स्वास्थ्य तंत्र को चमकाने का मिशन, राजस्थान में 81 अस्पतालों का व्यापक निरीक्षण

Thursday, May 29, 2025-08:04 PM (IST)

राजस्थान सरकार ने प्रदेश में चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के निर्देशानुसार आगामी शुक्रवार को राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों और उनसे संबद्ध 81 अस्पतालों में सघन निरीक्षण अभियान चलाया जाएगा। यह विशेष निरीक्षण चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव अंबरीष कुमार के मार्गदर्शन में संचालित होगा, जिसका उद्देश्य अस्पताल परिसरों की स्वच्छता, बुनियादी ढांचे की स्थिति और चिकित्सा संसाधनों की उपलब्धता का मूल्यांकन करना है।

इस निरीक्षण अभियान के लिए राज्यभर में कुल 33 टीमें गठित की गई हैं, जिनमें वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, तकनीकी विशेषज्ञ, स्वच्छता निरीक्षक और चिकित्सा अधिकारी शामिल हैं। लगभग 150 से अधिक अधिकारी और कर्मचारी समन्वित रूप से कार्य करेंगे और निरीक्षण के बाद उसी दिन अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। यह रिपोर्ट सुधारात्मक कार्यों के लिए आधार बनेगी।

निरीक्षण के दौरान अस्पताल भवनों की स्थिति, वार्डों की साफ-सफाई, बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण, पेयजल, बिजली और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता की जांच की जाएगी। साथ ही अग्निशमन उपकरणों की क्रियाशीलता और मरम्मत से जुड़ी प्रशासनिक स्वीकृतियों की स्थिति को भी परखा जाएगा। मरीजों की सुविधा, सुरक्षा व्यवस्था, मच्छरदानी व खिड़की जालियों की उपस्थिति जैसे बिंदु भी जांच के दायरे में रहेंगे।

इस अभियान में स्वच्छता और सुरक्षा को लेकर कई नवाचार भी शामिल किए गए हैं। शौचालयों की सफाई का जिम्मा सुलभ इंटरनेशनल को सौंपा गया है, जबकि भवनों की आकस्मिक मरम्मत के लिए पीडब्ल्यूडी के माध्यम से 24 घंटे उपलब्ध चौकियों की स्थापना की जा रही है। इसके अतिरिक्त, अस्पताल परिसरों की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु CISF को सुरक्षा जिम्मा सौंपने की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है।

चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव अंबरीष कुमार ने कहा कि यह निरीक्षण अभियान सिर्फ एक दिन का नहीं होगा, बल्कि भविष्य में नियमित रूप से किया जाएगा ताकि चिकित्सा संस्थानों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके। उनका मानना है कि यह पहल राजस्थान को स्वास्थ्य सेवाओं में अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में एक ठोस और प्रभावी कदम साबित होगी।

इन मानदंडों पर होगा अस्पतालों का मूल्यांकन

 • भवन की स्थिति (नया, पुराना, जर्जर, किराए का)।

* बाउंड्रीवाल और सुरक्षा व्यवस्था (सीसीटीवी, गार्ड)।

 • परिसर में साफ-सफाई और कचरा निपटान की व्यवस्था।

  • वार्डों, स्वागत कक्षों, चिकित्सा कक्षों और नर्सिंग कक्षों में साफ-सफाई की आवृत्ति (दिन में एक बार, दो बार, या नहीं)।

   •  बायोमेडिकल कचरे का निस्तारण और कचरा पात्रों की उपलब्धता (रंग-कोडिंग के अनुसार)।

   • बैड शीट, परदों और गद्दों की स्वच्छता और स्थिति।

   • भवनों में मरम्मत की आवश्यकता (दीवारें, छत, फर्श, खिड़कियां)।

   •  बिजली और पानी की आपूर्ति की स्थिति।

   • अग्निशमन उपकरणों की स्थिति

   •  मरम्मत कार्यों के लिए प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति की स्थिति।

   • रैंप, लिफ्ट, और शौचालयों की स्थिति।

   • मच्छरदानी और खिड़कियों की जाली की उपलब्धता।

   • कर्मचारियों और मरीजों के लिए पेयजल और अन्य सुविधाएं।


Content Editor

Raunak Pareek

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