उदयपुर के फलासिया में कीचड़ में फंसी टैक्सी, चारपाई पर कराया प्रसव

Monday, Jul 28, 2025-12:33 PM (IST)

उदयपुर के फलासिया में कीचड़ में फंसी टैक्सी, चारपाई पर कराया प्रसव: ग्रामीण महिलाओं ने दिखाई अद्भुत संवेदनशीलता और साहस

उदयपुर, 27 जुलाई (पंजाब केसरी/विशेष संवाददाता)
राजस्थान के आदिवासी बहुल उदयपुर जिले के फलासिया क्षेत्र में रविवार को एक ऐसा मानवीय दृश्य सामने आया, जिसने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा, सड़कों की खराब स्थिति और जनजीवन की सच्चाई को एक साथ उजागर कर दिया। गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाते समय टैक्सी कीचड़ में फंस गई और अंततः ग्रामीण महिलाओं ने चारपाई पर पर्दा लगाकर सड़क पर ही सुरक्षित प्रसव कराया। यह घटना जितनी मार्मिक है, उतनी ही प्रेरणादायक भी।


उपली सिगरी ग्राम पंचायत में प्रसव के दौरान सड़क बनी बाधा

घटना उपली सिगरी ग्राम पंचायत के खोखरिया फला की है, जहां रहने वाली 20 वर्षीय महिमा कुमारी, पत्नी अटल खोखरिया को रविवार सुबह प्रसव पीड़ा शुरू हुई। परिजनों ने तत्काल उन्हें टैक्सी के माध्यम से फलासिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाने की कोशिश की। लेकिन गांव से मुख्य सड़क तक का लगभग डेढ़ किलोमीटर लंबा कच्चा रास्ता, बारिश के चलते दलदल और कीचड़ में तब्दील हो चुका था।

टैक्सी बीच रास्ते में बुरी तरह फंस गई। हालात इतने खराब थे कि परिजन बाइक पर महिला को आगे ले जाने की कोशिश में भी असफल रहे। इस बीच महिमा की प्रसव पीड़ा गंभीर रूप से बढ़ गई और समय अत्यंत नाज़ुक हो गया।


संकट की घड़ी में ग्रामीण महिलाओं की अद्भुत पहल

ऐसे नाजुक समय में स्थानीय ग्रामीण महिलाओं ने गजब की सूझबूझ और साहस का परिचय दिया। उन्होंने आसपास से चारपाई और पर्दे की व्यवस्था की और खुले रास्ते में ही प्राकृतिक तरीके से सुरक्षित प्रसव कराया। गांव की इन महिलाओं ने न केवल मानवीयता का परिचय दिया, बल्कि यह भी साबित किया कि सामूहिक चेतना और संवेदनशीलता किसी भी आपदा को अवसर में बदल सकती है।

प्रसव के बाद नवजात शिशु और मां को सावधानीपूर्वक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, फलासिया पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने दोनों की हालत स्थिर और सुरक्षित बताई है।


मूलभूत सुविधाओं का अभाव: पंचायत का कबूलनामा

इस दर्दनाक मगर प्रेरणादायक घटना के बाद ग्राम पंचायत उपली सिगरी की सरपंच होमी देवी ने बताया कि खोखरिया फला से मुख्य सड़क की दूरी लगभग 1.5 किलोमीटर है और यह रास्ता पूरी तरह से कच्चा और असुरक्षित है। कुछ महीने पहले इसे मिट्टी डलवाकर समतल किया गया था, लेकिन बारिश शुरू होते ही यह कीचड़ से भर गया और दुर्गम हो गया

सरपंच ने यह भी जानकारी दी कि लोक निर्माण विभाग (PWD) को इस रास्ते के पक्की सड़क में रूपांतरण का प्रस्ताव भेजा गया है और सर्वे कार्य पूरा होते ही निर्माण कार्य शुरू होने की संभावना है। हालांकि सवाल उठता है कि जब यह इलाका इतना संवेदनशील और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ा हुआ है, तो अब तक स्थायी समाधान क्यों नहीं किया गया?


क्या यही है ग्रामीण भारत की हकीकत?

यह घटना न केवल एक व्यक्तिगत संघर्ष और साहस की कहानी है, बल्कि यह व्यवस्था की असफलता और नीति निर्माण की विफलता की भी सच्चाई है। प्रसव जैसी आपात स्थिति में अगर लोगों को सड़क तक पहुंचने के लिए चारपाई, कीचड़ और सामूहिक प्रयासों का सहारा लेना पड़े, तो यह स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और विकास के तमाम दावों पर बड़ा सवाल है।


प्रमुख बिंदु:

  • स्थान: खोखरिया फला, ग्राम पंचायत उपली सिगरी, फलासिया, उदयपुर

  • पीड़िता: महिमा कुमारी, 20 वर्ष, गर्भवती महिला

  • घटना: टैक्सी कीचड़ में फंसी, सड़क पर चारपाई पर प्रसव

  • परिणाम: मां और बच्चा दोनों सुरक्षित

  • प्रतिक्रिया: PWD को प्रस्ताव भेजा गया, सड़क निर्माण की उम्मीद


इस घटना ने यह तो दिखा दिया कि जनता में अभी भी मानवीय संवेदनाएं और सामूहिक चेतना जीवित है, लेकिन साथ ही यह भी साबित हो गया कि बुनियादी सुविधाओं की अनदेखी अब भी गंभीर परिणाम ला सकती है। यह समय है कि सरकार और प्रशासन ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों, स्वास्थ्य सेवाओं और आपातकालीन व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखें।


Content Editor

Shruti Jha

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