पूर्व विधानसभा अध्यक्ष परसराम मदेरणा की जयंती पर याद किए गए

Wednesday, Jul 23, 2025-05:21 PM (IST)

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष परसराम मदेरणा की जयंती पर याद किए गए किसान नेता के योगदान: पीसीसी में पुष्पांजलि और विचार गोष्ठी

जयपुर, 23 जुलाई 2025 – राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) में आज पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और दिग्गज किसान नेता स्वर्गीय श्री परसराम मदेरणा की जयंती पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर पीसीसी परिसर में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां कई कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके योगदान को याद किया।


आजादी के बाद किसानों के सशक्तिकरण में मदेरणा का योगदान

 

मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस नेताओं ने आजादी के बाद के दौर में श्री परसराम मदेरणा और उनके समकालीन किसान नेताओं की भूमिका पर प्रकाश डाला। नेताओं ने कहा कि जब देश आजाद हुआ, उस समय की परिस्थितियां आज से बिलकुल अलग थीं। किसान अपनी जमीन का मालिक भी नहीं था। ऐसे समय में कुम्भाराम आर्य, नाथूराम मिर्धा, परसराम मदेरणा और दौलतराम सहारण जैसे किसान वर्ग से निकले नेताओं ने आगे आकर किसानों की आवाज़ को ज़बरदस्त बल दिया।

कांग्रेस नेताओं ने इस बात पर ज़ोर दिया कि भले ही उस दौर में कई लोग मंत्रिमंडल में शामिल हुए और मुख्यमंत्री बने, लेकिन किसानों के मुद्दों को जिस मजबूती से उठाया गया, उसमें इन नेताओं की भूमिका अमूल्य थी।


राजस्व और पीएचईडी मंत्री के रूप में अमिट छाप

परसराम मदेरणा ने राजस्थान सरकार में विभिन्न महत्वपूर्ण विभागों का दायित्व संभाला। वे विशेष रूप से राजस्व मंत्री और पीएचईडी मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के लिए याद किए जाते हैं। नेताओं ने बताया कि राजस्व मंत्री रहते हुए विधानसभा के भीतर उनका एक अलग ही प्रभाव था। वे राजस्व के तमाम कायदे-कानूनों, नियमों और कानूनी प्रावधानों पर गहरी पकड़ रखते थे, और उनके "टिप्स पर" सब कुछ होता था।

उन्हें एक विलक्षण व्यक्तित्व के धुआं माना गया, जिन्होंने विधानसभा के अंदर और बाहर, दोनों जगह अपनी अमिट छाप छोड़ी। जोधपुर से आने वाले नेताओं ने विशेष रूप से उनसे मिले मार्गदर्शन और सीख को याद किया।


आज भी प्रेरणास्रोत हैं मदेरणा जी

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि परसराम मदेरणा ने जीवनभर पार्टी और किसानों की सेवा की। आज भी उनकी जयंती पर इतनी बड़ी संख्या में लोगों का पीसीसी में जुटना इस बात का प्रतीक है कि उनके प्रति जनता और कार्यकर्ताओं की आस्था आज भी कायम है। उनके द्वारा स्थापित विश्वास आज भी लोगों के दिलों में जीवित है।

हालांकि वे अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी प्रेरणा और उनके संदेश आज भी कई लोगों को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। नेताओं ने कहा कि यही सिलसिला आने वाली पीढ़ियों और आज के युवाओं में भी जारी रहेगा। जैसे शहीदों और महापुरुषों की मूर्तियाँ लगाई जाती हैं, ताकि नौजवान पीढ़ी उनके जीवन और योगदान से प्रेरणा ले सके, वैसे ही मदेरणा जी का जीवन भी एक ऐसी ही प्रेरणा है। इस परंपरा को बनाए रखने में राजस्थान देश में अग्रणी है, जहां गाँव-गाँव में शहीदों और महापुरुषों की मूर्तियाँ दिखाई देती हैं।


Content Editor

Shruti Jha

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