Rajasthan: जेजेएम में 900 करोड़ के घोटाले में ईडी ने पेश की चार्जशीट, बेटे की कंपनी में कमीशन का पैसा लगवाते थे महेश जोशी
Tuesday, Jun 24, 2025-01:26 PM (IST)

Rajasthan News: जयपुर जल जीवन मिशन में 900 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला, महेश जोशी और बेटे सहित 18 के खिलाफ ईडी की चार्जशीट दाखिल
जयपुर — राजस्थान में बहुचर्चित जल जीवन मिशन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व मंत्री महेश जोशी, उनके बेटे रोहित जोशी और उनकी फर्म सुमंगलम लैंडमार्क एलएलपी सहित 18 लोगों के खिलाफ पूरक चार्जशीट विशेष अदालत में दाखिल की है। इस घोटाले में करोड़ों रुपये के टेंडर फर्जी तरीके से हासिल करने और रिश्वतखोरी के गंभीर आरोप हैं।
चार्जशीट में शामिल नाम
चार्जशीट में महेश जोशी, रोहित जोशी और उनके करीबी संजय बड़ाया के साथ-साथ कई ठेकेदारों और कंपनियों के नाम शामिल हैं:
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पदमचंद जैन (श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी)
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महेश मित्तल (गणपति ट्यूबवेल कंपनी)
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मुकेश पाठक, मायालाल सैनी, राकेश सिंह, प्रदीप कुमार, प्रवीण अग्रवाल, मलकत सिंह, विशाल सक्सेना, महेंद्र प्रकाश सोनी, हिमांशु रावत, नमन खंडेलवाल, तन्मय गोयल, हेमराज गुप्ता भी आरोपियों में शामिल हैं।
ED की चार्जशीट: पीएमएलए की धारा 3 और 4 के तहत कार्रवाई
ईडी की ओर से पेश चार्जशीट में बताया गया कि घोटाले की रकम को सुमंगलम लैंडमार्क एलएलपी में निवेश किया गया। इस धन को महेश जोशी के करीबी संजय बड़ाया के माध्यम से घुमाया गया। टेंडर प्रक्रिया में फर्जी दस्तावेजों के जरिए बड़े पैमाने पर अनियमितताएं और रिश्वत का लेन-देन हुआ।
2021 से शुरू हुई थी जांच, एसीबी की पहली गिरफ्तारी
इस पूरे घोटाले की शुरुआत अगस्त 2021 में हुई जब एसीबी ने जयपुर के एक होटल से जलदाय विभाग के अधिकारियों और ठेकेदारों को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। इसके बाद नीमराणा और बहरोड़ में भी छापेमारी की गई और कई गिरफ्तारियां हुईं। इस खुलासे के बाद ईडी और फिर सीबीआई ने जांच अपने हाथ में ली।
फर्जी अनुभव पत्र से करोड़ों के टेंडर
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श्रीगणपति ट्यूबवेल कंपनी ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्रों के आधार पर 68 निविदाओं में भाग लिया और 31 में सफल होकर 859.2 करोड़ के टेंडर प्राप्त किए।
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श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी ने 169 निविदाओं में भाग लेकर 73 टेंडर जीते और 120.25 करोड़ के ठेके लिए।
अब तक 47.80 करोड़ की संपत्ति अटैच
ईडी ने जांच के दौरान महेश जोशी परिवार की सांगानेर स्थित दो संपत्तियां, संजय बड़ाया की 8 संपत्तियां, महेश मित्तल की 25 करोड़, और पदमचंद जैन की 5 करोड़ की संपत्तियां अटैच कर दी हैं।
टेंडर प्रक्रिया में व्यापक भ्रष्टाचार के आरोप
ईडी की चार्जशीट में बताया गया है कि कई इंजीनियरों से मिलीभगत कर गलत तरीके से टेंडर आवंटन किए गए। आरोपियों ने जालसाजी, मनी लॉन्ड्रिंग और आपराधिक षड्यंत्र के जरिए जल जीवन मिशन जैसी महत्त्वपूर्ण योजना को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया।
अब अगली कार्रवाई की तैयारी में ईडी
4 मई 2024 को ईडी ने सभी जरूरी दस्तावेज एसीबी को सौंप दिए थे। अब कोर्ट में चार्जशीट दाखिल होने के बाद, आगे की सुनवाई में गिरफ्तारी और ट्रायल की प्रक्रिया तेज़ हो सकती है।