आदिवासी योजनाओं में लापरवाही बर्दाश्त नहीं: राज्यपाल हरिभाऊ बागडे

Saturday, Dec 20, 2025-12:43 PM (IST)

राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने शुक्रवार को लोकभवन स्थित राज्यपाल सचिवालय में अनुसूचित जनजातियों के कल्याण से जुड़ी योजनाओं और समस्याओं को लेकर अधिकारियों की विशेष बैठक ली। बैठक में उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में संचालित योजनाओं की गहन समीक्षा करते हुए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जनजातीय विकास में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

हॉस्टल और आवासीय विद्यालयों के दुरुपयोग पर नाराजगी

राज्यपाल ने सख्त लहजे में कहा कि आदिवासी विद्यार्थियों के लिए संचालित हॉस्टल और आवासीय विद्यालयों का उपयोग किसी अन्य सरकारी कार्य के लिए नहीं किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन संस्थानों की प्रभावी मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए और लापरवाही पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाए। राज्यपाल ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा का प्रसार सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है।

बजट का पारदर्शी और समयबद्ध उपयोग जरूरी

राज्यपाल ने आदिवासी योजनाओं के अंतर्गत आवंटित बजट राशि के पारदर्शी और समुचित उपयोग पर विशेष जोर दिया। उन्होंने ‘हर घर जल’, ‘धरती आबा’, छात्रवृत्ति योजनाओं और अन्य कल्याणकारी कार्यक्रमों की नियमित मॉनिटरिंग और सामाजिक अंकेक्षण कराने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि योजनाएं केवल कागजों तक सीमित न रहें, बल्कि वास्तविक रूप से जनजातीय समाज को उनका लाभ मिले।

जिला कलेक्टरों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद

बैठक के दौरान राज्यपाल ने जनजातीय क्षेत्रों में पदस्थापित जिला कलेक्टरों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक योजना की व्यक्तिगत स्तर पर निगरानी की जाए और निर्धारित लक्ष्यों की समय पर पूर्ति सुनिश्चित हो।
राज्यपाल ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों के विद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षक स्थानीय विद्यार्थियों को अपनी संतान मानकर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करें।

समग्र विकास की जिम्मेदारी केवल एक विभाग की नहीं

राज्यपाल ने स्पष्ट किया कि जनजाति क्षेत्र विकास विभाग की जिम्मेदारी केवल योजनाओं के क्रियान्वयन तक सीमित नहीं है, बल्कि सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की जवाबदेही जिला प्रशासन से जुड़े सभी अधिकारियों की भी है।
उन्होंने माणिक्य लाल शोध संस्थान के माध्यम से आदिवासी युवाओं को शोध और नवाचार के लिए प्रोत्साहित करने पर भी जोर दिया।

उद्यमिता और कौशल विकास पर फोकस

राज्यपाल ने जनजातीय क्षेत्रों में उद्यमिता और कौशल विकास को बढ़ावा देने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि प्राकृतिक वनस्पति उत्पादों का प्रभावी विपणन किया जाए, ताकि स्थानीय लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके।

बैठक में जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री श्री बाबूलाल खराड़ी, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री कुंजीलाल मीणा और राज्यपाल के सचिव डॉ. पृथ्वी भी उपस्थित रहे। अधिकारियों को योजनाओं की पूरी जानकारी रखने और समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।


Content Editor

Payal Choudhary

सबसे ज्यादा पढ़े गए

Related News