भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते से राजस्थान के रत्न एवं आभूषण निर्यात को मिलेगी नई उड़ान
Saturday, Jul 26, 2025-05:18 PM (IST)

जयपुर, 26 जुलाई। भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर होने के बाद राजस्थान के रत्न एवं आभूषण उद्योग को निर्यात के क्षेत्र में बड़ी बढ़त मिलने की संभावना है। इस समझौते के तहत कीमती और सस्ते आभूषणों पर लगने वाले सभी टैरिफ समाप्त कर दिए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर द्वारा लंदन में गुरुवार को हस्ताक्षरित इस समझौते के तहत भारत के 99 फीसदी निर्यातों को यूके में शुल्क-मुक्त पहुंच प्राप्त होगी, जिससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को नया बल मिलेगा। राजस्थान के लिए यह विशेष रूप से लाभदायक होगा क्योंकि यहां के रत्न एवं आभूषण उत्पादकों को अब यूके में शून्य टैरिफ दर पर निर्यात करने की सुविधा मिलेगी। वर्तमान में भारत से कीमती धातुओं के आभूषणों के निर्यात पर 2 से 4 प्रतिशत तक का सीमा शुल्क लगता है, जबकि सस्ती धातुओं के आभूषणों पर यह शुल्क 4 प्रतिशत है। एफटीए के प्रभावी होते ही ये सभी शुल्क शून्य हो जाएंगे। इस समझौते से मोती, प्रीशियस एण्ड सेमी प्रीशियस स्टोन, कीमती धातु एवं कृत्रिम आभूषण आदि जिन वस्तुओं पर शुल्क समाप्त किया गया है, उनमें मोती, कीमती/अर्द्ध-कीमती पत्थर, कीमती धातुएं, कृत्रिम आभूषण आदि पर मौजूदा टैरिफ समाप्त किए गए हैं।
टेक्सटाइल और परिधान क्षेत्र में लाभ
यूके के बाजार में जीरो ड्यूटी पहुंच से राजस्थान का वस्त्र उद्योग भी लाभान्वित होगा, क्योंकि पहले यहां पर 12 प्रतिशत तक आयात शुल्क लगता था। इस बदलाव से 4500-7000 करोड़ रुपये के निर्यात की संभावनाएं बढ़ेंगी। विशेष रूप से परिधान और होम टेक्सटाइल्स क्षेत्र में भारत के पड़ोसी देशों से राजस्थान बेहतर ढंग से प्रतिस्पर्धा कर सकेगा। मकराना और किशनगढ़ के विश्व प्रसिद्ध स्टोन एवं मार्बल उद्योग, राज्य की सीमेंट निर्माण इकाइयों एवं राजस्थानी पारंपरिक फर्नीचर और बेडिंग निर्माण इकाइयों को भी इस एफटीए से लाभ मिलेगा।
हस्तशिल्प के लिए बढ़ेंगी संभावनाएं
राजस्थान की पारंपरिक पेंटिंग्स, पॉटरी और धातु शिल्प सहित हस्तशिल्प क्षेत्र के लिए भी बड़ी संभावनाओं के द्वार खुलेंगे। यूके के लक्जरी मार्केट और दक्षिण एशियाई प्रवासी समुदाय की ओर से बढ़ती मांग इसमें सहायक होगी।
इंजीनियरिंग और ऑटोमोबाइल पार्ट्स राजस्थान की इंजीनियरिंग गुड्स को भी कम टैरिफ का लाभ मिलेगा और यूके के बाजार में बेहतर पहुंच मिलेगी। एफटीए से स्थानीय वैल्यू एडिशन नियमों के साथ ऑटो पार्ट्स के निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा। होंडा का टपूकड़ा संयंत्र इस क्षेत्र में राज्य की निर्माण क्षमता को दर्शाता है, जहां से इंजन पार्ट्स और क्रैंकशाफ्ट जैसे उत्पादों का निर्यात यूके और अन्य देशों में किया जाता है।
‘राइजिंग राजस्थान’ पार्टनरशिप कॉन्क्लेव-2025
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार ‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट-2024 के अनुसरण में ‘राइजिंग राजस्थान’ पार्टनरशिप कॉन्क्लेव-2025 का आयोजन करने जा रही है। आगामी दिसम्बर माह में आयोजित होने वाला यह कॉन्क्लेव भारत और यूके सहित अन्य देशों के बीच व्यापारिक साझेदारियों को मजबूती प्रदान करेगा और यह भी प्रदर्शित करेगा कि किस प्रकार सरकार उद्योगों, बहुपक्षीय संगठनों और स्टार्टअप्स के साथ सहयोग को बढ़ावा दे रही है। यह सम्मेलन पहले किए गए एमओयू की प्रगति के साथ-साथ राजस्थान में उद्योगों के कारण आ रहे सामाजिक-आर्थिक बदलाव को भी रेखांकित करेगा।
शर्मा ने भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते पर कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश के व्यापारिक समझौतों में राष्ट्रहित सदैव सर्वोपरि रहता है। उन्होंने कहा कि यह समझौता देश की वैश्विक आर्थिक कूटनीति में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के अवसरों को बढ़ावा देगा।