सलूंबर की हार के पीछे बीजेपी, राजकुमार रोत ने लगाया बड़ा आरोप

Sunday, Nov 24, 2024-02:03 PM (IST)

राजस्थान विधानसभा उपचुनाव में जहां बीजेपी ने 7 में से 5 सीटें जीतकर बढ़त बनाई, वहीं भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) ने चौरासी सीट पर ऐतिहासिक जीत दर्ज कर अपनी ताकत दिखाई। दूसरी ओर, सलूंबर सीट पर बीएपी उम्मीदवार जितेश कटारा की महज 1,285 वोटों से हार ने विवाद को जन्म दिया। इस हार पर बीएपी के सांसद राजकुमार रोत ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सलूंबर में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग हुआ और प्रशासन ने निष्पक्षता नहीं दिखाई। इस मुद्दे पर अब रिकाउंटिंग की मांग उठाई जा रही है। 

सलूंबर में सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप

सांसद राजकुमार रोत ने सलूंबर सीट पर बीएपी उम्मीदवार जितेश कटारा की हार को बीजेपी की साजिश बताया। उन्होंने कहा कि अंतिम चार राउंड की वोट गिनती में जानबूझकर देरी की गई और प्रशासन ने निष्पक्षता का पालन नहीं किया। रोत ने कहा,  

 "बीजेपी ने सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर नतीजों को अपने पक्ष में मोड़ने की कोशिश की। अगर गड़बड़ी नहीं हुई है, तो रिटर्निंग अधिकारी रिकाउंटिंग से क्यों बच रहे हैं?" 

BAP ने रिकाउंटिंग पर नहीं दिया ध्यान 

बीएपी ने समय पर रिकाउंटिंग के लिए आवेदन दिया था, लेकिन संबंधित अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। रोत ने कहा कि सलूंबर में परिणाम घोषित करने में अनावश्यक देरी की गई और जिला निर्वाचन अधिकारी की लापरवाही के चलते बीएपी को न्याय नहीं मिला। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वे इस मामले को उच्च स्तर पर ले जाएंगे। 

चौरासी में बीएपी की ऐतिहासिक जीत 

बीएपी ने चौरासी सीट पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों को हराकर जीत दर्ज की। राजकुमार रोत ने इस जीत को जनता की आवाज बताया और कहा कि, 

"बीजेपी ने यहां भी पूरी ताकत लगाई, लेकिन जनता ने उन्हें नकार दिया। पुलिस और प्रशासन ने बीजेपी को जिताने की पूरी कोशिश की, लेकिन जनता ने सच्चाई का साथ दिया।"

चौरासी में बीजेपी और कांग्रेस की हार के कारण 

  1. बीजेपी:
    • गुटबाजी और जिलाध्यक्ष हरिश पाटीदार के पक्षपाती रवैये ने संगठन को कमजोर किया।
    • स्थानीय नेतृत्व और कार्यकर्ताओं के बीच तालमेल की कमी।
    • बड़े नेताओं के प्रचार के बावजूद आंतरिक खींचतान ने हार की स्थिति पैदा की।
  2. कांग्रेस:
    • प्रदेश और स्थानीय नेतृत्व के बीच तालमेल की कमी।
    • गठबंधन को लेकर क्षेत्रीय नेताओं में विरोध।
    • चुनाव प्रचार में प्रदेश स्तर के नेताओं की गैरमौजूदगी। 

बीएपी की क्षेत्रीय राजनीति में बढ़ रही भूमिका  

चौरासी में ऐतिहासिक जीत और सलूंबर में विवाद के बाद बीएपी ने यह संदेश दिया है कि क्षेत्रीय राजनीति में उनकी भूमिका बढ़ रही है। राजकुमार रोत के नेतृत्व में बीएपी ने दिखा दिया कि जनता अब पारंपरिक राजनीतिक दलों के बजाय क्षेत्रीय दलों को भी समर्थन देने के लिए तैयार है। 

राजस्थान उपचुनाव के नतीजों का निष्कर्ष  

  • बीजेपी ने 5 सीटें जीतकर राज्य में अपनी स्थिति मजबूत की, लेकिन गुटबाजी के कारण नुकसान भी हुआ।
  • कांग्रेस को अपनी आंतरिक कमजोरियों के चलते हार का सामना करना पड़ा।
  • बीएपी ने चौरासी में जीत के साथ नई राजनीतिक संभावनाओं को जन्म दिया।

राजस्थान की राजनीति में उपचुनाव के ये नतीजे बड़े बदलाव का संकेत देते हैं। विपक्षी दलों को इससे सबक लेते हुए अपनी रणनीतियों पर फिर से विचार करने की जरूरत है।


Content Editor

Raunak Pareek

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