हथियार तस्करी का ''अंकल'' लखनऊ से गिरफ्तार: एजीटीएफ और प्रतापगढ़ पुलिस की बड़ी कार्रवाई
Wednesday, Jul 09, 2025-06:46 PM (IST)

जयपुर 09 जुलाई। महानिदेशक पुलिस द्वारा अवैध हथियार तस्करी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत प्रतापगढ़ पुलिस और एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स की टीम ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। एसपी प्रतापगढ़ विनीत कुमार बंसल के निर्देशानुसार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक परबत सिंह के मार्गदर्शन और एजीटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में कुख्यात हथियार सप्लायर प्रवीण वर्मा उर्फ अंकल को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है। यह वही प्रवीण है जिसने प्रतापगढ़ में पकड़े गए कुख्यात अपराधी सलमान को अवैध हथियार उपलब्ध कराए थे। यह मामला 28 जून 2025 को शुरू हुआ जब छोटीसादड़ी थानाधिकारी प्रवीण टांक ने राकेश राठौर पुत्र कचरु लाल निवासी गंगधार, झालावाड़ को एक ऑटोमेटिक देशी पिस्टल और दो खाली मैगजीन के साथ गिरफ्तार किया। राकेश से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने सलमान पुत्र शेरखान निवासी नागदा को गिरफ्तार किया और उसके पास से 14 देशी- विदेशी हथियार और 1860 कारतूस बरामद किए।
सप्लाई चेन का पर्दाफाश
घटना की गंभीरता को देखते हुए अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस अपराध श्री दिनेश एमएन के निर्देशन में एसपी बंसल ने हथियारों की सप्लाई करने वाले अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एक विशेष टीम का गठन किया। इस टीम ने गहनता से जांच की और 08 जुलाई को एजीटीएफ टीम और छोटीसादड़ी पुलिस टीम ने मिलकर आरोपी प्रवीण वर्मा उर्फ अंकल को लखनऊ जिला जेल से प्रोटेक्शन वारंट के जरिए गिरफ्तार किया। प्रवीण उर्फ अंकल फिरोजाबाद उत्तर प्रदेश के कोतवाली थाना क्षेत्र के काजीटोला मस्जिद के सामने का निवासी है, अपराध जगत में 'अंकल' के नाम से कुख्यात है। पूछताछ में पता चला है कि प्रवीण उर्फ अंकल ने राकेश और जितेंद्र सिंह उर्फ जीतू बिलोनी को ऑटोमेटिक और प्रतिबंधित हथियार व कारतूस दिए थे, जो अंततः कुख्यात अपराधी सलमान तक पहुंचे थे।
प्रवीण वर्मा पर पहले भी हथियार तस्करी और हत्या के प्रयास के कई मामले दर्ज हैं। पुलिस इस मामले में आगे की पूछताछ और अनुसंधान कर रही है ताकि इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके। अवैध हथियार तस्करी के इस बड़े खुलासे में दो पुलिस टीमों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। छोटीसादड़ी थाना से थानाधिकारी प्रवीण टांक के नेतृत्व में उप निरीक्षक निर्भय सिंह और नारायणलाल, सहायक उप निरीक्षक शिवराम और अर्जुन सिंह, हैड कांस्टेबल सुरेश और कांस्टेबल रामराज शामिल थे। वहीं एजीटीएफ जयपुर टीम में पुलिस निरीक्षक सुभाष सिंह, हैड कांस्टेबल कमल सिंह और सुरेश कुमार और कांस्टेबल नरेश और कांस्टेबल चालक सुरेश ने अपनी भूमिका निभाई, जिससे कुख्यात अपराधी प्रवीण उर्फ अंकल को दबोचने में सफलता मिली।