सेनापति कैटरिंग गोदाम पर हमला प्रकरण, सात उपद्रवी दबोचे, प्रतापगढ़ पुलिस की कार्रवाई
Saturday, Jun 14, 2025-07:50 PM (IST)

जयपुर । प्रतापगढ़ पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए सेनापति कैटरिंग गोदाम में घुसकर स्टाफ के साथ मारपीट करने के मामले में सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई एसपी विनीत कुमार बंसल के वांछित अपराधियों की धरपकड़ अभियान के तहत की गई। एसपी बंसल ने बताया कि यह सनसनीखेज घटना 6 जून, 2025 की रात को घटी। पीड़ित किशन मीणा ने 7 जून को दर्ज कराई गई अपनी रिपोर्ट में बताया कि वह चंद्रप्रभु मांगलिक भवन से नीमच रोड स्थित सेनापति गोदाम जा रहा था। इसी दौरान नीमच रोड पर दो युवकों ने शराब के नशे में उसे रोककर मारपीट की। किसी तरह बचकर वह गोदाम पहुंचा, लेकिन देर रात करीब 12 बजे 8-10 लड़कों का एक गिरोह गोदाम में घुस आया। बदमाशो में मेरे व अन्य स्टाफ के साथ बेरहमी से मारपीट की। इस हमले में स्टाफ लक्ष्मण के सिर में गंभीर चोटें आईं, वहीं सुरक्षा गार्ड बसंतीलाल शर्मा भी घायल हुए। इस रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया गया।
घटना की गंभीरता को देखते हुए थानाधिकारी दीपक बंजारा ने तत्काल एसपी बंसल को अवगत कराया। जिनके निर्देश पर एक विशेष टीम का गठन किया गया। टीम ने गुप्त सूचनाएं एकत्रित कीं और घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की गहनता से पड़ताल की। सीसीटीवी फुटेज ने वारदात को अंजाम देने वालों की पहचान में अहम भूमिका निभाई। फुटेज के आधार पर पुलिस टीम ने सात अभियुक्तों को हिरासत में लिया। उनसे मनोवैज्ञानिक तरीके से की गई। पूछताछ में सभी अभियुक्तों ने 6 जून, को नीमच रोड और सेनापति कैटरिंग गोदाम में किशन व स्टाफ के साथ मारपीट करने की बात कबूल कर ली। इसके बाद सभी को गिरफ्तार कर लिया गया।
ये हैं गिरफ्तार आरोपी
गिरफ्तार अभियुक्तों में विकास मीणा (18) पुत्र नारायण निवासी बसाड़ थाना प्रतापगढ़, अभिषेक गिरी (18) पुत्र अशोक, योगेश (20) पुत्र समरथ निवासी सेमली थाना हथुनिया, संतोष मीणा (20) पुत्र तुलसीराम, पिन्टु मीणा (19) पुत्र शांतिलाल, दीपक मीणा (20) पुत्र शांतिलाल और शेखर मीणा (19) पुत्र घनश्याम निवासी मालीखेड़ा थाना प्रतापगढ़ शामिल हैं। इस सफल कार्रवाई को अंजाम देने वाली पुलिस टीम में थानाधिकारी दीपक बंजारा सहित एएसआई ऊंकार लाल, प्रतापसिंह, हेड कांस्टेबल राहुल, कांस्टेबल सोनू, प्रभुलाल, मानसिंह, युगराज, रमेश और राजवीर शामिल थे। प्रतापगढ़ पुलिस की यह तत्परता और प्रभावी कार्रवाई अपराध पर नियंत्रण के प्रति उनके संकल्प को दर्शाती है।