राजस्थान में पंचायत और केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने कहा- जनता को नहीं मिल रही ''चुपड़ी हुई रोटियां'', पार्टी में कोई विवाद नहीं

Friday, Jul 11, 2025-07:16 PM (IST)

 

राजस्थान में पंचायत और निकाय चुनाव लड़ेगा राष्ट्रीय लोक दल: केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने कहा- जनता को नहीं मिल रही 'चुपड़ी हुई रोटियां', पार्टी में कोई विवाद नहीं

जयपुर – राजस्थान में आगामी पंचायत और निकाय चुनावों में राष्ट्रीय लोक दल (RLD) भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस को कड़ी चुनौती देता नजर आएगा। यह महत्वपूर्ण फैसला शुक्रवार को जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में आयोजित प्रदेश स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में पार्टी नेताओं द्वारा लिया गया।

राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने सभा को संबोधित करते हुए राजस्थान के मतदाताओं की बदलती प्रवृत्ति पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्रतीकात्मक रूप से कहा, "राजस्थान की जनता हर 5 साल में रोटी बदलती है।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि भले ही दोनों प्रमुख दलों की बारी आ चुकी हो, लेकिन आम जनता को वास्तविक लाभ नहीं मिल रहे हैं। "यहां दोनों तरफ से रोटियां सेकी जा रही हैं, लेकिन दोनों ही तरफ से घी नहीं लग रहा है। आम जनता को चुपड़ी हुई रोटियां नहीं मिल रही हैं।" उन्होंने मतदाताओं के निर्णायक स्वभाव का जिक्र करते हुए कहा, "यहां की जनता जल्दी विश्वास भी करती है और जल्दी नाराजगी भी जाहिर कर देती है। यहां के लोग तुरंत फायर कर देते हैं।"


राजस्थान में जमीनी स्तर पर संगठन मजबूत करने पर RLD का जोर

चौधरी ने जोर देकर कहा कि राजस्थान में आरएलडी का प्राथमिक उद्देश्य जमीनी स्तर पर अपने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करना है। पार्टी युवाओं को जोड़कर प्रत्येक गांव और कस्बे में "जनसुनवाई केंद्र" खोलने की दिशा में कदम बढ़ाएगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि राजस्थान की जनता अब दो पारंपरिक दलों के विकल्प से आगे बढ़ना चाहती है। उन्होंने दावा किया, "अगर हमारे कार्यकर्ता ईमानदारी से मेहनत करें तो आरएलडी एक सशक्त तीसरा विकल्प बन सकता है।" उन्होंने यह भी बताया कि राजस्थान में बेहतरीन सरकारी योजनाओं के बावजूद उनका लाभ अक्सर सबसे जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पाता। आरएलडी इस खाई को पाटने और वंचितों के हक की लड़ाई लड़ने का लक्ष्य रखेगी।

चौधरी ने कहा, "राजस्थान में राष्ट्रीय लोक दल की संभावनाएं हमेशा से अच्छी रही हैं। हम पहले, दूसरे या तीसरे स्थान पर नहीं, बल्कि राजस्थान में अपने राजनीतिक संगठन का विस्तार करना चाहते हैं। मैं चाहता हूं कि राजस्थान में हमारे कार्यकर्ताओं की सुनवाई हो। इसलिए राजस्थान के स्थानीय चुनाव में हमारी पार्टी के जो कार्यकर्ता मेहनत कर रहे हैं, उन्हें पार्टी चुनाव लड़ने में पूरा सपोर्ट करेगी।"


 

राजस्थान RLD में कोई आंतरिक विवाद नहीं

राजस्थान आरएलडी के प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर अवाना और विधायक सुभाष गर्ग के बीच कथित शीत युद्ध की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए जयंत चौधरी ने स्पष्ट किया, "पार्टी में इस तरह का कोई भी विवाद या विरोध मन में नहीं है। आज हमारे विधायक ने अपने सिर की पगड़ी उतारकर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को पहना दी है," यह एकता और सम्मान का प्रतीक है। चौधरी ने अपने दादा चौधरी चरण सिंह से लेकर स्वयं तक राजस्थान के लोगों द्वारा दिखाए गए स्नेह के कारण राज्य से अपने गहरे व्यक्तिगत जुड़ाव को भी दोहराया। उन्होंने राजस्थान में तेजी से विकास कार्यों के लिए अपने निरंतर प्रयासों का संकल्प लिया।


 

मौजूदा मुद्दों पर विचार: कानून व्यवस्था, भाषा नीति

कांवड़ यात्रा में नेम प्लेट को लेकर अखिलेश यादव के आरोपों पर जवाब देते हुए चौधरी ने जोर देकर कहा कि "उत्तर प्रदेश में कोई भी असुरक्षित नहीं है।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कानून व्यवस्था यह सुनिश्चित करने के लिए कायम है कि किसी के साथ कोई दुर्व्यवहार न हो, और सभी को अपने त्योहार मनाने की पूरी आजादी है। हालांकि, उन्होंने दूसरों के मामलों में हस्तक्षेप के खिलाफ भी आगाह किया और ऐसे मामलों को बारीकी से ध्यान से संभालने पर जोर दिया। चौधरी ने कुछ लोगों द्वारा होटलों और रेस्तरां में जाकर "चेकिंग" करने की "पूरी तरह से गलत और अनुचित" प्रथा की भी आलोचना की।

महाराष्ट्र में भाषा विवाद पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए जयंत चौधरी ने भाषा को संवाद और लोगों को जोड़ने का माध्यम बताया। उन्होंने कहा कि आज के दौर में एक या दो भाषा समझना या जानना पर्याप्त नहीं है। "आपसे पहले जो लोग थे, वह काफी तरह की भाषा जानते और समझते थे," उन्होंने कहा। उन्होंने स्थानीय भाषाओं को शिक्षा का माध्यम बनाने की वकालत की, खासकर छोटे बच्चों के लिए जो भाषाओं को जल्दी सीखते हैं। उन्होंने समझाया, "जो बच्चे एक से ज्यादा भाषा बोलते हैं या समझते हैं, उनके व्यवहार पर इसका अच्छा असर नजर आता है।" इसलिए, आरएलडी स्थानीय मातृभाषाओं पर जोर देती है, और राज्यों को इसे लागू करने की पूरी आजादी दी गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी भाषा को थोपा नहीं जा रहा है, लेकिन कक्षा 1 से 5 तक दो स्थानीय भाषाओं को बढ़ावा देने का प्रावधान है, जो थ्री लैंग्वेज फॉर्मूला का हिस्सा है, और इसमें सभी को अंग्रेजी या हिंदी सिखाने की बात नहीं कही गई है।


प्रदेश अध्यक्ष अवाना की मांगें

प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर सिंह अवाना ने बताया कि राज्य के सभी जिलों के दौरे के दौरान कार्यकर्ताओं से मुलाकात में उन्हें यह सुझाव मिला है कि आगामी निकाय और पंचायती चुनाव में पार्टी के कार्यकर्ता अपने सिंबल पर चुनाव लड़ें। अवाना ने राजस्थान विधानसभा परिसर में चौधरी चरण सिंह और डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमाएं लगाने की भी मांग रखी। इसके साथ ही उन्होंने आने वाले दिनों में प्रदेश के हर संभाग में एक-एक बड़ी रैली आयोजित करने की भी घोषणा की।


Content Editor

Shruti Jha

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