SC से मिली भाजपा नेता गिर्राज मलिंगा को जमानत, विधायक रहते AEN-JEN पर था हमले का आरोप, 20 नवंबर को किया था सरेंडर
Friday, Dec 13, 2024-05:11 PM (IST)
बीजेपी नेता और पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस अरविंद कुमार की बेंच ने ट्रायल कोर्ट को जमानत की शर्तें तय करने का निर्देश दिया। राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने इस जमानत का विरोध किया, यह कहते हुए कि मलिंगा पर गंभीर आरोप हैं।
गिर्राज सिंह मलिंगा पर अपने विधायक कार्यकाल के दौरान बिजली विभाग के AEN और JEN पर हमला करने का आरोप है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मलिंगा ने 20 नवंबर को धौलपुर जिले के एससी-एसटी कोर्ट में आत्मसमर्पण किया। इससे पहले 8 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 2 सप्ताह के भीतर सरेंडर करने का निर्देश दिया था और कहा था कि सरेंडर के 4 सप्ताह बाद मामले की सुनवाई शुरू होगी।
तत्काली विधायक पर लगे थे AEN-JEN के साथ मारपीट करने के आरोप
धौलपुर के बाड़ी डिस्कॉम ऑफिस में 28 मार्च 2022 को AEN हर्षदापति और JEN नितिन गुलाटी के साथ मारपीट की घटना हुई थी। इस मामले में तत्कालीन कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा और अन्य लोगों के खिलाफ 29 मार्च को AEN हर्षदापति ने मारपीट, राजकार्य में बाधा डालने और एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कराया। मामले में 5 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी।
घटना के बाद धौलपुर के तत्कालीन एसपी शिवराज मीणा का तबादला कर दिया गया था। बिजली विभाग के इंजीनियरों के साथ हुई मारपीट से निगम के कर्मचारियों में भारी आक्रोश फैल गया था। इसके बाद गिर्राज मलिंगा ने 11 मई को जयपुर में तत्कालीन पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव के सामने आत्मसमर्पण किया। 12 मई को उन्हें एससी-एसटी कोर्ट में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने उन्हें 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
जमानत का किया मिस यूज – हाईकोर्ट
धौलपुर के बाड़ी डिस्कॉम ऑफिस में AEN और JEN के साथ मारपीट के मामले में आरोपी गिर्राज सिंह मलिंगा को 17 मई 2022 को हाईकोर्ट ने जमानत दी थी। लेकिन 5 जुलाई को AEN हर्षदापति की याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उनकी जमानत निरस्त कर दी। कोर्ट ने माना कि मलिंगा ने अपनी जमानत का दुरुपयोग किया।
हर्षदापति ने कोर्ट में कहा कि मलिंगा ने कोरोना का बहाना बनाकर जमानत हासिल की थी। जमानत मिलते ही उन्होंने जुलूस निकाला और पीड़ितों और गवाहों को धमकाया। इन गंभीर आरोपों के आधार पर मलिंगा की जमानत निरस्त कर दी गई।
भाजपा के टिकट पर लड़ा था विधायकी का चुनाव
गिर्राज सिंह मलिंगा ने 2023 में बीजेपी के टिकट पर बाड़ी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें बसपा के जसवंत सिंह गुर्जर से हार का सामना करना पड़ा। इससे पहले, मलिंगा लगातार 15 साल तक बाड़ी सीट से विधायक रहे थे।
मलिंगा ने 2008 में पहली बार बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और विधायक बने। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस जॉइन की थी, और कांग्रेस के टिकट पर 2013 और 2018 में भी विधायक चुने गए। 2023 के चुनाव में जब कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया, तो उन्होंने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी जॉइन कर ली थी।