राजस्थान के बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा की विधानसभा सदस्यता रद्द, अब अंता सीट पर होंगे उपचुनाव |

Friday, May 23, 2025-03:02 PM (IST)

राजस्थान: भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा की विधानसभा सदस्यता रद्द, अंता सीट पर उपचुनाव तय

राजस्थान की राजनीति में एक बड़ी हलचल देखने को मिली है। अंता से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक कंवरलाल मीणा की विधानसभा सदस्यता को औपचारिक रूप से रद्द कर दिया गया है। यह निर्णय राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी द्वारा राज्य के महाधिवक्ता (एडवोकेट जनरल) राजेंद्र प्रसाद की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया।

संवैधानिक प्रक्रिया के तहत लिया गया निर्णय

विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने इस फैसले की पुष्टि करते हुए कहा कि यह पूरा निर्णय संविधान और विधानसभा के नियमों के अनुरूप लिया गया है। उन्होंने कहा, “हमने राज्य के महाधिवक्ता की कानूनी राय का इंतजार किया। जैसे ही उनकी रिपोर्ट प्राप्त हुई, हमने बिना किसी देरी के सदस्यता रद्द करने की प्रक्रिया पूरी की और बुलेटिन जारी किया।”

कांग्रेस ने जताई संतुष्टि, आरोप लगाए देरी के

इस घटनाक्रम के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इसे कांग्रेस की जीत बताया और कहा कि यह निर्णय उनकी पार्टी के दबाव का परिणाम है। उन्होंने कहा, “हमें राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष और न्यायालय तक जाना पड़ा। यदि सरकार निष्पक्ष होती, तो यह फैसला बहुत पहले लिया जा सकता था। कांग्रेस ने आवाज न उठाई होती, तो भाजपा इस मुद्दे को और लटकाने की कोशिश करती।”

कांग्रेस के आरोपों को देवनानी ने किया खारिज

वासुदेव देवनानी ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि विधानसभा एक संवैधानिक संस्था है और कोई भी निर्णय नियमों के खिलाफ नहीं लिया जाता। उन्होंने कहा कि इस मामले में किसी प्रकार की देरी नहीं की गई, बल्कि विधिक प्रक्रिया के पूरे होने का इंतजार किया गया।

कंवरलाल मीणा को हो चुकी है सजा, अब जेल में

उल्लेखनीय है कि कंवरलाल मीणा को अदालत द्वारा तीन साल की सजा सुनाई गई थी, जिसके बाद उन्होंने थाने में आत्मसमर्पण कर दिया और वर्तमान में वे जेल में हैं। नियमों के अनुसार, दो साल या उससे अधिक की सजा होने पर विधायक की सदस्यता स्वतः रद्द मानी जाती है।

अंता सीट घोषित हुई रिक्त, उपचुनाव अब अनिवार्य

कंवरलाल मीणा की सदस्यता रद्द होते ही विधानसभा में कुल सदस्यों की संख्या 200 से घटकर 199 हो गई है। अंता सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया है और निर्वाचन आयोग के नियमों के तहत आगामी छह माह के भीतर यहां उपचुनाव कराना अनिवार्य होगा।

विपक्ष की नजर अब अंता सीट पर

अंता विधानसभा सीट अब सियासी रूप से केंद्र में आ गई है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इस सीट को अपने पक्ष में करने के लिए सक्रिय हो गए हैं, जबकि भाजपा को इस सीट पर अपनी पकड़ बनाए रखने की चुनौती है।


Content Editor

Rahul yadav

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