जैसलमेर में ''स्मार्ट मीटर'' पर सियासी संग्राम: कलेक्टर ने लगाए, कांग्रेस ने बताया जनविरोधी

Monday, Jul 21, 2025-01:39 PM (IST)

जैसलमेर में 'स्मार्ट मीटर' पर सियासी संग्राम: कलेक्टर ने लगाए, कांग्रेस ने बताया जनविरोधी

: राजस्थान में स्मार्ट मीटर को लेकर चल रहे विरोध के बीच, जैसलमेर के कलेक्टर प्रतापसिंह और पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने एक अनूठी पहल की है। उन्होंने अपने सरकारी आवासों पर स्वयं स्मार्ट मीटर लगवाकर जिलेवासियों को यह संदेश देने का प्रयास किया है कि यह तकनीक जनहित में है और इससे घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। यह कदम ऐसे समय में आया है जब राज्य के कई हिस्सों में स्मार्ट मीटर की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए जा रहे हैं और इन्हें हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं।


 

प्रशासन का संदेश: पारदर्शिता और जनहित

जैसलमेर में स्मार्ट मीटर लगाने की शुरुआत डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता के सरकारी निवास से हुई थी। अब कलेक्टर और एसपी के इस कदम से प्रशासन की मंशा साफ दिखती है कि वे जनता के बीच तकनीक के प्रति विश्वास जगाना चाहते हैं। सहायक अभियंता प्रदीप बारूपाल ने इस पहल को रेखांकित करते हुए बताया कि स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के हित में हैं। उनके अनुसार, यह तकनीक पारदर्शी बिलिंग, सटीक रीडिंग और वास्तविक समय में खपत की जानकारी जैसी सुविधाएं प्रदान करती है, जिससे उपभोक्ता आसानी से यह जान सकते हैं कि उनका बिजली बिल किस आधार पर बना है और किस समय सर्वाधिक बिजली खर्च हुई है। डिस्कॉम अधिकारियों ने मौके पर मौजूद लोगों को मीटर की तकनीकी कार्यप्रणाली की पूरी जानकारी भी दी।


 

कांग्रेस का विरोध: 'जनविरोधी निर्णय', सड़कों पर उतरने की चेतावनी

एक ओर जहां जैसलमेर कलेक्टर अपने आवास पर स्मार्ट मीटर लगाकर जनता को सकारात्मक संदेश देना चाह रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस इसे जनविरोधी करार देते हुए इसका कड़ा विरोध कर रही है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष उम्मेदसिंह तंवर ने पंजाब केसरी से बात करते हुए कहा कि, "राजस्थान सहित देश के कई राज्यों में स्मार्ट मीटर को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। यह जनता के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।"

तंवर ने कलेक्टर से इस मामले में संवेदनशीलता दिखाने की अपील करते हुए कहा कि, "जहां-जहां स्मार्ट मीटर लगे हैं, वहां बिजली के बिलों में कई गुना बढ़ोतरी हुई है।" उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने अपना निर्णय नहीं बदला, तो कांग्रेस आगामी दिनों में सड़कों पर उतरकर व्यापक आंदोलन करेगी।


 

विवाद के बीच संतुलन साधने की कोशिश

यह घटनाक्रम जैसलमेर में स्मार्ट मीटर को लेकर चल रहे विवाद को और गहराता दिख रहा है। एक तरफ जहां प्रशासन और डिस्कॉम अधिकारी तकनीक के फायदे गिनाकर जनता को आश्वस्त करने में जुटे हैं, वहीं विपक्षी दल कांग्रेस उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ रहे कथित बोझ को मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने की तैयारी में है। देखना होगा कि इस सियासी खींचतान के बीच स्मार्ट मीटर को लेकर जैसलमेर और राज्य के अन्य हिस्सों में स्थिति क्या मोड़ लेती है।


Content Editor

Shruti Jha

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