भाजपा संगठन चुनाव: गुटबाजी और चयन प्रक्रिया ने बढ़ाई Rajasthan भाजपा की मुश्किलें !

Tuesday, Jan 28, 2025-02:59 PM (IST)

भाजपा संगठन में ब्लॉक अध्यक्षों के बाद अब जिला अध्यक्षों का चुनाव नियमों और औपचारिकता में उलझ गया है। संगठन की निर्वाचन यूनिट ने पहले विधायक और सांसद से चर्चा कर संभावित जिला अध्यक्षों के लिए दो से तीन लोगों का पैनल बनाया लेकिन इनमें से एक नाम पर सहमति बनाने में मुश्किल हो रही है। जिला अध्यक्षों का सहमति से नाम घोषित करने के बाद अब ब्लॉक अध्यक्षों की बैठकों में घोषणा की जा रही है लेकिन इसी प्रक्रिया से घोषित हुए ब्लॉक अध्यक्षों के नाम पर विवाद हो चुका है इसके बाद कई ब्लॉक अध्यक्षों की घोषणा पर पाबंदी लगाई जा चुकी है। राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष और प्रभारी राधा मोहन अग्रवाल के निर्देश के बाद भी जिला अध्यक्ष बनाने की प्रक्रिया बहुत ही धीमी है अब तक केवल 16 जिलों में अध्यक्ष नियुक्त हो पाए हैं भाजपा के 44 में से 28 जिला अध्यक्षों के नाम की घोषणा अभी बाकी है। इसके लिए केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश भाजपा को 31 जनवरी तक का समय दिया है इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा होगी।

अध्यक्ष के लिए दो से तीन नामों का पैनल

जिला अध्यक्ष के लिए दो से तीन नाम का पैनल तैयार किया गया है वर्तमान विधायक पूर्व विधायक विधानसभा चुनाव प्रत्याशी सांसद और पूर्व सांसद के साथ ही वर्तमान जिला अध्यक्ष से भी नाम मांगे हैं। इन नामों पर प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ और प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल ने विचार विमर्श कर केंद्रीय नेतृत्व को भिजवाया है। वहां से यह पैनल प्रदेश भाजपा को भेजा गया है। बीजेपी ने सोमवार को 11 जिलों में जिलाध्यक्षों का निर्वाचन किया। सभी जगह निर्विरोध तरीके से जिला अध्यक्ष चुने गए। दो दिन पहले भी बीजेपी ने 5 जिलाध्यक्षों का निर्वाचन किया था। ऐसे में अभी तक बीजेपी 16 जिलों में जिलाध्यक्ष बना चुकी है। संगठनात्मक दृष्टि से बीजेपी में 44 जिले हैं। ऐसे में अब 31 जनवरी तक बीजेपी को 28 जिलों में जिलाध्यक्षों का निर्वाचन करवाना है। सोमवार को हनुमानगढ़, नागौर शहर, नागौर देहात, बाड़मेर, कोटा शहर, कोटा देहात, बीकानेर देहात, श्रीगंगानगर, बालोतरा, जोधपुर शहर और जोधपुर जिलों में जिलाध्यक्षों का निर्वाचन हुआ। इससे पहले 25 जनवरी को भी भरतपुर, अलवर दक्षिण, अलवर उत्तर, अजमेर शहर और अजमेर देहात में बीजेपी जिलाध्यक्षों का निर्वाचन हुआ था। संगठन चुनावों में फिलहाल बीजेपी तय कार्यक्रम से एक महीने पीछे चल रही है। बीजेपी को 30 दिसंबर 24 तक जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा करनी थी। इसके बाद 15 जनवरी तक प्रदेशाध्यक्ष का निर्वाचन होना था। अब बीजेपी ने 31 जनवरी तक जिलाध्यक्ष और 5 फरवरी तक प्रदेशाध्यक्ष का निर्वाचन करना तय किया है।

इन वजह से चुनावों में पिछड़ा भाजपा संगठन

सर्वसम्मति पर विवाद :

केंद्रीय नेतृत्व ने बूथ मंडल और जिला अध्यक्षों का निर्वाचन सर्वसम्मति से करवाने के लिए निर्देश दिए थे। प्रदेश में 52163 बूथ 1135 मंडल और 44 जिला अध्यक्षों का चुनाव हो रहा है। बूथ व मंडल अध्यक्षों के चुनाव में वर्तमान विधायक पूर्व विधायक और सांसदों का दखल रहा। जनप्रतिनिधि अपने गुट के कार्यकर्ता को अध्यक्ष बनने में जोर आजमाइश करते दिखे।

आयु व योग्यता की पाबंदी:

मंडल अध्यक्ष की उम्र 35 से 45 साल और जिला अध्यक्ष की उम्र 45 से 60 वर्ष रखी गई है। वही मंडल और जिला अध्यक्ष बनने के लिए पहले से किसी पद पर होने वाले सक्रिय कार्यकर्ता को प्राथमिकता देने की शर्त भी लगा दी। अपराधिक रिकॉर्ड वाले कार्यकर्ता को अध्यक्ष नहीं बनाने के निर्देश हैं। इसके साथ ही इनका सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी जांच जा रहा है।

कई जगह एक से ज्यादा प्रत्याशी :

जिला अध्यक्ष का चुनाव करने के लिए पदाधिकारी बैठके ले रहे हैं।  इस दौरान कई जगह एक से ज्यादा प्रत्याशी नामांकन दाखिल कर रहे हैं। उसे भी चुनाव टीम को मैनेज करना पड़ रहा है। जिला अध्यक्षों के निर्वाचन में इन पैनल नाम में से एक नाम फाइनल करने में समय लग रहा है।


Content Editor

Rahul yadav

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