फर्जी निशक्तजन प्रमाण पत्र से नियुक्त 4 वरिष्ठ अध्यापक सेवा से मुक्त, मंत्री बोले- भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं
Tuesday, Aug 26, 2025-07:18 PM (IST)

जयपुर। संस्कृत शिक्षा विभाग, राजस्थान सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चार वरिष्ठ अध्यापकों को सेवा से मुक्त कर दिया है। इन अध्यापकों ने नियुक्ति के समय निशक्तजन श्रेणी में फर्जी प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था।
निदेशालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार, वरिष्ठ अध्यापक (संस्कृत शिक्षा) प्रतियोगी परीक्षा-2022 के अंतर्गत निशक्तजन श्रेणी में चयनित अभ्यर्थियों को दिसंबर 2024 में नियुक्त किया गया था। नियुक्ति के बाद अभ्यर्थियों के निशक्तजन प्रमाण पत्र का सत्यापन सवाई मानसिंह चिकित्सालय, जयपुर से करवाया गया।
सत्यापन में पाया गया कि अभ्यर्थी विष्णु कुमार पुत्र बीरेंद्र सिंह, सुरेंद्र सिंह पुत्र सत्यवीर सिंह, लोकेश राठौर पुत्र चतुर्भुज राठौर और संजीव कुमार पुत्र रूप सिंह निशक्तजन श्रेणी में अयोग्य हैं। इसके चलते विभाग ने चारों को अपात्र मानते हुए राजकीय सेवा से हटा दिया।
शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में गलत तरीके से नौकरी पाने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि सत्यापन के बाद अपात्र पाए गए सभी अभ्यर्थियों को सेवा से मुक्त कर दिया जाएगा।