किरोड़ी और फोन टैपिंग विवाद पर जूली का रिएक्शन

Thursday, Feb 20, 2025-04:25 PM (IST)

राजस्थान की राजनीति में भूचाल:किरोड़ी लाल मीणा और फोन टैपिंग विवाद

राजस्थान सरकार के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा द्वारा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ को ईमेल के जरिए भेजे गए नोटिस के जवाब की प्रति कांग्रेस के हाथ लग गई है। इस दस्तावेज़ के सामने आने के बाद कांग्रेस ने इसे विधानसभा में भजनलाल सरकार को घेरने के लिए हथियार बना लिया।

गुरुवार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया और सरकार से जवाब मांगा। उन्होंने कहा, "किरोड़ी लाल मीणा ने अपने लिखित जवाब में कहीं भी फोन टैपिंग के आरोपों का खंडन नहीं किया है। उन्होंने केवल सार्वजनिक रूप से इस बात का खुलासा करने के लिए पार्टी से माफी मांगी है। यह स्पष्ट करता है कि फोन टैपिंग के आरोप निराधार नहीं हैं।"

फोन टैपिंग पर सरकार की सफाई

टीकाराम जूली का यह बयान तब आया जब गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने फोन टैपिंग के आरोपों पर सरकार की सफाई पेश की। बेढम ने सदन में कहा, "किरोड़ी लाल मीणा ने कुछ दिन पहले सरकार पर फोन टैपिंग के आरोप लगाए थे, जिन पर विपक्ष ने स्थिति स्पष्ट करने की मांग की थी। हालांकि, खुद किरोड़ी लाल मीणा ने सार्वजनिक रूप से इन आरोपों का खंडन कर दिया है। मैं पूरी जिम्मेदारी से सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि वर्तमान सरकार में किरोड़ी लाल मीणा का फोन टैप नहीं किया गया है।"

उन्होंने आगे कहा, "हमारी सरकार किसी भी तरह के अनैतिक कार्यों में शामिल नहीं है। विपक्ष बिना किसी ठोस प्रमाण के सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है। अगर कोई भी व्यक्ति यह साबित कर सके कि सरकार ने किसी का फोन टैप किया है, तो हम उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। लेकिन जब स्वयं किरोड़ी लाल मीणा ही इस आरोप को गलत बता चुके हैं, तो यह मुद्दा तूल क्यों दिया जा रहा है?"

विपक्ष का सवाल: किरोड़ी लाल मीणा पर कार्रवाई कब?

सरकार के इस जवाब के बाद भी नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने कहा, "मैं जवाहर सिंह बेढम के बयान से संतुष्ट हूं, लेकिन मेरा सवाल यह है कि झूठे आरोप लगाने वाले कैबिनेट मंत्री पर क्या कार्रवाई की जाएगी? यह पहली बार नहीं हुआ है जब किरोड़ी लाल मीणा ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "राइजिंग राजस्थान कार्यक्रम के दौरान भी उन्होंने खुद को मुख्यमंत्री के शक के घेरे में बताया था। उस समय उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री को शक था कि वे कार्यक्रम में हुड़दंग करवा सकते हैं। लेकिन तब भी सरकार ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की थी। अब जब किरोड़ी लाल मीणा ने इस्तीफा दे दिया है, तो उसे मंजूर क्यों नहीं किया जा रहा? अगर वे झूठ बोल रहे हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।"

जूली ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, "सरकार का यह रवैया यह साबित करता है कि वह अपने ही मंत्रियों पर कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं है। यदि कोई मंत्री सार्वजनिक रूप से सरकार पर आरोप लगाता है और बाद में पलट जाता है, तो इसका मतलब है कि या तो वह सच बोल रहा था, या फिर सरकार उसे बचाने की कोशिश कर रही है। दोनों ही स्थितियों में सरकार की भूमिका संदिग्ध लगती है।"

सदन में हंगामा और विपक्ष का वॉकआउट

इस पूरे घटनाक्रम के दौरान सदन में काफी हंगामा हुआ। कांग्रेस विधायकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और जवाब मांगने पर अड़ गए। हालांकि, सरकार ने इस मुद्दे पर कोई और टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और विपक्ष के सवालों को नजरअंदाज किया।

इससे नाराज होकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के विधायक सदन से वॉकआउट कर गए। विपक्ष का कहना था कि सरकार पारदर्शिता के साथ काम नहीं कर रही है और वह अपने ही मंत्री के बयान पर कार्रवाई करने से बच रही है।

राजनीतिक माहौल गर्म

इस घटनाक्रम के बाद राजस्थान की राजनीति में सरगर्मी बढ़ गई है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि किरोड़ी लाल मीणा और सरकार के बीच संबंध तनावपूर्ण हो सकते हैं। हालांकि, अभी तक सरकार ने उनकी किसी भी गतिविधि पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

भाजपा के भीतर भी इस मामले को लेकर मतभेद सामने आ सकते हैं। एक तरफ किरोड़ी लाल मीणा के आरोप हैं, तो दूसरी तरफ सरकार उन्हें झूठा बताने की कोशिश कर रही है। इससे पार्टी के अंदर विवाद बढ़ सकता है।

आगे की राह

अब सवाल यह उठता है कि भाजपा इस मामले को किस तरह संभालती है। क्या पार्टी किरोड़ी लाल मीणा पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगी या फिर यह मामला यूं ही ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा? विपक्ष इस मुद्दे को लगातार उठाकर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश करेगा।

इस पूरे प्रकरण ने न केवल राजस्थान सरकार को मुश्किल में डाल दिया है, बल्कि भाजपा संगठन के भीतर भी उथल-पुथल पैदा कर दी है। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और भी बड़े राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिल सकते हैं।


Content Editor

Liza Chandel

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