना) आज राजस्थान ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए स्वास्थ्य सेवा मॉडल बन चुकी है। यह योजना गरीब और ग्रामीण वर्ग को न केवल बुखार जैसी सामान्य बीमारियों से निजात दिला रही है, बल्कि अब इसमें रोबोटिक सर्जरी, ट्रांसप्लांट, न्यूरो और कार्डियोथोरेसिक सर्जरी जैसे महंगे उपचार भी बिना किसी खर्च के उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
अब तक इस योजना के तहत 43 लाख से अधिक मरीजों का उपचार, कुल 5 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि में किया जा चुका है।
सबके लिए, सब कुछ: पहली बार इतना व्यापक दायरा
चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के मार्गदर्शन में संचालित यह योजना राजकीय क्षेत्र की पहली ऐसी योजना है, जिसमें बुखार से लेकर रोबोटिक सर्जरी तक और एलोपैथी से लेकर आयुष चिकित्सा पद्धति तक की सेवाएं शामिल हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर वर्ग को कवर किया गया है।
पूर्ववर्ती योजना की तुलना में पैकेज की संख्या भी बढ़ाई गई है –
पहले थे 1800 पैकेज, अब हैं 2300 पैकेज
73 डेकेयर पैकेज सिर्फ कैंसर के लिए
419 पीडियाट्रिक पैकेज बच्चों के लिए
नए पैकेजों में शामिल हैं – जीरियाट्रिक केयर, विकलांगजन, किशोरों का मानसिक स्वास्थ्य, ओरल कैंसर, और आयुष पद्धति से इलाज
गांव-कस्बों तक पहुंचे योजना का लाभ
योजना को दूरदराज और पिछड़े क्षेत्रों तक पहुँचाने के लिए एम्पेनलमेंट नियमों को आसान किया गया है।
11 दूरस्थ जिलों और 27 आकांक्षी ब्लॉक्स में विशेष नियम
पैकेज दरों में संशोधन कर नए रेट लागू किए गए (30 जनवरी 2025 से)
योजना के लिए सरकार ने ₹3500 करोड़ का विशेष कोष बनाया है ताकि संसाधनों की कोई कमी न हो।
इंटर-स्टेट पोर्टेबिलिटी से अब इलाज राज्य की सीमाओं से परे
अब योजना में इंटर स्टेट पोर्टेबिलिटी भी शामिल कर दी गई है।
इनबाउंड पोर्टेबिलिटी शुरू हो चुकी है, जिससे अन्य राज्यों के मरीज राजस्थान में इलाज करा सकते हैं।
आउटबाउंड पोर्टेबिलिटी भी जल्द शुरू होगी, जिससे राजस्थान के मरीज दूसरे राज्यों में भी निःशुल्क इलाज पा सकेंगे।
फैक्ट फाइल
पंजीकृत परिवार: 1.34 करोड़ से अधिक
सूचीबद्ध अस्पताल: 1800+
लाभान्वित मरीज: 43 लाख+
अब तक व्यय राशि: ₹5000 करोड़+
प्रतिदिन औसतन लाभ लेने वाले मरीज: 8400
प्रतिदिन बुक किए जाने वाले क्लेम की राशि: ₹9 करोड़+