राजस्थान में नकली खाद कांड: 11 अफसर सस्पेंड, 42 कंपनियों पर छापे

Friday, Jun 13, 2025-07:42 PM (IST)

जयपुर। नकली खाद मामले में राज्य कृषि सेवा के 11 अधिकारी सस्पेंड 29–30 मई को किशनगढ़ अजमेर में नकली खाद बनाने वाली कंपनियों पर कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीना की छापेमारी के बाद पूर्व में दिसंबर 2024 में कृषि विभाग के अधिकारियों की इन कंपनीयो के साथ गहरी सांठगांठ सामने आई, जिससे नकली खाद की ये कंपनियां वर्षों से बिना किसी रोक-टोक व डर के धल्लडे से संचालित की जारी रही थी इन कंपनियों में बनी नकली डीएपी, एनपीके, एसएसपी, एमओ पी व फ्रॉम आदि ने केवल राज्य में सप्लाई की जारी थी बल्कि देश के लगभग 15-16 अन्य राज्यों में भी सप्लाई की जा रही थी साथी तीन से चार कंपनियों में इफको के सागरिका जैसे उत्पाद भी बनाए जा रहे थे.

किशनगढ़ की फैक्ट्रीयो का अधिकारियों द्वारा 30 दिसंबर 2024 को निरीक्षण किया गया था लेकिन इस निरीक्षण में किसी भी अधिकारी ने इन कंपनियों के गोरख धंधे का भांडाफोड़ नहीं किया बल्कि निरीक्षण रिपोर्ट को ही दबा कर इतिश्री कर ली गई .. 
कंपनी संचालकों व गोपनीय सूत्रों द्वारा भी यह बात कृषि मंत्री के कानों तक पहुंचने पर मंत्री ने तत्काल इस पत्रावली को बाहर निकलवाकर जांच करने पर खबर सही पाई गई ..इस प्रकार इन अधिकारियों द्वारा घोर लापरवाही बरतने व उर्वरक विर्निमाण इकाई मालिकों के साथ गहरी सांठ-गाठ कर नकली उर्वरक किसानों को उपलब्ध कराने में प्रथम दृष्ट्या पूर्ण संलिप्तता पाए जाने पर श्री बंशीधर जाट, तत्कालीन उप निदेशक कृषि (गु.नि.), श्री ज्वाला प्रताप सिंह, सहायक निदेशक कृषि (गु.नि.), श्री गोविन्द सिंह नरूका, सहायक निदेशक कृषि (पौ.सं.), श्री मुकेश कुमार चौधरी, सहायक निदेशक कृषि (पौध संरक्षण), श्री राजवीर ओला, कृषि अधिकारी (योजना), श्री सौरभ गर्ग, तत्कालीन कृषि अधिकारी, अजमेर, श्री मुकेश कुमार माली, तत्कालीन कृषि अधिकारी, अजमेर एवं हाल संयुक्त निदेशक कृषि  ब्यावर, श्री कैलाश चन्द्र शर्मा, तत्का० कृषि अधिकारी हाल उप परियोजना निदेशक (आत्मा), अजमेर  को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है व इनके खिलाफ अनुशासनिक कार्यवाही करते हुए अधिकारियों को राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1958 के नियम 13 (1) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निलंबित किया गया है।

   इसी तरह कार्यालय संयुक्त निदेशक कृषि (वि.) जिला परिषद जयपुर के द्वारा उर्वरकों से अवैध भण्डारण की शिकायत मिलने पर जब्ती की कार्यवाही करने के लिए शिकायती स्थल पर (आदान निरीक्षकों) नहीं पहुंचने की गंभीर लापरवाही एवं उच्च अधिकारियों के आदेश की अवहेलना किये जाने पर श्री लोकेन्द्र सिंह, सहायक निदेशक कृषि (मुख्यालय), श्री सुनील कुमार बरडिया, कृषि अधिकारी (सामान्य) एवं श्री प्रेम सिंह कृषि अधिकारी (मिशन), कार्यालय संयुक्त निदेशक कृषि (वि.) जिला परिषद जयपुर  के विरुद्ध अनुशासनिक कार्यवाही करते हुए निलंबित किया गया है।

अत उक्त सभी अधिकारियों का  निलंबनकाल में मुख्यालय कृषि आयुक्तालय, राज. जयपुर रहेगा। 

कृषि मंत्री द्वारा गंगानगर में कार्यवाही-


3-4 जून को श्री गंगानगर में घटिया बीज बनाने वाली कंपनियों पर छापेमारी के दौरान भारी अनियमितता मिली मौके पर 14 कंपनियों को सीज कर कानूनी कार्यवाही की गई। अधिकारियों की अनियमितता व कार्यप्रणाली संदेहास्पद पाई गई है जिससे गंगानगर जिले के कई अधिकारियों पर भी जल्द कार्यवाही हो सकती है। 

जयपुर में नक़ली पेस्टीसाइड और भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित फ़ोरेट जैसे घातक रसायन निर्माताओं पर कार्यवाही-
नकली खाद व घटिया बीज पर की गई कार्रवाई के बाद 11 जून को कृषि मंत्री ने जयपुर के बगरू में रात्रि 2.30 बजे पेस्टिसाइड निर्माता एडवांस एग्रो लाइफ लिमिटेड के साथ ही दो अन्य कंपनियां के गोदामो पर छापेमारी कर पाई गई अनियमिताओं पर कार्यवाही के निर्देश दिए इसके बाद जयपुर वीकेआई एरिया में इंडोफिल, उदित एग्रो इंडस्ट्रीज, श्री राम कृषि रसायन की 2 कंपनियो व न्यू केम एग्रो प्राइवेट लिमिटेड आदि कंपनियों पर छापेमारी की कार्रवाई की जिसमें श्री राम कृषि रसायन कंपनी पर भारत सरकार द्वारा प्रतिबंध बहुत ही घातक रसायन फोरेट भी भारी मात्रा में मिला है जिसका निर्माण व विक्रय करना भारत में पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है उक्त सभी कंपनियो के गोदामो को सीज करते हुए पेस्टिसाइड कानून 1968 के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है

गत 14 दिन में कृषि मंत्री डॉ किरोड़ी लाल तीन जिले किशनगढ़ (अजमेर) ,श्री गंगानगर, और जयपुर की कुल 42 कंपनियों पर तावातोड़ कार्यवाही की आने बाले समय में ये अभियान अंनदाता को असली खाद , बीज व रसायन उपलव्ध कराने हेतु जारी रहेगा।


Content Editor

Sourabh Dubey

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