संत रामपाल महाराज ने जेल से ही कर दिया कमाल! राजस्थान के हजारों ग्रामीणों को दी ये मदद
Thursday, Dec 11, 2025-04:29 PM (IST)
जयपुर। पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में अपनी खास पहचान रखने वाले बाबा रामपाल वैसे तो कई विवादों से घिरे हैं। उन पर कई संगीन मामले दर्ज हैं और 2014 से ही वो जेल में अपनी सजा काट रहे हैं। लेकिन जेल में रहकर उन्होंने प्रदेश के भरतपुर में कुछ ऐसा काम करवाया है, जिसकी खूब चर्चा हो रही है।
खबर है कि संत रामपाल महाराज ने भरतपुर के पास जौंधी और नगला चाहरा जैसे गांवों में बाढ़ राहत और पानी निकासी के लिए निर्माण कार्य जैसे पाइप और मोटर लगवाने के काम किए हैं, जिससे ग्रामीणों को मदद मिली है। बता दें कि बाबा रामपाल अपने अनुयायियों के जरिए अन्नपूर्णा मिशन चला रहा है, जिसके करवाए गए उनके इस काम भी सोशल मीडिया पर भी खूब तारीफ मिल रही है। इस खबर के जरिए जानें बाबा रामपाल के बारे में ।
संत रामपाल महाराज के नाम से फेमस बाबा का जन्म हरियाणा के सोनीपत में हुआ। बाबा रामपाल का ताल्लुक यहां जिले के एक छोटे से गांव धनाना से है। गांव से पढ़ाई पूरी करने के बाद बाबा रामपाल को हरियाणा सरकार में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की नौकरी मिल गई। इंजीनियर की नौकरी के दौरान ही रामपाल की मुलाकात 107 साल के कबीरपंथी संत स्वामी रामदेवानंद महाराज से हुई। यहीं से रामपाल के बाबा बनने का सफर शुरू हुआ।
इसके बाद रामपाल सिंह जगतगुरु रामपाल बन गए और आश्रम में रहने लगे। नौकरी छोड़ दी और लोगों को प्रवचन देने लगे। बाबा रामपाल के धार्मिक सफर की शुरुआत 1980 से बताई जाती है। उन्होंने अपने गुरु स्वामी रामदेवानंद जी से दीक्षा ली। रामपाल ने भी अपने गुरू की तरह कबीरपंथ की शिक्षाओं का प्रचार करना शुरू कर दिया। कुछ समय बाद, उन्होंने अपने अनुयायियों के लिए सतलोक आश्रम की स्थापना की। उनके उपदेशों ने कई लोगों को आकर्षित किया, और उनके अनुयायियों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी।
बाबा रामपाल के जीवन में विवादों की शुरुआत साल 2006 में हुई। दरअसल, रामपाल ने स्वामी दयानंद की लिखी एक किताब पर एक टिप्पणी की थी। इसके बाद आर्य समाज बाबा रामपाल के खिलाफ खड़ा हो गया। आर्यसमाज और बाबा के अनुयायियों के बीच संघर्ष हुआ, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई। इस घटना के बाद, रामपाल पर हत्या का मामला दर्ज हुआ। पुलिस ने आश्रम को अपने कब्जे में लिया। रामपाल और उनके 24 समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया गया। 2008 में बाबा जेल से बाहर आ गए और 2009 में बाबा रामपाल को आश्रम वापस मिल गया।
लेकिन साल 2013 में एक बार फिर बाबा और आर्य समाज के लोगों में संघर्ष हुआ। इस दौरान झड़प में तीन लोगों की मौत हो गई। करीब 100 लोग घायल हो गए। 2014 में, रामपाल के खिलाफ अदालत में पेश न होने के कारण अवमानना के आरोप में गिरफ्तारी का आदेश किया। बाबा रामपाल अभी भी जेल में है। बाबा रामपाल पर कई आरोप लगे, जिनमें हत्या, अवैध हथियार रखना, और दंगा करना शामिल थे। वहीं उनके अनुयायी अब भी उनकी शिक्षाओं में विश्वास करते हैं और उन्हें आदर देते हैं।
