राजस्थान विधानसभा में पास हुआ धर्मांतरण प्रतिषेध विधेयक 2025, आजीवन कारावास और बुलडोजर एक्शन का प्रावधान

Tuesday, Sep 09, 2025-08:40 PM (IST)

जयपुर। राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को 'राजस्थान विधिविरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025' को भारी हंगामे और विपक्ष की नारेबाजी के बीच पारित कर दिया गया। इस बिल में जबरन, छल, कपट या लालच के जरिए धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ अब तक के सबसे कठोर प्रावधान किए गए हैं, जिनमें आजीवन कारावास और भारी जुर्माने तक की सजा शामिल है। 

बिल के प्रमुख प्रावधान

सामान्य धर्मांतरण: 7 से 14 साल की कैद और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना।

विशेष मामले (नाबालिग, महिला, SC-ST, दिव्यांग): 10 से 20 साल की सजा और 10 लाख रुपये का जुर्माना।

सामूहिक धर्मांतरण: 20 साल से लेकर आजीवन कारावास और न्यूनतम 25 लाख रुपये का जुर्माना।

विदेशी फंडिंग: अवैध या विदेशी संस्थानों से फंड लेकर धर्मांतरण कराने पर 10 से 20 साल की कैद और 20 लाख रुपये का जुर्माना।

दोहराया गया अपराध: बार-बार अपराध करने पर आजीवन कारावास और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना।

शादी के जरिए धर्मांतरण: यदि शादी का उद्देश्य केवल धर्मांतरण है, तो ऐसी शादी कानूनी रूप से अवैध होगी।

बुलडोजर एक्शन: धर्मांतरण कराने वाली संस्थाओं की इमारतों को सीज करने और अतिक्रमण मिलने पर ध्वस्त करने का प्रावधान।

धर्मांतरण अब गैर-जमानती अपराध

बिल में धर्म परिवर्तन से 90 दिन पहले जिला कलेक्टर को सूचना देना अनिवार्य होगा। धर्माचार्य को भी दो महीने पहले नोटिस देना होगा। सभी अपराधों को संज्ञेय और गैर-जमानती बनाया गया है, यानी पुलिस बिना वारंट गिरफ्तारी कर सकती है। हालांकि, ‘घर वापसी’ को इसमें धर्मांतरण नहीं माना गया है।

सदन में हंगामा

बिल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस ने बहस का बहिष्कार किया और नारेबाजी की।
गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कहा कि यह बिल समाज के कमजोर वर्गों को जबरन धर्मांतरण से बचाने के लिए लाया गया है।
आरएलडी विधायक सुभाष गर्ग ने विरोध करते हुए कहा कि इससे भ्रष्टाचार बढ़ेगा और पुलिस दुरुपयोग करेगी। वहीं, भाजपा विधायक गोपाल शर्मा ने विवादित टिप्पणी कर विपक्षी विधायकों पर निशाना साधा।

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सदन में अतिरिक्त कैमरे लगाए जाने का मुद्दा उठाया और सरकार पर विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाया। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि सरकार सिर्फ सदन की गरिमा बनाए रखना चाहती है।

पहले से कहीं अधिक सख्त

फरवरी 2025 में पेश बिल में 5 से 10 साल की सजा और 5 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान था। नए विधेयक में सजाएं कई गुना बढ़ाई गई हैं और बुलडोजर एक्शन व शादी से धर्मांतरण रोकने जैसे नए प्रावधान जोड़े गए हैं।
 


Content Editor

Kuldeep Kundara

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