राजस्थान की महिलाओं के लिए बड़ी राहत : अब अस्पताल से छुट्टी से पहले ही मिलेगा जन्म प्रमाण पत्र

Friday, Jul 11, 2025-05:21 PM (IST)

जयपुर। राजस्थान की नवोदित माताओं और उनके परिवारों के लिए एक सुखद खबर सामने आई है। अब नवजात शिशु के जन्म प्रमाण पत्र के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होगा। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के निर्देशों के तहत अस्पतालों को यह सुविधा अनिवार्य रूप से लागू करने के आदेश दिए हैं, जिससे अब अस्पताल से डिस्चार्ज होने से पहले ही जन्म प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। राज्य के निबंधक (Registrar) कार्यालय के अनुसार, जन्म के 7 दिन के भीतर प्रमाण पत्र बनाकर परिवार को देना अनिवार्य किया गया है। इस प्रक्रिया को अब और सरल बनाते हुए अस्पताल में ही जन्म प्रमाण पत्र तैयार किया जाएगा और डिस्चार्ज के समय मां-पिता को सौंप दिया जाएगा।

वॉट्सएप पर भी मिलेगा प्रमाण पत्र
सरकार ने प्रमाण पत्र की डिजिटल पहुंच सुनिश्चित करते हुए यह व्यवस्था भी लागू की है कि पंजीकृत मोबाइल नंबर पर वॉट्सएप के जरिए भी प्रमाण पत्र भेजा जा सकेगा। यह कदम विशेष रूप से उन परिवारों के लिए राहत भरा होगा जो ग्रामीण या दूरदराज इलाकों में रहते हैं।

क्यों लिया गया यह फैसला?
रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (RGI) ने बताया कि जन्म प्रमाण पत्र की बढ़ती मांग और इसके महत्व को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। जन्म प्रमाण पत्र आज शिक्षा, पासपोर्ट, आधार, और सरकारी योजनाओं के लिए एक आवश्यक दस्तावेज बन चुका है।

अस्पतालों में नई व्यवस्था लागू
राजस्थान के सभी जिला और उपजिला अस्पतालों में यह व्यवस्था चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी। निजी अस्पतालों को भी इस नियम का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। अस्पताल प्रशासन को अब जन्म का तुरंत पंजीकरण करना होगा और डिजिटल या प्रिंट फॉर्मेट में प्रमाण पत्र उपलब्ध कराना होगा।

माता-पिता के लिए राहत
इस फैसले से अब नवजात के माता-पिता को रजिस्ट्रार कार्यालय के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होगी। एक ही स्थान पर, एक ही समय में, दस्तावेज मिल जाने से समय और संसाधनों की बचत होगी। यह पहल न केवल प्रशासनिक सुधार की दिशा में बड़ा कदम है, बल्कि डिजिटल भारत के विजन को भी साकार करती है।

 


Content Editor

Kuldeep Kundara

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