झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में वर्ल्ड ट्रांसप्लांट गेम्स विजेता भवानी सिंह शेखावत का सम्मान
Monday, Sep 22, 2025-04:23 PM (IST)

झालावाड़ । विश्व ट्रांसप्लांट गेम्स में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले राजस्थान के भवानी सिंह शेखावत का सम्मान समारोह सोमवार को मेडिकल कॉलेज झालावाड़ में आयोजित किया गया। समारोह में जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़, उप वन संरक्षक सागर पंवार, मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय पोरवाल, एसआरजी हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ.अशोक शर्मा द्वारा भवानी सिंह शेखावत को शाल ओढ़ाकर, माला पहनाकर एवं स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मानित किया गया। इस दौरान आत्माराम जन सेवा संस्थान द्वारा भी उनका सम्मान किया गया।
समारोह के दौरान जिला कलेक्टर ने कहा कि किडनी फेल होने के बाद ट्रांसप्लांट के माध्यम से अपने पिता द्वारा प्राप्त किडनी के साथ भवानी सिंह द्वारा विश्व पटल पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए अनेकों पदक जीतना अविश्वसनीय है। ऐसी गौरवशाली और उत्कृष्ट प्रतिभा को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि भवानी सिंह जैसे व्यक्ति अंगदान के क्षेत्र में समाज के लिए ब्रांड एंबेसडर हैं। उन्होंने साबित कर दिया कि ट्रांसप्लांट के बाद भी व्यक्ति अपने जीवन में बहुत कुछ हासिल कर सकता है। उन्होंने एक नई पंक्ति समाज को दी है “आप हमे अंग दें हम आपको एक विश्व विजेता देंगे।” इस मौके पर डीन मेडिकल कॉलेज डॉ. संजय पोरवाल व एसआरजी अधीक्षक डॉ.अशोक शर्मा ने भवानी सिंह के हुनर, हौंसले और हिम्मत की सराहना करते हुए उनके द्वारा विश्व ट्रांसप्लांट में देश व राज्य का नाम रोशन करने पर बधाई व शुभकामनाएं दी।
वहीं अपनी मेडिकल सेवा की शुरूआत करने वाले जिले में सम्मान पाकर भवानी सिंह ने अपने जीवन के अनुभवों को उपस्थित अतिथियों व लोगों के साथ साझा करते हुए कहा कि मनुष्य के जीवन में कई संघर्ष आते हैं तथा जो इन संघर्षों का दृढ निश्चय और साहस के साथ सामना करता है उसे सफलता निश्चित रूप से मिलती है। उन्होंने इस दौरान विश्व ट्रांसप्लान्ट गेम्स के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ये गेम्स हर 2 साल में आयोजित किए जाते हैं। इन गेम्स में केवल वही व्यक्ति भाग ले सकते हैं जिनको ट्रान्सप्लान्ट के माध्यम से शरीर का कोई अंग प्राप्त हुआ हो।
उन्होंने कहा कि देश व राज्य के लिए इन गेम्स में भाग लेकर पदक जीतना मेरे लिए बहुत बड़ी बात है जिसका पूर्ण श्रेय मेरे पिता को जाता है जिनके द्वारा मुझे किडनी डोनेट की गई थी। उन्होंने कहा कि हमारे देश में भी अंगदान की महत्ता पर जोर देकर इसको बढ़ावा देने का प्रयास करना चाहिए।
इस अवसर पर झालावाड़ जिले में 2008 से 2011 तक भवानी सिंह के साथ कार्य करने वाले साथियों वैभव जोशी, राधेश्याम, राजेन्द्र शर्मा सहित अन्य द्वारा उनके जीवन और उनकी कार्यशैली पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भवानी सिंह ने अपने झालावाड़ के कार्यकाल में बहुत ही सहज व सरल स्वभाव के साथ लोगों की सेवा का कार्य किया। उन्होंने कहा कि भवानी सिंह के व्यक्तित्व से हम सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए। समारोह में डॉ. अरूण पटेल, डॉ. संजय जैन, डॉ. सुमित हाड़ा, डॉ. योगेन्द्र तिवारी, डॉ. सुनील गोरा, नर्सिंग ऐसासिएशन के अध्यक्ष लोकेश आदि उपस्थित रहे। मंच संचालन डॉ. मयंक जैन द्वारा किया गया।
भवानी सिंह शेखावत का जीवन परिचय
भवानी सिंह का जन्म झुंझुनूं जिले की नवलगढ़ तहसील के जाखल गांव में 14 जून 1984 को हुआ। पिताजी का नाम घनश्याम सिंह शेखावत है और माताजी का नाम मनोहर कंवर है। पिताजी पशु चिकित्सक के रुप में नवलगढ़ में ही कार्यरत रहे। भवानी सिंह की 2008 में शादी अजमेर निवासी प्रकाश कंवर के साथ हुई उसके उपरांत दो बच्चे हुए।
उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही हुई। उसके उपरांत जयपुर से सीनियर सेकेंडरी की। अलवर से नर्सिंग की पढ़ाई पूरी की। इसके साथ ही भवानी सिंह ने पत्राचार के माध्यम से सोशियोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएट की। न्यूट्रिशन एण्ड हेल्थ एजुकेशन में डिप्लोमा हासिल किया। नर्सिंग की पढ़ाई को आगे बढ़ाते हुए एसएमएस नर्सिंग कॉलेज से पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग की।
झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में पदस्थापन एवं कार्य
2008 में पहली बार भवानी सिंह की नर्सिंग कर्मचारी के रूप में प्रथम नियुक्ति झालावाड़ हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज में हुई। किडनी ट्रांसप्लांट और जीवनरक्षक दवाओं पर होने के बावजूद भवानी सिंह ने यहां पूरी मेहनत से काम किया। नर्सिंग कार्य के अतिरिक्त झालावाड़ मेडिकल कॉलेज सोसाइटी के नर्सिंग कर्मचारियों के हकों के लिए संघर्ष किया और वे मेडिकल कॉलेज नर्सिंग एसोसिएशन के पहले अध्यक्ष बने। उसके उपरांत इनके कर्मचारियों के हितों के लिए संघर्ष को देखते हुए झालावाड़ मेडिकल कॉलेज कर्मचारी संघ का पहला निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया। अपने 3 वर्ष के कार्यकाल में भवानी सिंह ने झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों के लिए 5 प्रतिशत सालाना वेतन वृद्धि, मकान किराया भत्ता, उपार्जित अवकाश का लाभ जैसे विभिन्न परिलाभ अपनी कुशल नेतृत्व क्षमता के द्वारा लागू करवाए। मई 2011 में आरपीएससी द्वारा नर्सिंग भर्ती में चयन होने के बाद भवानी सिंह बीकानेर मेडिकल कॉलेज चले गए। वर्तमान में अपने गृह जिले झुंझुनूं में भवानी सिंह नवलगढ़ में पदस्थापित है।
किडनी की समस्या और उसके बाद का जीवन
2004 में अलवर में भवानी सिंह नर्सिंग प्रथम वर्ष के छात्र थे तब उनके पैर में इन्फेक्शन होने के कारण कुछ एंटीबायोटिक्स की हेवी डोज जिसमें जिंटामाईसिन शामिल है दिए गए। इन नेफ्रोटोक्सिक दवाइयों से दोनों किडनी डेमेज हो गई और जयपुर के मोनिलेक हॉस्पिटल में डॉयलिसिस के लिए भर्ती कराया गया। लगातार 2 महीने डायलिसिस और बिगड़ते स्वास्थ्य को देखते हुए उनके पिताजी ने अपनी किडनी भवानी सिंह जी को देने का निर्णय लिया। मई 2004 में गुजरात के नडियाद शहर में स्थित मूलजी भाई पटेल यूरोलॉजी हॉस्पिटल में भवानी सिंह जी का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ। उनके पिताजी ने अपनी किडनी का दान कर भवानी सिंह को पुनः नया जीवन दिया। किडनी ट्रांसप्लांट के बाद शुरुवाती जीवन बड़ा संघर्षपूर्ण रहा।
भवानी सिंह की अब तक की उपलब्धियां
भवानी सिंह ने अब तक 7 अंतराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में भारत की तरफ से भाग लिया और अब तक कुल 18 पदक प्राप्त किए हैं।
* वर्ल्ड ट्रांसप्लांट खेल 2023 पर्थ ऑस्ट्रेलिया में एक रजत व एक कांस्य
* एशियन ट्रांसप्लांट पेटांक चैंपियनशिप बैंकॉक थाईलैंड 2023 एक रजत व एक कांस्य
* थाईलैंड लॉन बॉल ओपन चौंपियनशिप 2024 एक स्वर्ण व एक कांस्य
* वर्ल्ड स्पोर्ट्स ट्रांसप्लांट चौंपियनशिप बैंकॉक 2024 में एक स्वर्ण, एक रजत व एक कांस्य
* ऑस्ट्रेलियन ट्रांसप्लांट गेम्स, कैनबरा, ऑस्ट्रेलिया 2024 में 3 स्वर्ण
* हांगकांग ट्रांसप्लांट गेम्स 2024 में 3 रजत व एक कांस्य
* वर्ल्ड ट्रांसप्लांट खेल 2025 ड्रेसडेन जर्मनी में एक रजत व एक कांस्य
* पिछले महीने जर्मनी के ड्रेसडेन शहर में आयोजित वर्ल्ड ट्रांसप्लांट गेम्स में पुनः भारत का प्रतिनिधित्व किया और एक रजत और एक कांस्य हासिल किया। साथ ही भवानी सिंह पूरे भारत में सर्वाधिक अंतर्राष्ट्रीय पदक जीतने वाले खिलाड़ी भी है।