Rajasthan Politics: Hanuman Beniwal बोले, ''''सरकार ने आबकारी नीति लाने का निर्णय किसके दबाव में लिया ?''''
Saturday, Feb 01, 2025-11:54 AM (IST)
जयपुर, 1 फरवरी 2025 । नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने एक बार फिर भजनलाल सरकार पर तंज कसते हुए तीखा हमला बोला है, उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए राजस्थान की नई आबकारी नीति को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को आड़े हाथ लिया । उन्होंने राज्य सरकार पर शराब माफियाओं को बढ़ावा देने और जनता के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया।
तो चलिए जानते हैं क्या बोले हनुमान बेनीवाल ?
हनुमान बेनीवाल ने कहा कि नई आबकारी नीति से प्रदेश में शराब के ठेकों की संख्या और बढ़ेगी, जिससे सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों को नुकसान पहुंचेगा। उन्होंने इसे जनता की भावनाओं के खिलाफ बताते हुए कहा कि सरकार को पहले शराबबंदी की दिशा में कदम उठाने चाहिए, न कि माफियाओं को फायदा पहुंचाने के लिए नए नियम बनाने चाहिए।
नई आबकारी नीति पर बेनीवाल ने क्यों जताई आपत्ति ?
बेनीवाल ने शराब बिक्री के लाइसेंस सिस्टम पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह नीति शराब ठेकेदारों और माफियाओं को फायदा पहुंचाने के लिए बनाई गई है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में शराब के ठेकों की संख्या पहले से ही ज्यादा है और इस नीति से स्थिति और खराब होगी। उन्होंने मांग की है कि सरकार को प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी पर विचार करना चाहिए।
वहीं हनुमान बेनीवाल ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि भाजपा सरकार चुनाव से पहले शराबबंदी की बातें कर रही थी, लेकिन अब सत्ता में आने के बाद वह अपने वादों से मुकर गई है। उन्होंने कांग्रेस और भाजपा दोनों पर निशाना साधते हुए कहा कि दोनों पार्टियां मिलकर शराब माफियाओं को फायदा पहुंचाने में लगी हुई हैं।
सरकार ने आबकारी नीति लाने का निर्णय किसके दबाव में लिया ?
बेनीवाल ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह का ध्यान राजस्थान सरकार द्वारा लाई गई नई आबकारी नीति की तरफ आकर्षित करते हुए पूछना चाहता हूं कि आखिरकार भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली राजस्थान की भाजपा सरकार ने शराब माफियाओं के हितों का संरक्षण करने वाली आबकारी नीति लाने का निर्णय किसके दबाव में लिया?
अब जान लेते है कि क्या कह रही है सरकार ?
राजस्थान सरकार का कहना है कि नई आबकारी नीति से अवैध शराब बिक्री पर रोक लगेगी और राज्य को अतिरिक्त राजस्व मिलेगा। साथ ही, सरकार ने शराब की दुकानें खोलने के लिए कुछ नए नियम भी तय किए हैं, जिससे अवैध ठेकों पर सख्ती की जा सके। राजस्थान सरकार ने अपनी नई आबकारी नीति में कहा है कि मदिरा दुकानों के आवंटन की वर्तमान पारदर्शी व्यवस्था को निरंतर रखते हुए सुधारात्मक प्रावधान नई नीति में प्रस्तावित किए है मगर सामूहिक आवंटन का प्रावधान शब्द इस नई आबकारी नीति में उल्लेखित होते ही यह स्पष्ट हो गया कि राजस्थान की सरकार बजरी माफियाओं के साथ अब प्रदेश में शराब माफियाओं को भी अपने समानांतर सरकार चलाने की अनुज्ञा देने जा रही है।
वहीं हनुमान बेनीवाल ने सरकार से इस नीति को वापस लेने और प्रदेश में शराबबंदी लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया, तो वह इसके खिलाफ बड़े आंदोलन की तैयारी करेंगे। अब देखने वाली बात होगी कि प्रदेश की सरकार इस मुद्दे पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या आबकारी नीति में कोई बदलाव किया जाता है या नहीं। ये तो सरकार पर निर्भर करेगा ।