राजस्थान विधानसभा में फोन टैपिंग मामले में जोरदार हंगामा
Friday, Feb 07, 2025-12:41 PM (IST)
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राजस्थान विधानसभा में फोन टैपिंग विवाद पर हंगामा
राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के फोन टैपिंग के आरोपों को लेकर भारी हंगामा हुआ। जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्ष ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया और सरकार को घेरने की कोशिश की। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी से प्रश्नकाल शुरू होने से पहले इस मुद्दे पर चर्चा करने की अनुमति मांगी, लेकिन स्पीकर ने इसे अस्वीकार कर दिया।
कांग्रेस विधायकों का विरोध प्रदर्शन
विधानसभा अध्यक्ष की ओर से अनुमति नहीं मिलने पर कांग्रेस विधायकों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। वे वेल में आकर "तानाशाही नहीं चलेगी" और "फोन टैपिंग बंद करो" जैसे नारे लगाने लगे। कांग्रेस विधायकों ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री से सफाई देने की मांग की और अपने सिरों पर काली पट्टी बांधकर सदन में पहुंचे, जिससे माहौल और गर्मा गया।
सरकार की प्रतिक्रिया और पलटवार
हंगामे के बीच सरकारी मुख्य सचेतक योगेश्वर गर्ग और जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, "कांग्रेस के शासन में खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर उनके ही डिप्टी सीएम रहे सचिन पायलट ने फोन टैपिंग का आरोप लगाया था। अब कांग्रेस इस मुद्दे पर सवाल कैसे उठा सकती है?"
मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने फोन टैपिंग को लोकतंत्र के खिलाफ बताते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से इस्तीफा देने की मांग की। उन्होंने कहा, "अगर कांग्रेस के शासन में फोन टैपिंग गलत थी, तो क्या अब भाजपा सरकार में इसे सही ठहराया जाएगा?"
प्रश्नकाल के दौरान भी हंगामा जारी
स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कांग्रेस की मांग को खारिज करते हुए कहा कि प्रश्नकाल को बाधित नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद कांग्रेस विधायकों ने विरोध जारी रखा। शोरगुल के बीच भाजपा और निर्दलीय विधायकों ने प्रश्नकाल के दौरान अपने सवाल पूछना शुरू कर दिया। वहीं, कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह खाचरियावास ने सरकार पर जमकर हमला बोला और फोन टैपिंग को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी।
फोन टैपिंग विवाद की पृष्ठभूमि
कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने हाल ही में दावा किया था कि सरकार उनके फोन कॉल्स की निगरानी कर रही है और उन पर सीआईडी को नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा था कि उन्होंने कुछ भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर किया था, जिसके बाद उन्हें टारगेट किया जाने लगा।
राजस्थान की राजनीति में बढ़ता तनाव
फोन टैपिंग विवाद के बाद राजस्थान की राजनीति गरमा गई है। विपक्ष इसे निजता के हनन से जोड़ रहा है, जबकि सरकार इसे कांग्रेस की दोहरी राजनीति बता रही है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस मामले में क्या सफाई देती है और क्या कांग्रेस इसे लेकर आगे कोई कदम उठाती है।