अगर आपका वोटर लिस्ट में दो जगह नाम तो रहे सावधान, 70% वोटर्स को नहीं देने होंगे दस्तवाजे

Tuesday, Oct 28, 2025-08:49 PM (IST)

राजस्थान में वोटर लिस्ट की पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए राज्य निर्वाचन विभाग ने स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया शुरू की है। इस प्रक्रिया में अब प्रदेश के 70.55 प्रतिशत मतदाताओं को किसी भी दस्तावेज की जरूरत नहीं पड़ेगी।

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बताया कि बिहार में हुई गड़बड़ियों से सबक लेते हुए राजस्थान ने पहले ही मतदाता मैपिंग का काम शुरू कर दिया था। इसलिए जब से SIR की घोषणा हुई, उसी दिन से अधिकांश मतदाताओं के नाम पहले से ही सत्यापित हो गए। महाजन ने कहा कि जैसे-जैसे बीएलओ (BLO) घर-घर जाकर फॉर्म भरवाएंगे, यह संख्या 80% से भी अधिक पहुंच सकती है। फिलहाल राजस्थान में कुल 5 करोड़ 48 लाख 84 हजार 570 वोटर्स हैं। इनमें से 70.55 प्रतिशत मतदाताओं का डाटा पहले ही मैच हो चुका है। 

SIR में देशभर में सबसे आगे राजस्थान

मुख्य निर्वाचन अधिकारी के अनुसार, SIR लागू करने वाले 12 राज्यों में राजस्थान सबसे आगे है। यहां अब तक 49.37 प्रतिशत वोटर्स की डिजिटल मैपिंग पूरी हो चुकी है। इसके मुकाबले गुजरात में 5.73%, उत्तर प्रदेश में 13.41%, मध्यप्रदेश में 20.09%, तमिलनाडु में 21.62% और छत्तीसगढ़ में 24.27% वोटर्स का डाटा ही मैच हुआ है। 

तीन बार घर जाएंगे BLO, फिर नोटिस चस्पा होगा

BLO प्रत्येक घर पर तीन बार जाकर वोटर डिटेल्स की पुष्टि करेगा और फॉर्म (EF) भरवाएगा। अगर कोई व्यक्ति या परिवार घर पर नहीं मिलता, तो BLO घर पर फॉर्म डालकर नोटिस चस्पा करेगा। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान बाहर काम करने गए या अस्थायी रूप से अनुपस्थित मतदाताओं को भी शामिल करने की कोशिश की जाएगी। 

डुप्लीकेट और मृत मतदाताओं के नाम होंगे हटाए

SIR के तहत ड्राफ्ट वोटर लिस्ट 9 दिसंबर को जारी की जाएगी। इसमें मृत मतदाताओं, दो जगह नाम वाले वोटर्स और स्थायी रूप से बाहर बस चुके लोगों के नाम हटाए जाएंगे। सभी हटाए गए नामों की जानकारी सार्वजनिक पोर्टल पर उपलब्ध होगी। महाजन ने बताया कि अगर किसी मतदाता का नाम पहले से मौजूद SIR सूची में है, तो उसे कोई दस्तावेज जमा नहीं करना होगा। हालांकि, यदि माता-पिता या दादा-दादी का नाम पुरानी सूची में है, तो पहचान के लिए एक दस्तावेज आवश्यक होगा। 

दो जगह नाम रखने पर एक साल की सजा

निर्वाचन आयोग ने चेतावनी दी है कि वोटर लिस्ट में दो जगह नाम रखने पर अब एक साल की सजा का प्रावधान किया गया है। पहले यह प्रक्रिया जटिल थी क्योंकि दूसरे राज्यों की लिस्ट उपलब्ध नहीं थी, लेकिन अब देशभर की वोटर लिस्ट मशीन-रीडिंग फॉर्मेट में डिजिटल रूप से मौजूद है। इससे डुप्लीकेट एंट्री को आसानी से पहचाना जा सकेगा। 

घुमंतू परिवार भी होंगे शामिल, बढ़ेंगे बूथ

SIR के दौरान घुमंतू परिवारों को भी फॉर्म दिए जाएंगे। इन तक पहुंचने के लिए BLO के साथ वॉलंटियर्स की सहायता ली जाएगी। महाजन ने बताया कि इस प्रक्रिया के बाद प्रदेश में एक बूथ पर औसतन 890 वोटर रह जाएंगे। साथ ही 8,819 नए पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे। इससे कुल बूथों की संख्या बढ़कर 61,309 हो जाएगी।


Content Editor

Raunak Pareek

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