जर्मनी में प्रवासी भारतीयों से मिले वासुदेव देवनानी, भाषा पार्क से लेकर निवेश तक रखे गए सुझाव
Tuesday, Jun 24, 2025-08:51 PM (IST)

राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने अपनी जर्मनी यात्रा के दौरान बर्लिन स्थित भारतीय दूतावास में प्रवासी भारतीयों से संवाद किया। सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुए इस संवाद में प्रवासी भारतीय समुदाय के प्रतिनिधियों ने राजस्थान और भारत से जुड़ी अनेक जन-हितैषी और नीति-संशोधित सुझाव प्रस्तुत किए। देवनानी ने सभी प्रस्तावों को गंभीरता से सुना और संबंधित मंत्रालयों तक पहुंचाने व समाधान सुनिश्चित कराने का आश्वासन दिया।
भाषा, रोजगार, उड़ान और निवेश पर हुए उपयोगी सुझाव
इस संवाद के दौरान राजस्थान फाउंडेशन, जर्मनी के अध्यक्ष हरगोविंद सिंह राणा ने राजस्थान में एक ‘भाषा पार्क’ स्थापित करने का सुझाव दिया, जिसमें जर्मन भाषा को केंद्र में रखकर विद्यार्थियों को प्रशिक्षण और संवाद की सुविधा मिल सके। साथ ही, उन्होंने युवाओं के लिए रोजगारोन्मुखी कौशल विकास और अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रमाणन पाठ्यक्रम शिक्षा प्रणाली में शामिल करने की आवश्यकता बताई।
दीपक पाटिल ने बर्लिन और भारत के प्रमुख शहरों—विशेषकर दिल्ली या मुंबई—के बीच सीधी अंतरराष्ट्रीय उड़ान शुरू करने की जरूरत को रेखांकित किया। उनका मानना है कि इससे प्रवासी भारतीयों, छात्रों और व्यवसायिक यात्रियों को सुविधा मिलेगी और संपर्क बेहतर होगा।
वहीं, कमल मान ने जर्मनी में बसे पंजाबी उद्यमियों की राजस्थान में निवेश करने की इच्छा जताई और राज्य सरकार से पारदर्शिता, मार्गदर्शन और कारोबारी अनुकूल माहौल की अपेक्षा प्रकट की।
मानवीय वीज़ा नीति और सांस्कृतिक सहयोग की मांग
शैलजा पाटिल ने वीज़ा नीति के मानवीय पक्ष पर ध्यान दिलाया और आग्रह किया कि जर्मनी में बसे भारतीयों के माता-पिता के लिए दीर्घकालिक वीज़ा सुविधा दी जाए, ताकि परिवार एक साथ रह सकें और पारिवारिक मूल्यों की गरिमा बनी रहे।
गोपीनाथ ने बर्लिन में भारतीय समुदाय द्वारा बनाए जा रहे श्री गणेश मंदिर का उल्लेख करते हुए भारत सरकार से सांस्कृतिक संरक्षण और सहयोग की अपेक्षा जताई, जिससे भारतीय परंपराएं विदेशों में और अधिक सुदृढ़ हों।
देवनानी का भरोसा: “आप भारत के सांस्कृतिक राजदूत”
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सभी सुझावों को सहानुभूतिपूर्वक सुना और कहा:
“प्रवासी भारतीय भारत के सच्चे सांस्कृतिक राजदूत हैं। उनकी सोच, अनुभव और दृष्टिकोण से राज्य और देश दोनों समृद्ध होते हैं। राजस्थान सरकार नवाचार, पारदर्शिता और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के हर सकारात्मक प्रस्ताव का स्वागत करती है।”
उन्होंने आश्वस्त किया कि सभी मुद्दों को संबंधित विभागों और मंत्रालयों तक गंभीरता से पहुंचाया जाएगा।
भारत-जर्मनी संबंधों को नई ऊँचाइयों की ओर
यह संवाद केवल सुझावों का आदान-प्रदान नहीं था, बल्कि भारत-जर्मनी के बीच मजबूत सांस्कृतिक, शैक्षिक और व्यावसायिक संबंधों को गहराई देने वाला एक प्रेरणादायक अवसर था। इसने यह सिद्ध किया कि भाषा, शिक्षा, संस्कृति और कारोबार — सब सीमाओं से परे जाकर एक साझा भविष्य की दिशा में बढ़ सकते हैं।