किराये पर मकान, दुकान, फ्लैट लेने वाले सावधान! ये काम नहीं किया तो मुश्किल में पड़ेंगे मालिक व किरायेदार
Thursday, Dec 11, 2025-04:14 PM (IST)
जयपुर। राजस्थान में किराये पर मकान, दुकान, फ्लैट लेने वालोंं को अब जरा सावधान हो जाने की जरूरत है क्योंकि इसको लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। जिसके चलते अब किरायानामा को रजिस्टर्ड करवाना जरूरी हो गया है। यदि ऐसा नहीं हुआ तो कानूनी विवाद की स्थिति में मकान मालिक और किराएदार दोनों मुश्किल में पड़ सकते हैं। गौरतलब है कि प्रोपर्टी के मालिक पहले रजिस्ट्रेशन से बचने के लिए 11 माह का एग्रीमेंट बना लेते थे। इससें मकान मालिक और किराएदार रजिस्ट्री के पैसे देने से बच जाते थे। लेकिन नए नियम में रजिस्ट्री अनिवार्य है।
आपको बता दें कि राजस्थान सरकार ने रजिस्ट्रीकरण नियम में हाल ही में संशोधन किया है। नए प्रावधानों के मुताबिक अब 1 साल या उससे कम अवधि के लिए भी किराए पर दी जाने वाली संपत्ति के किरायानामे की रजिस्ट्री करवानी होगी। उल्लेखनीय है कि अभी तक किरायानामा का रजिस्ट्रेशन 1 साल या उससे ज्यादा की अवधि का होने पर ही किया जाता था। लेकिन इसकी जगह लोग 11 महीने का एग्रीमेंट बनवा लेते थे, इससे राज्य सरकार को रेवेन्यू का नुकसान होता था।
नए नियमों के मुताबिक किरायानामे की रजिस्ट्री में स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस की गणना भी अलग-अलग समयावधि के लिए अलग-अलग रहेगी। 11 माह तक अगर कोई संपत्ति किराए पर ली जाती है तो किरायानामा के लिए स्टाम्प ड्यूटी ली गई संपत्ति के बाजार मूल्य का 0.02 फीसदी की दर से लगेगी। वहीं, रजिस्ट्रेशन फीस कुल स्टाम्प ड्यूटी की कीमत के 20 फीसदी राशि के बराबर ली जाएगी। बड़ी बात यह है कि यदि कोई संपत्ति 30 साल या उससे ज्यादा समय के लिए किराए पर ली जाती है तो उसके किरायानामा की रजिस्ट्री एक सामान्य प्रॉपर्टी के खरीद-बेचान के समय होने वाली रजिस्ट्री की तरह होगी।
