राजस्थान की चट्टानों में मिला ऐसा खजाना, 8 साल में अमीर हो सकता है पूरा भारत
Monday, Dec 01, 2025-04:15 PM (IST)
जयपुर। क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान भारत का सबसे बड़ा राज्य है, जहां कई तरह की संस्कृतियों के साथ ही धरातलीय विभिन्नताएं भी पायी जाती है। वहीं, राजस्थान में ही दुनिया की सबसे पुरानी पर्वतमाला अरावली भी स्थिति है जहां कई तरह के खनिज मौजूद हैं। जब यहां पर थार का मरूस्थल भी है जो अब सोना उगल रहा है जो पेट्रोल समेत कई तरह के खनिज उगल रहा है। इसी कड़ी में थार के रेगिस्तान में मौजूद बाड़मेर जिले के सिवाना रिंग कॉम्प्लेक्स को खास गुणवत्ता वाले रेयर अर्थ मैटेरियल मिला है जिसके चलते यह दुनिया के सबसे समृद्ध खजानों में से एक बताया जा रहा है।
इन चट्टानों में इलेक्ट्रिक कार, मोबाइल और रॉकेट से लेकर न्यूक्लियर पावर तक का पूरा कच्चा माल मौजूद है। देश के प्रमुख संस्थानों की नई रिपोर्ट में कहा गया कि जहां बाकी जगह रेयर अर्थ एलिमेंट्स का औसत घनत्व 100 से 200 पीपीएम मिले हैं, सिवाना में इससे करीब 100 गुना ज्यादा दर्ज हुआ है। यह क्षेत्र इनके उत्पादन में भारत को आत्मनिर्भरता दिलाने और दुनिया में आगे रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार सिवाना की चट्टानों में आरईई की भरमार है। उदाहरण के लिए नियोबियम की मात्रा 246 से 1681 पीपीएम और जिरकोनियम की 800 से 12 हजार पीपीएम तक है।
भारत का लक्ष्य रेयर अर्थ तत्त्वों और सुपर मैग्नेट में आत्मनिर्भरता हासिल करना है। चीन द्वारा इसके निर्यात पर नियंत्रण के बाद दुनिया में इन्हें लेकर चिंताएं बढ़ी हैं। इसे देखते हुए भारत ने इनकी खोज व अनुसंधान को तेज किया है और नीलामी प्रक्रिया भी जारी हैं। तेजी से काम हो तो अगले 5 से 8 वर्ष में भारत को आत्मनिर्भरता हासिल हो सकती है।
करीब 70 से 80 करोड़ वर्ष पहले ज्वालामुखी से बने हिस्सों को ही सिवाना रिंग कहते हैं। ये चट्टानें बाकी जगहों से अलग हैं। क्योंकि इनमें रेयर अर्थ एलिमेंट और कुछ खास मेटल की भरमार है। यह खजाना पृथ्वी के मैंटल यानी सतह से 35 से 3000 किमी गहराई से ज्वालामुखी के जरिए ऊपर पहुंचा। ज्वालामुखी से निकला लावा और मैग्मा के ठोस हो जाने और पानी व कई गैसों की वजह से परतों में जमा हुआ। आपको बता दें कि बाड़मेर की चट्टानों में मिले इस खजाने में गिटिन्साइट, पायरोक्लोर, पेरिसाइट, एलानाइट और सिलिकेट शामिल है जो काफी प्रीसियस है।
