हनुमान बेनीवाल ने संसद में काटा बवाल, टेलीकॉम कंपनियों को लिया आड़े हाथ !
Thursday, Nov 28, 2024-03:53 PM (IST)
जयपुर/दिल्ली, 28 नवंबर 2025 । प्रदेश की सात सीटों में सबसे हॉट सीट कही जाने वाली खींवसर सीट पर आरएलपी की हार के बाद आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल की बौखलाहट साफ तौर पर देखने को मिली । हालांकि बेनीवाल का हारना और बीजेपी का वहां से जीतना एक बड़ी उपलब्धि माना जाता है । ऐसे में अब विधानसभा में आरएलपी का कोई भी नेता नहीं बचा है । हालांकि संसद में जरूर हनुमान बेनीवाल ने अपनी जगह बना रखी है, उन्होंने हाल ही में 2024 में हुए लोकसभा चुनावों में जीत हासिल कर संसद पहुंचे थे, ये तो हो गई चुनावी माहौल की बात
बेनीवाल ने संसद में निजी टेलीकॉम कंपनियों द्वारा टैरिफ बढ़ाने के मुद्दे को उठाया।
अब बात कर लेते है लोकसभा की कार्यवाही की, तो हनुमान बेनीवाल संसद में भी एक तेज तर्रार नेता के नाम से जाने जाते हैं । इसी कड़ी में उन्होंने बुधवार को संसद की कार्यवाही के दौरान निजी टेलिकॉम कंपनियों को निशाना बनाया है । नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने संसद में निजी टेलीकॉम कंपनियों द्वारा टैरिफ बढ़ाने के मुद्दे को उठाया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कंपनियों के इस कदम से आम जनता पर 35,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ा है। बेनीवाल ने इस बढ़ोतरी को अनुचित बताते हुए कहा कि यह जनता के लिए आर्थिक रूप से नुकसानदायक है, खासकर जब देश पहले से ही महंगाई और बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहा है।
टैरिफ वृद्धि की वजह से जनता पर पड़े प्रभाव की जांच की जाए- बेनीवाल
उन्होंने सरकार से मांग की कि इस मुद्दे पर हस्तक्षेप किया जाए और टैरिफ वृद्धि की वजह से जनता पर पड़े प्रभाव की जांच की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी नीतियां उपभोक्ताओं के हितों के खिलाफ हैं और इन्हें नियंत्रित करने की आवश्यकता है । यह सवाल टेलीकॉम क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा और ग्राहकों के अधिकारों की सुरक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण बहस का हिस्सा बन गया है।
दूरसंचार सेवा प्रदाताओं द्वारा टैरिफ में 11% से 25% तक वृद्धि- पेम्मासानी
हालांकि केंद्रीय संचार राज्यमंत्री डॉ. चन्द्र शेखर पेम्मासानी ने बेनीवाल के सवाल का जवाब देते हुए बताया कि हाल ही में निजी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने टैरिफ में वृद्धि की है। दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (भारती एयरटेल लिमिटेड, रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड और वोडाफोन आइडिया लिमिटेड) द्वारा टैरिफ में 11% से 25% तक वृद्धि की गई है।
वहीं वर्ष 2004 में दूरसंचार सेवा बाजार में पर्याप्त प्रतिस्पर्धा को देखते हुए विश्व के कई देशों की तर्ज पर भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण यानी कि ट्राई ने मोबाइल दूरसंचार सेवाओं हेतु सहनशीलता की नीति अपनाई थी। इसका तात्पर्य यह है कि दूरसंचार सेवा प्रदाता (टीएसपी) बाजार के मांग और आपूर्ति के नियंत्रक प्रभावों के आधार पर प्रतिस्पर्धी बाजार में दूरसंचार सेवाओं हेतु टैरिफ तय करने के लिए स्वतंत्र हैं। तथापि दूरसंचार टैरिफ आदेश (टीटीओ) की आवश्यकताओं के अनुरूप दूरसंचार सेवा प्रदाता बाजार में उनके लॉन्च होने के 7 दिनों के भीतर ट्राई के पास अपने टैरिफ दाखिल करने के लिए बाध्य हैं। फिर इन टैरिफों की विनियामक सिद्धांतों के अनुपालन के लिए जांच की जाती है जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ पारदर्शिता, गैर-प्रलोभन और गैर-भेदभाव के सिद्धांत शामिल हैं। यह उल्लेखनीय है कि बाजार में अभी भी पर्याप्त प्रतिस्पर्धा मौजूद है तथा कम से कम 4 सेवा प्रदाता प्रतिस्पर्धी बाजार में प्रतिस्पर्धी प्लान पेश कर रहे हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि भारतीय दूरसंचार दर्रे विश्व में तथा भारत के पड़ोसी देशों में भी सबसे कम दरों में से एक हैं।
गौरतलब है कि भारती एयरटेल, रिलायंस जियो इन्फोकॉम और वोडाफोन आइडिया द्वारा 11 प्रतिशत से लेकर 25 प्रतिशत तक टैरिफ में वृद्धि कर दी गई । हालांकि सरकार के जवाब से यह स्पष्ट हो गया है कि निजी कम्पनियों की मनमर्जी पर भारत सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है, सरकार को टैरिफो की विनियामक सिद्धांतों के अनुपालन की जांच करने की जरूरत है । ताकि इन कंपनियों की मनमर्जी पर लगाम लगे ।
हालांकि अब देखने वाली बात ये होगी कि बेनीवाल के सवाल पर सरकार अब टेलिकॉम कंपनियों पर क्या एक्शन लेगी ये तो आने वाला समय ही बताएगा । अब बड़ा सवाल ये है कि सरकार इन कंपनियों पर एक्शन कर पाएगी या नहीं ये तो सरकार ही बता सकती है ?