वीकेंड के बाद भी सरस राजसखी राष्ट्रीय मेला–2025 में बरकरार रही रौनक

Monday, Dec 22, 2025-07:37 PM (IST)

जयपुर। सरस राजसखी राष्ट्रीय मेला–2025 में वीकेंड के बाद भी उत्साह और चहल-पहल कम नहीं हुई। सोमवार को मेले के पाँचवें दिन सामान्य कार्यदिवस होने के बावजूद मेला परिसर में भीड़ देखने को मिली। शिल्प, हस्तकला और स्वदेशी उत्पादों के प्रति लोगों की बढ़ती रुचि ने मेले को एक जीवंत उत्सव का रूप दे दिया।

 

परिवारों के साथ आए दर्शकों ने विभिन्न राज्यों से आए शिल्पकारों द्वारा निर्मित उत्पादों की सराहना की और स्थानीय स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) महिलाओं के उत्पादों की जमकर खरीदारी की। इसी क्रम में टाइनी टॉट्स इंग्लिश स्कूल के स्कूली बच्चों ने भी मेले का भ्रमण किया। बच्चों ने महिला उद्यमिता, ग्रामीण आजीविका और स्वदेशी उत्पादों को नज़दीक से समझा, जो उनके लिए आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा से जुड़ने का एक महत्वपूर्ण शैक्षिक अनुभव रहा।

 

महिला उद्यमिता को सशक्त बनाने के उद्देश्य से मेले के अंतर्गत राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (राजीविका) द्वारा कमला पोद्दार ग्रुप के सहयोग से एक विशेष उत्पाद संवर्धन कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में एसएचजी महिलाओं को डिज़ाइन नवाचार, गुणवत्ता सुधार और बाज़ार की मांग के अनुरूप उत्पाद विकसित करने संबंधी व्यावहारिक मार्गदर्शन दिया गया। जूट उत्पादों पर आधुनिक प्रिंट, पेंटिंग तकनीकों और पारंपरिक कला के समकालीन उपयोग पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया।

 

कार्यशाला में शामिल महिलाओं ने बताया कि विशेषज्ञ मार्गदर्शन से उनके उत्पादों की फिनिशिंग और आकर्षण में सुधार हुआ है, जिससे भविष्य में बिक्री और बाज़ार में प्रतिस्पर्धा की संभावनाएँ बढ़ेंगी।

 

शाम के समय सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने मेले की रौनक को और बढ़ा दिया। मंच पर पंजाब की पारंपरिक लोक प्रस्तुतियों—गिद्दा और भांगड़ा—ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और पूरा परिसर उत्साह व तालियों से गूंज उठा।

सरस राजसखी राष्ट्रीय मेला–2025 स्वदेशी उत्पादों के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ महिला उद्यमिता, कौशल विकास और सांस्कृतिक एकता का प्रभावी मंच बनकर उभर रहा है।


Content Editor

Anil Jangid

सबसे ज्यादा पढ़े गए

Related News