जोबनेर ज्वाला माता मंदिर में शारदीय नवरात्रि की भव्य शुरुआत, देशभर से श्रद्धालुओं का सैलाब
Monday, Sep 22, 2025-03:36 PM (IST)

जोबनेर | जयपुर से करीब 50 किलोमीटर दूर जोबनेर कस्बे की पहाड़ी पर विराजमान ज्वाला माता मंदिर में शारदीय नवरात्रि की शुरुआत भक्तिमय माहौल के बीच हुई। नवरात्रि के पहले ही दिन मंदिर प्रांगण में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। राजस्थान ही नहीं, बल्कि देशभर से हजारों भक्त माता के दर्शन के लिए जोबनेर पहुंचे और आस्था व भक्ति में डूबकर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना की।
भक्ति और उत्सव का माहौल
सुबह से ही मंदिर परिसर में अखंड दीप प्रज्वलित किए गए और विशेष आरती का आयोजन हुआ। भक्त उपवास रखकर माता को पूजन अर्पित कर रहे हैं। दिनभर मंदिर में भजन-कीर्तन और माँ की महिमा का गुणगान होता रहा। श्रद्धालुओं के लिए भंडारे और प्रसाद वितरण की व्यवस्था की गई है। रात्रि जागरण में भक्त भक्ति रस में लीन होकर माता की महिमा का गुणगान करते रहे।
सुरक्षा व्यवस्था सख्त
श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने मंदिर परिसर और आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है। अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है, ताकि भक्त बिना किसी बाधा और अव्यवस्था के शांतिपूर्वक दर्शन कर सकें।
मंदिर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व
जोबनेर का ज्वाला माता मंदिर लगभग 700 मीटर ऊँची पहाड़ी पर स्थित है। मान्यता है कि यहाँ माता के ब्रह्म स्वरूप और रुद्र स्वरूप दोनों की पूजा होती है। सात्विक पूजा में खीर, पूड़ी, पुए-पकौड़ी और नारियल का भोग लगाया जाता है, वहीं रुद्र पूजा में माता को मांस-मदिरा का भोग अर्पित किया जाता है। मंदिर का इतिहास लगभग 1300 साल पुराना माना जाता है। मान्यता है कि उस समय यह क्षेत्र घने जंगलों से घिरा था। एक ग्वाला अपनी गायें चराते समय देवी के प्रकट होने की आकाशवाणी सुनता है। देवी प्रकट हुईं, लेकिन उनकी गर्जना से ग्वाला भयभीत हो गया। तभी पहाड़ी से देवी का घुटना प्रकट हुआ, जिसे आज भी मुख रूप मानकर पूजा जाता है।
सती के घुटने की कथा और शक्तिपीठ की मान्यता
पौराणिक मान्यता के अनुसार, जब राजा दक्ष के यज्ञ में भगवान शिव को नहीं बुलाया गया तो सती ने क्रोधित होकर यज्ञ अग्नि में कूदकर प्राण त्याग दिए। भगवान शिव सती के शरीर को लेकर तांडव करने लगे। तब विष्णु भगवान ने अपने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर को 51 भागों में विभाजित किया। माना जाता है कि जोबनेर की पहाड़ी पर सती का घुटना गिरा, जिस कारण यहाँ घुटने की पूजा की जाती है। इसी कारण इसे हिमाचल प्रदेश के ज्वाला माता शक्तिपीठ की उप-पीठ भी माना जाता है।
नवरात्रि पर उमड़ा आस्था का सैलाब
नवरात्रि के पावन अवसर पर मंदिर में देशभर से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। माता के जयकारों से पूरा वातावरण गुंजायमान हो रहा है। भक्त सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना लेकर दर्शन कर रहे हैं। मंदिर समिति और स्थानीय प्रशासन भक्तों की सुविधा और सेवा के लिए लगातार प्रयासरत है।