राजस्थान के इन स्कूलों पर लगेगा ताला !
Saturday, Jan 18, 2025-12:55 PM (IST)
राजस्थान में 259 स्कूलों का विलय: शिक्षा सुधार की दिशा में कदम
राजस्थान में भजनलाल सरकार ने एक बार फिर 259 स्कूलों को बंद कर अन्य स्कूलों में मर्ज करने का निर्णय लिया है। शुक्रवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी किए। प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थित इन स्कूलों को शैक्षणिक पुनर्गठन के तहत मर्ज किया गया है। इससे पहले भी सरकार द्वारा 190 स्कूलों को मर्ज किया गया था।
स्कूल मर्जिंग प्रक्रिया
शून्य नामांकन वाले स्कूलों का विलय
शिक्षा निदेशक के आदेश के अनुसार, जिन स्कूलों में शून्य नामांकन था, उन्हें अधिक नामांकन वाले स्कूलों में समाहित किया गया है। इस प्रक्रिया में 14 स्कूलों को उन स्कूलों में मर्ज किया गया, जहां पहले से पर्याप्त संख्या में छात्र नामांकित हैं। इसके अलावा, कई स्कूलों को उनके नजदीकी स्कूलों में समाहित किया गया, जिससे छात्रों की सुविधा सुनिश्चित की जा सके।
विभिन्न स्तरों पर स्कूलों का समायोजन
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प्रारंभिक शिक्षा से माध्यमिक शिक्षा में एक स्कूल को जोड़ा गया।
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प्राथमिक और उच्च प्राथमिक शिक्षा से संबंधित 200 स्कूलों को माध्यमिक शिक्षा में मर्ज किया गया, क्योंकि उनमें नामांकन शून्य था।
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कम नामांकन वाले 35 अन्य स्कूलों को भी बंद कर अन्य स्कूलों में समाहित करने का निर्णय लिया गया।
पहले भी हुआ था स्कूलों का विलय
8 जनवरी को सरकार ने 190 स्कूलों को मर्ज करने का आदेश जारी किया था, जिनमें से 169 स्कूलों में कोई छात्र नामांकित नहीं था। यह मर्जिंग प्रक्रिया प्रदेश के विभिन्न संभागों में लागू की गई, जिनमें जयपुर, कोटा, अजमेर, बीकानेर और उदयपुर प्रमुख हैं। इन जिलों के कई स्कूलों को समाहित कर शैक्षिक व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में कदम उठाए गए हैं।
शिक्षकों की स्थिति और स्थानांतरण
स्कूलों के मर्ज होने से वहां कार्यरत शिक्षकों को उन स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा, जहां शिक्षकों की कमी है। इससे शिक्षकों का समुचित उपयोग सुनिश्चित किया जा सकेगा।
राजकोषीय लाभ
इसके अलावा, कई स्कूल ऐसे भवनों में संचालित हो रहे थे, जिनका किराया सरकार को वहन करना पड़ रहा था। इन स्कूलों के मर्ज होने से सरकार को राजकोषीय लाभ होगा, क्योंकि अब किराए का अतिरिक्त भार नहीं उठाना पड़ेगा।
शिक्षकों की पदोन्नति
राजस्थान में थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादले अप्रैल में होने की संभावना है। वहीं, 17 जनवरी को 5012 उप प्रधानाचार्यों को पदोन्नत कर प्रधानाचार्य बनाया गया है।
प्रमोशन समिति का निर्णय
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सामान्य वर्ग: 3746 शिक्षक
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अनुसूचित जाति: 680 शिक्षक
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अनुसूचित जनजाति: 586 शिक्षक
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दिव्यांग वर्ग: 90 शिक्षक
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने सभी नव-प्रचारित प्रधानाचार्यों को बधाई दी और शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए सतत प्रयास जारी रखने का आग्रह किया।
सरकार के इस कदम से शिक्षा व्यवस्था को अधिक प्रभावी और सुव्यवस्थित बनाने की दिशा में सुधार की उम्मीद है। स्कूलों के मर्ज होने से संसाधनों का बेहतर प्रबंधन संभव होगा, जिससे छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त हो सकेगी।