राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के 26वें वार्षिक अधिवेशन का किया शुभारंभ
Saturday, Dec 20, 2025-01:08 PM (IST)
राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि सैनिक कभी भी “पूर्व” नहीं होता। सेना की सेवा से निवृत्त होने के बाद भी वह राष्ट्र निर्माण में निरंतर अपनी भूमिका निभाता रहता है। उन्होंने कहा कि “सैनिक” शब्द मात्र से ही रगों में जोश और देशभक्ति का संचार हो जाता है।
राज्यपाल शनिवार को जयपुर स्थित आर्मी एरिया ऑडिटोरियम में आयोजित अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के 26वें वार्षिक अधिवेशन के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने माखन लाल चतुर्वेदी की पुस्तक ‘अभिलाषा’ की पंक्तियों का उल्लेख करते हुए कहा कि सैनिक वही मार्ग चुनता है जो वीरता, त्याग और बलिदान से जुड़ा होता है। मां भारती के लिए सर्वस्व समर्पण ही सैनिक का सर्वोच्च लक्ष्य होता है।
राज्यपाल बागडे ने पूर्व सैनिकों एवं उनके परिवारजनों के कल्याण, सम्मान और सामाजिक सुरक्षा को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों के साथ-साथ उनके परिजनों के लिए भी समाज और सरकार को मिलकर निरंतर कार्य करना चाहिए।
उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार द्वारा पूर्व सैनिकों के सशक्तिकरण के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार पर भी जोर दिया, ताकि अधिक से अधिक पूर्व सैनिक इन योजनाओं का लाभ उठा सकें। राज्यपाल ने अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद की सराहना करते हुए कहा कि परिषद सामाजिक सेवा, देशभक्ति, राष्ट्रीय एकता और युवाओं को राष्ट्रसेवा के लिए प्रेरित करने जैसे क्षेत्रों में सराहनीय कार्य कर रही है।
समारोह में देशभर से बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक, रक्षा विशेषज्ञ एवं समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। इस अवसर पर मेजर जनरल अनुज माथुर ने परिषद की गतिविधियों और कार्यों की जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान परिषद की स्मारिका का भी लोकार्पण किया गया।
