ग्राम पंचायतों पर गिरी सरकार की गाज! 100 से ज्यादा प्रशासकों पर ऐसे हुई कार्रवाई
Monday, Dec 01, 2025-04:28 PM (IST)
जयपुर। राजस्थान में ग्राम पंचायत चुनाव टालने के बाद सरकार ने वर्तमान सरपंचों को ही प्रशासक नियुक्त कर दिया था, इतना ही नहीं बल्कि इन प्रशासकों पर कार्रवाई करने की कलेक्टर तक की शक्तियों को कम कर दिया गया था। लेकिन अब ऐसे प्रशासकों पर ही सरकार की गाज गिरी है जहां काम नहीं हुए, वहीं प्रशासक बने सरपंचों का कहना है कि उन्हें फंड ही नहीं मिला। बरहाल, इसको लेकर 100 से ज्यादा प्रशासक बने सरपंचों पर कार्रवाई हुई है।
राजस्थान में चुनाव समय पर नहीं होने से केंद्र ने प्रोजेक्टों के 3000 करोड़ रुपए रोक लिए हैं। फंड नहीं मिलने से विकास और सफाई जैसे काम बंद हो गए हैं। काम न होने पर सरकार ने 100 से अधिक पंचायतों में प्रशासकों पर एक्शन लिया है और 25 को बर्खास्त कर दिया है। वहीं, दूसरी तरफ सरपंच संघ का कहना है कि प्रदेश को डेढ़ साल से कई प्रोजेक्टों के लिए केंद्र से मिलने वाला पैसा नहीं आया है।
आपको बता दें कि राज्य में 13 जनवरी से पंचायतों में प्रशासक लगाए गए थे। अब एक साल गुजर जाने के बाद भी ये प्रशासक हैं। इधर, सरकार वन स्टेट वन इलेक्शन की मंशा जाहिर कर चुकी है और राज्य निर्वाचन आयोग भी दिशा में काम कर रहा है। हाईकोर्ट ने चुनाव जल्द कराने की दिशा में दिशा-निर्देश दे रखे हैं। हालांकि एसआईआर से पहले चुनाव संभव नहीं है। साथ ही ओबीसी प्रतिनिधितित्व आयोग की रिपोर्ट भी आनी है। ऐसे में मई-जून तक पंचायत और निकाय चुनाव के आसार दिख रहे हैं।
यह भी कहा जा रहा है कि वित्त आयोग द्वारा फंड रोके जाने के पीछे पंचायती राज चुनाव नहीं होने को कारण माना जा रहा है। केंद्रीय वित्त आयोग की स्पष्ट गाइड लाइंस है कि जो राज्य समय पर पंचायत चुनाव नहीं कराते हैं, उन्हें फंड जारी नहीं होगा। चुने हुए जनप्रतिनिधि ही ग्राम पंचायत की धुरी हैं। ऐसे में जब चुनाव ही नहीं हुए तो बजट क्यों जारी करें। केंद्रीय वित्त आयोग से वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली किस्त 1300 करोड़ की जून-जुलाई में आनी थी, जबकि 1800 करोड़ की दूसरी किस्त नवंबर में राज्य सरकार को मिलनी थी। वित्त आयोग यह राशि जनसंख्या के हिसाब से देता है। ऐसे में यह राशि घटती-बढ़ती रहती है। केंद्र सरकार ने टाइड और अनटाइड फंड के तहत राज्य को दिए जाने वाली 3 हजार करोड़ रुपए का राशि एक रुपया भी राजस्थान को नहीं दिया है।
सरकार से फंड नहीं मिलने का असर ये हुआ कि सड़कों एवं सार्वजनिक स्थलों की नियमित सफाई व्यवस्था नहीं हुई। फंड रिलीज नहीं होने से गांवों में पेयजल आपूर्ति, शौचालय निर्माण जैसे कई विकास कार्य रुके हुए हैं। यहां तक कि करीब सवा लाख पंच और 11 हजार से ज्यादा सरपंचों को एक साल से मानदेय तक नहीं मिला है।
