प्रदेश कार्यालय में आयोजित हुई भाजपा महिला मोर्चा के पदाधिकारियों की बैठक, मदन राठौड़ ने कही ये बात

Saturday, Apr 19, 2025-06:01 PM (IST)

जयपुर। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ की अध्यक्षता में भाजपा प्रदेश कार्यालय में ''एक राष्ट्र एक चुनाव'' अभियान के समर्थन में भाजपा महिला मोर्चा के पदाधिकारियों की बैठक आयोजित की गई। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि भारत में शासन को सुव्यवस्थित करने और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को उसके अनुकूल बनाने  की आकांक्षाओं को देखते हुए एक राष्ट्र, एक चुनाव की अवधारणा एक महत्वपूर्ण सुधार के रूप में उभरी है जिसके लिए गहन विचार-विमर्श और आम सहमति की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से भारत में एक साथ चुनाव कराने के संबंध में उच्च स्तरीय समिति का गठन किया और उसकी रिपोर्ट को 2024 में जारी किया गया था। इसकी सिफारिशों को 18 सितंबर 2024 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकार किया गया, जो चुनाव सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि इस प्रक्रिया के समर्थकों का तर्क है कि इस तरह की प्रणाली प्रशासनिक दक्षता को बढ़ा सकती है, चुनाव संबंधी खर्चों को कम कर सकती है और नीति संबंधी निरंतरता को बढ़ावा दे सकती है। संविधान को अंगीकार किए जाने के बाद, 1951 से 1967 तक लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ आयोजित किए गए थे। यह परंपरा 1957, 1962 और 1967 के तीन आम चुनावों के लिए भी जारी रही। लेकिन इसके बाद कांग्रेस की महत्वाकांक्षा के चलते चुनावी प्रक्रिया बदलती रही। कुछ राज्यों की सरकारों को समय से पूर्व भंग कर दिया गया, तो कभी लोकसभा को भंग कर दिया गया। इसके बाद देश में चुनाव अलग अलग समय पर होना शुरू हो गए। अब मोदी सरकार फिर से एक राष्ट्र एक चुनाव की अवधारणा पर कार्य कर रही है, हम सभी को इसका समर्थन करना चाहिए। 

अभियान के प्रदेश संयोजक सुनील भार्गव ने कहा कि महिला मोर्चा की बैठक में उपस्थि​त महिलाओं से इस ​अभियान में जुड़कर आमजन को जागरूक करने की अपील की गई। भार्गव ने कहा कि महिलाओं में एक राष्ट्र एक चुनाव के प्रति जागरूकता आती है तो  समाज में जागरूकता आती है। हम सभी को मिलकर मोदी जी के इस अभियान को राष्ट्र के हित में जन जन तक पहुंचाना है। एक साथ चुनाव कराने से सरकार का ध्यान विकासात्मक गतिविधियों और जन कल्याण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नीतियों के कार्यान्वयन पर केंद्रित होगा। एक साथ चुनाव कराने से आचार संहिता के लंबे समय तक लागू होने की संभावना कम होगी, जिससे नीतिगत निर्णय लेने में देर नहीं होगी और शासन में निरंतरता संभव होगी।

कार्यशाला में जयपुर संभाग से जयश्री गर्ग, अंजु मिश्रा, उदयपुर  संभाग से पिन्की  मंडावत, सविता  सनाड्य, अजमेर संभाग से वनिता जैमन, मुकेश कंवर, बीकानेर  संभाग से विनिता आहूजा, सारिका चौधरी, कोटा संभाग से महिमा शर्मा, शालिनी भटनागर, भरतपुर  संभाग से राधा भारद्वाज और जोधपुर संभाग से विनिता सेठ उपस्थित रही।


Content Editor

Ishika Jain

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