PM मोदी से मुलाकात के बाद वसुंधरा राजे की बढ़ी सक्रियता, उपराष्ट्रपति पद और मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अटकलें तेज
Tuesday, Jul 29, 2025-07:12 PM (IST)

जयपुर। राजस्थान की राजनीति में हलचल मचाने वाली एक बड़ी मुलाकात सोमवार को दिल्ली में संसद भवन में हुई, जब राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस मुलाकात ने भाजपा और राज्य की राजनीति में नए समीकरणों की अटकलों को जन्म दे दिया है।
यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है, जब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हाल ही में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। गौर करने वाली बात यह है कि धनखड़ के उपराष्ट्रपति बनने से पहले वसुंधरा राजे का नाम भी संभावितों की सूची में शामिल था। अब जब यह पद फिर से रिक्त हुआ है, तो वसुंधरा-मोदी की बैठक को उपराष्ट्रपति की रेस से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
सूत्रों की मानें तो वसुंधरा राजे ने पीएम मोदी से राजस्थान भाजपा संगठन, मंत्रिमंडल विस्तार, और अपने गुट के नेताओं को सरकार और संगठन में उचित प्रतिनिधित्व देने पर भी चर्चा की। यह भी बताया जा रहा है कि हाल ही में झालावाड़ स्कूल हादसे की जानकारी वसुंधरा ने स्वयं प्रधानमंत्री को दी।
इसी दिन, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी दिल्ली में थे और उन्होंने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर और जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल से मुलाकात की। इन बैठकों को योजनाओं की समीक्षा से अधिक, राजनीतिक संदेशवाहक घटनाओं के रूप में देखा जा रहा है।
दूसरी ओर, उपराष्ट्रपति पद के लिए ओम माथुर का नाम भी चर्चा में है, लेकिन भाजपा के अंदरूनी समीकरणों की बात करें तो वसुंधरा राजे और ओम माथुर के संबंधों में खटास जगजाहिर है। ऐसे में यदि पार्टी जाट वोट बैंक को साधने और आंतरिक संतुलन बनाए रखने का प्रयास करती है, तो वसुंधरा राजे की दावेदारी और मजबूत मानी जा रही है।
बड़े सवाल:
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क्या भाजपा नेतृत्व उपराष्ट्रपति पद के लिए वसुंधरा का नाम फिर से आगे बढ़ाने की तैयारी कर रहा है?
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क्या राजस्थान मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कोई बड़ा फैसला जल्द होगा?
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क्या वसुंधरा राजे की यह सक्रियता उन्हें फिर से राजस्थान की राजनीति के केंद्र में लाने वाली है?
फिलहाल, राजस्थान भाजपा में सियासी तापमान बढ़ गया है और पार्टी के अगले कदम पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।