एसआई भर्ती 2021 को रद्द करने की मांग पर हनुमान बेनीवाल का शक्ति प्रदर्शन,
Sunday, May 25, 2025-07:52 PM (IST)

जयपुर। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के प्रमुख और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने रविवार को जयपुर के मानसरोवर में 'युवा आक्रोश महारैली' के माध्यम से बड़ा शक्ति प्रदर्शन किया। यह महारैली मुख्य रूप से एसआई भर्ती 2021 को रद्द करने और राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) को भंग कर पुनर्गठन की मांग को लेकर आयोजित की गई। राजस्थान के कोने-कोने से जुटे कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ ने बेनीवाल की ताकत का अहसास कराया। मंच से संबोधित करते हुए हनुमान बेनीवाल ने गहलोत सरकार पर हमला बोला और भर्ती घोटालों पर सख्त कार्रवाई की मांग की।
गहलोत सरकार पर साधा निशाना, सचिन पायलट को सीएम बनाने की रखी थी शर्त
बेनीवाल ने अपने संबोधन में कहा, "अगर मुझे सत्ता में आना होता तो गहलोत मेरे पीछे घूम रहे थे। उन्होंने कहा था तीन विधायक दे दो, तो मैंने कहा – सचिन पायलट को सीएम बना दो, क्योंकि गुर्जर और जाट भाई हैं। दोनों तेजाजी की जय बोलते हैं।"
आरपीएससी भंग कर यूपीएससी की तर्ज पर पुनर्गठन की मांग
हनुमान बेनीवाल ने आगे कहा, "आज हम मांग कर रहे हैं कि जिस तरह मंत्री और विधायक गिरफ्तार हो सकते हैं, वैसे ही आरपीएससी को भी भंग किया जा सकता है। भजनलाल जी (राज्यपाल) को एक चिट्ठी भेजनी है और आयोग रद्द हो जाएगा। फिर यूपीएससी की तर्ज पर इसका पुनर्गठन किया जाएगा।"
उन्होंने भर्ती प्रणाली की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार बजट में पदों की घोषणा तो करती है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं होता कि वे किस विभाग में और कैसे भरे जाएंगे।
भर्ती घोटालों की सीबीआई जांच और खाली पद भरने की मांग
बेनीवाल ने प्रदेश में हुए सभी भर्ती घोटालों की सीबीआई जांच कराने की मांग दोहराई और कहा कि राज्य में करीब 4 लाख पद खाली पड़े हैं। इन सभी पदों को एकसाथ भरने के लिए सरकार को जल्द से जल्द कैलेंडर जारी करना चाहिए।
संविदाकर्मियों के नियमितीकरण की आवाज
आरएलपी प्रमुख ने संविदाकर्मियों की समस्या को भी मंच से उठाया। उन्होंने कहा कि, "राजस्थान में लाखों संविदाकर्मी पिछले 15 साल से कार्यरत हैं। हमारी मांग है कि उन्हें अब नियमित किया जाए।"
"1857 से भी बड़ी क्रांति" करार दिया आंदोलन को
बेनीवाल ने अपने आंदोलन को ऐतिहासिक बताते हुए कहा, "आज का आंदोलन 1857 की क्रांति से भी बड़ा है। जब 45 डिग्री तापमान में भी किसान का बेटा अपनी मांगों के लिए सड़क पर आया है, तो सरकार को यह जनआक्रोश समझना चाहिए।"
गौरतलब है कि एसआई भर्ती 2021 को लेकर कल हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। ऐसे में बेनीवाल की यह महारैली कोर्ट और सरकार दोनों पर दबाव बनाने की एक राजनीतिक कोशिश मानी जा रही है। पिछले एक महीने से वे लगातार आंदोलनरत हैं और यह रैली उसी श्रृंखला की अहम कड़ी थी।