30 मार्च से शुरू होगा विक्रम नव संवत्सर 2082, सिद्धार्थ संवत् 2082 के सूर्य होंगे राजा और मंत्री

Wednesday, Mar 26, 2025-04:06 PM (IST)

जोधपुर/जयपुर, 26 मार्च 2025 । हिन्दू पंचांग के हिसाब से हिन्दू नववर्ष 30 मार्च 2025 से शुरू हो रहा है। इस वर्ष का नाम सिद्धार्थ संवत् है। नए वर्ष की शुरुआत रविवार के दिन होने से संवत के राजा और मंत्री सूर्य होंगे। वहीं अन्न-धन, खनिज व धातु के स्वामी बुध, खाद्य पदार्थों के स्वामी मंगल होंगे। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा में रविवार 30 मार्च को नए संवत्सर 2082 का आरंभ ग्रह-गोचरों के शुभ संयोग में होगा। इस दिन शाम 6:14 बजे तक रेवती नक्षत्र फिर अश्विनी नक्षत्र विद्यमान रहेगा। मीन लग्न सुबह 06:26 बजे तक रहेगा फिर मेष लग्न का आरंभ होगा। मीन राशि में इस दिन पांच ग्रह के मौजूद होने से पंचग्रहीय योग बनेगा। मीन राशि में सूर्य, बुध, राहु, शनि और शुक्र ग्रह विद्यमान होंगे। केतु कन्या राशि में, देवगुरु बृहस्पति वृष राशि में तथा मंगल मिथुन राशि में रहेंगे। 

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा यानी विक्रम संवत 2082 रविवार 30 मार्च 2025 से शुरू हो जाएगा। इसे हिन्दू नववर्ष भी कहा जाता है। पंचांग में 12 महीने होते हैं और हर महीने का प्रारंभ कृष्ण पक्ष से होता है। ब्रह्म पुराण के अनुसार इसी तिथि को ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी। संवत्सर नाम सिद्धार्थ होगा और इसका वाहन घोड़ा रहेगा। नव संवत्सर ज्ञानियों व वैराज्ञियों के उत्तम होगा। लोगों का धर्म-आध्यात्म में रूचि बढ़ेगी। बुध के प्रभाव से वर्षा की स्थिति संतोष जनक रहेगी। चौमासी फसलों का स्वामी बुध के होने से गेंहू, धान, गन्ना आदि की उपज में बढ़ोतरी होगी। शीतकालीन फसलों का स्वामी चंद्रमा होने से मूंग, बाजरा, सरसों की उपज अच्छी होगी। 

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि नए संवत्सर का निवास वैश्य के घर होने से व्यापार मंी प्रगति होगी। अन्न, भूमि, भवन, शिक्षा, सोना, वाहन, तकीनक के क्षेत्रों में तेजी रहेगी। सूर्य के राजा व मंत्री होने इस वर्ष तापमान सामान्य से ऊपर होने के कारण अत्यधिक गर्मी लोगों को झेलनी पड़ सकती है। अग्निकांड से धन जन की हानि के आसार हैं। इस वर्ष वृक्षों पर अपेक्षाकृत फल कम आने की संभावना है। चैत्र व वैशाख मास कष्टकारी व आषाढ़ मास में हवा की गति में तेजी आएगी। सावन मास में अनाजों में तेजी, आश्विन मास में समानता व कार्तिक में मंदी का दौर रहेगा। अगहण, पौष, माघ व फाल्गुन में अशांति, शासकीय विरोध झेलने पड़ेंगे।

संवत 2082 मंत्रिमंडल
भविष्यवक्ता एवं कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि इस वर्ष आकाशीय मंडल में 2082 संवत की यदि मंत्रिमंडल की बात करें, संवत के राजा और मंत्री सूर्य होंगे। वहीं अन्न-धन, खनिज व धातु के स्वामी बुध, खाद्य पदार्थों के स्वामी मंगल होंगे। वही सेनापति का कार्यभार शनि संभालेंगे और संवत्सर के वाहन घोड़ा होगा। इस विक्रम संवत का नाम सिद्धार्थ होगा। इस सिद्धार्थ संवत के राजा- सूर्य, मन्त्री- सूर्य, सस्येश- बुध, दुर्गेश- शनि, धनेश- मंगल, रसेश- शुक्र, धान्येश- चन्द्र, नीरसेश- बुध, फलेश- शनि, मेघेश- सूर्य होंगे। रविवार 30 मार्च 2025 को शाम 6:14 बजे तक रेवती नक्षत्र फिर अश्विनी नक्षत्र विद्यमान रहेगा। मीन लग्न सुबह 06:26 बजे तक रहेगा फिर मेष लग्न का आरंभ होगा। मीन राशि में इस दिन पांच ग्रह के मौजूद होने से पंचग्रहीय योग बनेगा।  मीन राशि में सूर्य, बुध, राहु, शनि और शुक्र ग्रह विद्यमान होंगे। केतु कन्या राशि में, देवगुरु बृहस्पति वृष राशि में तथा मंगल मिथुन राशि में रहेंगे। 

भारतीय राजनीति पर असर
भविष्यवक्ता डॉ अनीष व्यास ने बताया कि इस वर्ष त्वचा व संक्रमण की बीमारियों का प्रकोप के आसार हैं। सूर्य के विशेष प्रभाव होने के कारण भारतीय राजनीति पर असर पड़ेगा। विदेशी कूटनीति से लाभ मिलेगा। देश के कई राज्यों में सत्ता परिवर्तन की संभावना बनेगी। कई स्थानीय राजनीतिक पार्टियों का विलय होगा। राजनीतिक परिदृश्य की बात करें, तो इस वर्ष राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की भूमिका सूर्य के समान प्रभावशाली होगी। नेतृत्व में दृढ़ता और अनुशासन देखने को मिलेगा।

अच्छी होगी फसल और बारिश
कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि यदि आर्थिक स्थिति पर दृष्टि डालें तो महंगाई पर कुछ हद तक नियंत्रण रहेगा, जिससे जनता को राहत मिलेगी। फसलें अच्छी होने की संभावना है, जिससे किसानों को लाभ होगा। सूर्य प्रधानता के कारण गर्मी अधिक रहेगी, जिससे जलसंकट और सूखे की स्थिति बन सकती है। उत्तम वर्षा के योग बनेंगे। सुख, समृद्धि, शांति का वातावरण निर्मित होगा। ऋग्वैदीय परंपरा का एक बार पुनः अनुभव होगा। धर्म, अध्यात्म में जनता का मन, बुद्धि संयुक्त होगा। पश्चिम दक्षिण दिशा में कहीं-कहीं खण्ड वृष्टि का योग बनेगा और कुछ स्थान पर फसल अच्छी होने से संतुलन की स्थिति बन सकेगी। अज्ञात संक्रामक रोगों के प्रति सावधानी की आवश्यकता होगी।

प्रशासन में कठोरता
भविष्यवक्ता एवं कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि समाज में अनुशासन और परिश्रम की भावना बढ़ेगी। प्रशासन में कठोरता आ सकती है। गर्मी अधिक होने से जलजनित रोग और त्वचा संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं, इसलिए सावधानी जरूरी है। इस नवसंवत्सर में सूर्य की शक्ति विशेष प्रभाव डालेगी, जिससे प्रशासन और नेतृत्व में मजबूती के साथ-साथ मौसम का तीव्र प्रभाव भी देखने को मिलेगा।

सरकार का बढ़ेगा दबदबा
भविष्यवक्ता डॉ अनीष व्यास ने बताया कि सूर्य भारतीय ज्योतिष में विशिष्ट भूमिका में रहते हैं। सूर्य के प्रभाव से यह संवत्सर भारत के लिए विशेष महत्वपूर्ण रहेगा। सूर्य नवग्रह में राजा है। इस दृष्टि से पूरे भारत में राज्य स्तरीय राजनीति का प्रमुख केंद्र सेंटर हो जाएगा अर्थात दिल्ली ही संपूर्ण भारत में राजनीति के मापदंड को तय करेगी। प्रधानमंत्री ही सभी राज्यों के मुख्यमंत्री का डेवलपमेंट ग्राफ को तय करेंगे। सूर्य के राजा बनने पर अधिक शक्ति भारत के प्रधानमंत्री के हाथ में सुरक्षित रहेगी। राज्यों को विकास कार्यों के लिए केंद्र पर आश्रित रहना होगा।

प्रशासनिक परिवर्तन 
कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि हिंदू नव वर्ष में भारतीय शासन में प्रशासनिक व्यवस्था और न्यायिक व्यवस्था में अलग-अलग प्रकार के परिवर्तन और संशोधन होंगे। वहीं संवैधानिक प्रणालियों पर भी पुनः अध्ययन करने की आवश्यकता अनुभव होगी और बहुत सारे संशोधन जनहित की दृष्टि से करने का संकल्प लिया जाएगा। बहुत से स्थान पर जनता के लिए न्याय तथा प्रशासन का विश्वास बना रहे, इसके लिए विशेष प्रयास भारतीय शासन व्यवस्था में करनी होगी।

पशुओं को पीड़ा 
भविष्यवक्ता एवं कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि संवत्सर का राजा सूर्य होने से सूर्य की शक्ति का प्रभाव अलग-अलग प्रकार से विभिन्न क्षेत्र में दिखाई देगा। सर्वप्रथम प्राकृतिक परिवर्तन होने से कहीं-कहीं खंडवृष्टि होगी कुछ स्थानों पर चतुष्पद पशुओं को पीड़ा की स्थिति और कहीं प्रजा को रोग आदि का कष्ट हो सकता है। वहीं धान्य का उत्पादन मध्यम से श्रेष्ठ होगा। राष्ट्रीय प्रमुखों के लिए यह समय चिंतनीय रहेगा, विश्व राजनीति में कूटनीति स्पष्ट रूप से दिखाई देगी।

राष्ट्रों में अस्थिरता
भविष्यवक्ता डॉ अनीष व्यास ने बताया कि युद्ध उन्मादी राष्ट्रों के मध्य अस्थिरता उत्पन्न होगी। कहीं-कहीं न चाहते हुए आंतरिक गृह युद्ध की स्थिति दिखाई देगी। वहीं शांतिप्रिय राष्ट्रों के मध्य विश्व स्तरीय संधि का भी प्रस्ताव आने से क्षेत्र विशेष में अनुकूलता का प्रभाव रहेगा।

शेयर मार्केट में उतार चढ़ाव
कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि शेयर मार्केट में विश्वस्तरीय उठापटक के चलते उतार-चढ़ाव की स्थिति बनेगी, वहीं पॉलिसी बजट से जुड़े मामलों में भी गतिरोध की स्थिति दिखाई देगी। विदेशी मुद्राओं का भंडारण एक्सपोर्ट और इंपोर्ट की पॉलिसी के तहत घटेगा। साइबर अपराध कहीं-कहीं चुनौतियों का विषय बनेगा। उच्च तकनीक या नवीन तकनीक के माध्यम से शासकीय चुनौती की परीक्षा होगी। हालांकि प्रशासनिक क्षमता के बढ़ने से परिस्थिति में सुधार भी होगा।

बढ़ेगी आस्था
भविष्यवक्ता एवं कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि अतिथि देवो भव: का संकल्प संपूर्ण विश्व में भारत के नाम को सम्मानित करवाएगा। भारत की निर्यात नीति सहयोगी राष्ट्रों को सहयोग करेगी, वहीं उत्तम कृषि से भंडारण परिपूरित रहेगा। धर्म प्राण जनता में सुख शांति का अनुभव होगा। वैदिक और उपनिषदीय प्रभाव बढ़ेगा। धर्म, अध्यात्म, संस्कृति के प्रति वैचारिक परिवर्तन होंगे। लोगों में आस्था बढ़ेगी। तीर्थ मंदिरों की ओर लोगों का रूझान बढ़ेगा। वन औषधि एवं आयुर्वेदिक औषधि सहित सामुद्रिक वस्तुओं के मूल्य में उछाल आएगा। धातुओं के मूल्य में उतार-चढ़ाव के साथ वृद्धि होगी।


Content Editor

Chandra Prakash

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