जयपुर में ''मीरा दर्शन यात्रा'' का आयोजन: भक्ति और सांस्कृतिक धरोहर का संगम
Saturday, Jul 26, 2025-04:16 PM (IST)

जयपुर में 'मीरा दर्शन यात्रा' का आयोजन: भक्ति और सांस्कृतिक धरोहर का संगम
जयपुर, 26 जुलाई 2025 — क्षात्र पुरुषार्थ फाउंडेशन द्वारा आयोजित 'मीरा दर्शन यात्रा' आज दोपहर 3:00 बजे संघ शक्ति भवन से प्रारंभ होकर जगत शिरोमणि मंदिर, आमेर तक एक भव्य चौपहिया वाहन यात्रा के रूप में निकाली गई। यह आयोजन भक्ति आंदोलन की प्रतीक संत मीरा बाई की आध्यात्मिक यात्रा और सांस्कृतिक विरासत को सम्मानित करने के उद्देश्य से किया गया।
यात्रा मार्ग और सांस्कृतिक महत्व
यात्रा संघ शक्ति भवन से प्रारंभ होकर शेखा जी ROB, पानीपेच, दूध मंडी, चांदपोल, छोटी चौपड़, त्रिपोलिया गेट, बड़ी चौपड़, हवामहल रोड, सुभाष चौक, जोरावर सिंह गेट, रामगढ़ मोड, आमेर बस स्टैंड, खेड़ी गेट पार्किंग होते हुए जगत शिरोमणि मंदिर तक पहुंची। इस मार्ग ने जयपुर की ऐतिहासिक गलियों और सांस्कृतिक स्थलों को जोड़ा, जिससे स्थानीय निवासियों और श्रद्धालुओं को इस आध्यात्मिक यात्रा का साक्षी बनने का अवसर मिला।
जगत शिरोमणि मंदिर: एक अद्वितीय तीर्थस्थल
आमेर में स्थित जगत शिरोमणि मंदिर, भगवान कृष्ण और संत मीरा बाई को समर्पित एकमात्र मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण 1599 से 1608 ईस्वी के बीच रानी कनकवती द्वारा अपने पुत्र जगत सिंह की स्मृति में करवाया गया था। माना जाता है कि इस मंदिर में स्थित भगवान कृष्ण की मूर्ति वही है जिसकी पूजा मीरा बाई चित्तौड़गढ़ में करती थीं। मुगलों के आक्रमण के समय इस मूर्ति को मेवाड़ से आमेर लाकर सुरक्षित रूप से इस मंदिर में स्थापित किया गया।
आयोजन का उद्देश्य और मीडिया से अनुरोध
'मीरा दर्शन यात्रा' का उद्देश्य मीरा बाई की भक्ति, साहस और आध्यात्मिकता को जन-जन तक पहुंचाना है। यह यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सांस्कृतिक एकता और सामाजिक समरसता का संदेश भी देती है।
इस ऐतिहासिक और सांस्कृतिक आयोजन की व्यापकता को देखते हुए, मीडिया प्रतिनिधियों से अनुरोध है कि वे इस यात्रा की कवरेज करके इसे व्यापक जनसमूह तक पहुंचाएं। इससे न केवल मीरा बाई की भक्ति भावना का प्रचार होगा, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर को भी नई पीढ़ी तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।
अधिक जानकारी और अपडेट्स के लिए क्षात्र पुरुषार्थ फाउंडेशन के आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर संपर्क किया जा सकता है।
Sources