नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने पंजाब केसरी के इन सवालों के दिए बेबाक जबाब, एक्सक्लूसिव इंटरव्यू ।
Sunday, Aug 04, 2024-07:42 PM (IST)
जयपुर, 4 जुलाई 2024 (लिज़ा चंदेल) ।
प्रश्न 1- विधानसभा सत्र चल रहा है, ऐसे में आप नेता प्रतिपक्ष के रूप में अपने आप को कैसे देखते हैं ?
उत्तर- मैं अपना बेस्ट कर रहा हूं और जिस दिन इस पद पर ये जिम्मेदारी मुझे मिली थी, उस दिन सबसे पहले मेरी प्राथमिकता यही थी कि जिस पद पर मुझे नियुक्त किया गया है उसके साथ न्याय हो । क्योंकि ये पद ऐसा है जो सत्ता से लगातार लड़ाई करने का है, उनको एक सही दिशा देने का है , संविधान की रक्षा करने का है और पब्लिक की आवाज को उठाने का है । और जहां तक मेरा प्रयास रहा है मेरी तरफ से मैंने कोई कमी नहीं छोड़ी है । अब परफॉर्मेंस कैसी है ? ये मीडिया बताएगी, जनता बताएगी ।
प्रश्न 2 - सत्र के दौरान कांग्रेस खुद को सेल्फ गोल करती हुई नजर आ रही है, चाहे वो श्रवण कुमार का बयान हो या शांति धारीवाल का ?
उत्तर- दोनों ही जो स्टेटमेंट थे, श्रवण कुमार जी का जो स्टेटमेंट था वो सबके लिए नहीं था । उन्होंने कुछ लोगों का नाम लेकर इंगित करते हुए ये बात कही थी कि इस प्रकार के जो लोग है जो उसमे पूरे समाज का ही मैं समझता हूं एक मैसेज भी खराब होता है । कुछ लोग मान लो कोई नेता बेईमानी करता है तो उसकी वजह से बाकि नेताओं पर भी आक्षेप लगता है, कि नेताओं ने ये कर दिया या फिर एक अधिकारी भ्रष्ट होने से लगता है कि अधिकारी भ्रष्ट हो गए । इसी प्रकार से कोई इस प्रकार के जिनके बारे में कहा गया उन्ही को लेकर बात थी लेकिन जहां तक मैं समझता हूं कि श्रवण कुमार जी तो साधु संतों का बहुत मान सम्मान रखते है और उन्होंने वो बात कही भी । जहां तक धारीवाल जी की जो बात है वो जिस वे में कही गई वो क्योंकि आसन पर भी कोटा से आने वाले सदस्य थे, आपस का उनका था । लेकिन इन चीजों की विधानसभा में कोई मैं समझता हूं कहीं भी एक परसेंट भी ऐसी चीजों की यहां रखने का कोई मतलब ही नहीं है । उनको एक्सेप्टेंस दी नहीं जानी चाहिए और उनकी गलती थी, उन्होंने गलती मानी । मैंने खुद भी अश्योर किया कि इस प्रकार की घटनाएं भविष्य में नहीं हो और पूरा सदन इस बात को लेकर नाराज था । ये चीजे होनी नहीं चाहिए, भविष्य में इस प्रकार की बातें नहीं होनी चाहिए । वो बुजुर्ग है और क्या चीजें रही उन्होंने माफी मांग ली तो माफी से ज्यादा कोई दंड नहीं है ।
प्रश्न 3 - भजनलाल सरकार बार-बार एक बात कह रही है कि अभी बड़े मगरमच्छों को पकड़ना बाकी है, छोटी मछलियों को ही पकड़ा है, ये किस ओर इशारा कर रही हैं ?
उत्तर- इशारे जो भी हो, मैंने पहले ही इस बात को कहा कि छोटी-छोटी मछलियों को पकड़ रहे हैं । आज पेपरलीक का जो नेटवर्क है जो पूरे देश में फैल चुका है । हम राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा का नाम ले, मैं समझता हूं कोई राज्य इससे नहीं बचा है, सेंटर नहीं बचा है । अलग-अलग भर्तियां सेना की भर्तियों में ऐसे फर्जीवाड़े पकड़े गए हैं, कोर्ट की भर्तियों में ऐसे फर्जीवाड़े पकड़े गए हैं । तो मेरे कहने का तात्पर्य ये है कि जो इस प्रकार का सरगना जो इसे बड़े तरीके से पूरा चला रहा है । जिसके लिए हमारी सरकार ने बहुत मजबूत कानून बनाया है, पूरे देश में सबसे मजबूत कानून राजस्थान ने बनाया है । हमारे 10 परसेंट जो ताकतवर कानून भारत सरकार ने बनाए है और भारत सरकार अगर कानून बना रही है, इसका मतलब पूरे भारत की ये समस्या है तो उस पर रोक लगनी चाहिए । क्योंकि हमारे जो युवा साथी है, मेहनत करते है उनके मां-बाप जो है क्या कमाते हैं, नहीं कमाते है, खुद खाना कम खाते हैं, कपड़े कम पहनते हैं, मकान नहीं बनाते हैं । वो चाहते हैं मेरा बच्चा अच्छा पढ़ लिखकर कहीं लग जाए और फिर जब पता चलता है कि पेपरलीक हो गया या उसका फायदा उठाकर जो इंटेलिजेंट बच्चे हैं वो रह जाते हैं, टॉपर रह जाता है औऱ जो फर्जीवाड़ा करने जिनके अंदर क्वालीफिकेशन नहीं है वो सींट पर बैठ जाते हैं, तो दोहरा नुकसान है । एक तो जिस प्रकार का कैलिबर जिस प्रकार का बच्चे में होना चाहिए वो कैलिबर तो आएगा नहीं वो तो घर बैठ गया औऱ भ्रष्टाचार से जो आया है वो पहले भ्रष्टाचार का जो पैसा है, उसको कमाने की कोशिश करेगा, उसको इतना ज्ञान नहीं रहेगा । तो लायक और नालायक वाला ही अंतर है, वो चीजे जो है मैं समझता हूं कि बहुत जरूरी है कि जो लायक बच्चे हैं उनको मौका मिलना चाहिए ।
प्रश्न 4 - बीजेपी सरकार तो लगातार आरोप लगा रही है कि कांग्रेसराज में ही सबसे ज्यादा पेपर लीक हुए हैं और कई ऐसे नाम है जिन पर इशारा भी करती नजर आती है बीजेपी सरकार कि उनका इन्वॉल्वमेंट हैं ?
उत्तर- मैं सीधी बात कहना चाहूंगा कि हमारे पांच साल में और उससे पहले पांच साल बीजेपी के में, हमसे ज्यादा पेपर लीक बीजेपी राज में हुए, सबसे पहली बात, ऑन रिकॉर्ड है विधानसभा का सत्र शुरू हुआ था, जिसमें हनुमान बेनीवाल का पहला प्रश्न लगा था । जिसके अंदर खुद सरकार ने ये जवाब दिया था । दूसरे नंबर की बात ये है कि हमने कानून सबसे मजबूत बनाया । तीसरे नंबर की बात ये है कि इन लोगों ने जितने लोगों को पकड़ा है उससे कई ज्यादा लोगों को हमने पकड़ा था । चौथे नंबर की बात, हमारे समय में जो पेपर लीक हुए वो खुद सरकार ने खोले और बीजेपी के समय में जो पेपरलीक हुए, बच्चे कोर्ट में गए और कोर्ट के आदेश के बाद में उनको पेपर लीक माना गया, इतना अंतर है । सबसे महत्वपूर्ण बात जब आठ महीने हो गए तो आठ महीने में इशारा क्या है ? अगर आप करना चाहते हैं तो करिये ना अब किस चीज का इंतजार है ? आप ये इशारे करना, पार्टी को कमजोर करने के लिए एक इस प्रकार का माहौल आप फैला रहे हो बयान इस प्रकार दे रहे हो और जब आप के पास कुछ है तो आप करिए जांच, हम तो पहले दिन कहा है कि जो भी दोषी है उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए ।
प्रश्न 5- खिलाड़ी लाल बैरवा पहले कांग्रेस में थे फिर बीजेपी का कमल थाम लिया, अब क्या लगता है वापस कांग्रेस में शामिल होंगे ?
उत्तर- जो लोग कांग्रेस छोड़कर गए हैं, उनको वापस लेना है या नहीं लेना है ये आलाकमान को तय करना है तभी कोई निर्णय हो पाएगा ।
प्रश्न 6- शैडो कैबिनेट की कांग्रेस सरकार बात कर रही थी उसका क्या हुआ ?
उत्तर - शैडो कैबिनेट हमने बना ली है और जहां तक उसको ओपन करने का है वो हमने उस तरीके से नहीं रखा है, हमने जिनको जो जिम्मेदारी देनी थी वो जिम्मेदारी दे दी है । अब धीरे-धीरे आपको खुद ही नजर आने लग जाएगा कि जो कांग्रेस ने शैडो कैबिनेट जो कांग्रेस ने बनाई है उसका असर आपको नजर आने लग जाएगा ।
प्रश्न 7- प्रदेश में बिजली संकट को लेकर लगातार कांग्रेस विरोध जता रही है । इस पर ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने जनता के गले में उधारी का सांप डालने का काम किया है, जहां साढ़े 4 हजार करोड़ का कोयला मंगाया जा सकता था वहां कांग्रेस ने 18 हजार करोड़ रुपए का कोयला इम्पोर्ट किया । क्या है कारण ?
उत्तर- कारण भारत सरकार, भारत सरकार के निर्देश थे कि आपको 10 फीसदी कोयला जो है इम्पोर्ट करने पड़ेगा । ये भारत सरकार के ऑर्डर है जिसकी वजह से हमें घटिया क्वालिटी और महंगे दामों में बाहर से कोयला मंगवाना पड़ा । और ये सब जानते है कि कोयले की माइन्स किसकी है ? और वो राजस्थान को ही नहीं पूरे देश की जितनी भी राज्य सरकारें हैं उन सबके लिए भारत सरकार ने ऑर्डर जारी किया । जबकि हमारे देश के अंदर कोयला खूब है तो इसका जवाब तो ये दे, पेपर बताए कि भारत सरकार ने ऑर्डर नहीं दिया । भारत सरकार खुद राज्यों पर दबाव बना रही थी कि आपको 10 फीसदी कोयला इंपोर्ट करना कंपल्सरी है । इसकी वजह से हमें करना पड़ा, जिसके लिए सही कह रहे हैं इतना नुकसान राज्य का हुआ, महंगी रेट में हमें लेना पड़ा । लेकिन दूसरी बात मैं कहना चाहूंगा कि जिस प्रकार से ये लोग जो जवाब दे रहे हैं पिछली सरकार को आज आठ महीने बाद भी कोस रहे हैं । कोसिए, लेकिन ये सरकार का काम होता है कि वो बिजली की व्यवस्था करें, हमने महंगी खरीदी ठीक हैं महंगी खरीदी लेकिन आम जनता और किसान को परेशान तो नहीं होने दिया, आप भी खरीदो महंगी । सरकार का काम क्या है आप महंगा सस्ता देखेगो तो आप क्यों एसी ट्रेन चला रहे हो, लॉकल ट्रेन चला दो, मत चलाओ एसी, आप क्यों एसी बसें चला रहे हो, क्यों बड़ी बड़ी बिल्डिंगे बना रहे हो, महंगी शिक्षा पड़ रही है तो स्कूलों पर क्यों इतना पैसा खर्च कर रहे हो, पेड़ के नीचे पढ़ाओ । आप अस्पताल में जाओ कोई गोली एक रुपए की मिलेगी, कोई इंजेक्शन करोड़ों का भी मिलेगा तो फिर क्या करोड वाले की जरूरत नहीं है जहां करोड़ वाले की जरूरत है वहां करोड़ का भी लगेगा, जहां एक रुपए वाली गोली की जरूरत है वहां एक रुपए की गोली भी लगेगी । इसमें हम ये नहीं कह सकते कि महंगी जो दवाइयां है जो बंद कर दो और सस्ती जनता को देंगे, ये नहीं है । आज जिम्मेदारी सरकार की होती है । हमारे समय में कोविड आया, तो कोविड का मैनेजमेंट हमने किया । 40-40 हजार रुपए का इंजेक्शन जनता को फ्री दिया । 3-3 लाख रुपए के इंजेक्शन जनता को फ्री दिया, ताकि किसी भी व्यक्ति की इलाज के अभाव में जान नहीं जाए । सरकार का मतलब ये होता है कि लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना । आज ट्रांसपोर्ट की बात करें तो रोडवेज कोई कमाने के लिए थोड़े ही है, अस्पताल कमाने के लिए थोड़े ही है तो फिर प्राइवेट और अस्पताल में क्या फर्क है ?, स्कूल, बिजली, पानी कमाने के लिए नहीं है । जनता को सेवा देनी है सुविधाए देनी है । कमाने के लिए आपके पास माइनिंग, टैक्सेज है और कमाने के लिए और 20 प्रकार के टैक्सेज है जो सरकार लगाती है अलग-अलग डिपार्टमेंटों पर, वो है । जनता की जरूरत की चीज है वो तो पूरा करना ही पड़ेगा ।
प्रश्न 8 - हीरालाल नागर का ऐसा एक स्टेटमेंट रहा कि सर्दियों में कांग्रेस ने बिजली उधार ली, क्योंकि उनको पता था कि आगे कांग्रेस सरकार तो आएगी नहीं तो जो कर्जा है जनता के माथे मड दिया बीजेपी के माथे मड दिया ?
उत्तर- कोई बीजेपी के माथे नहीं, ये तो थोड़ी सी कसर रह गई कि कांग्रेस आई नहीं, कोई आने में कोई कमी नहीं छोड़ी । 70 विधायक हमारे जीतकर आए हैं 15-20 इधर से उधर होने थे राज आया हुआ था । तो ये चीजे कहना कि ये हमने ये सोचकर कि हम तो आगे आएंगे नहीं और ये कर्जा मांड दो तो सारी व्यवस्थाएं । आज ये करले ना बैंकिंग, इनको किसने मना किया । ये अब ले ले उधार, बाद में चुका देंगे । तब ये कह रहे हैं कि हम इतने आत्मनिर्भर बन रहे हैं हम इतने सौर ऊर्जा पर आत्मनिर्भर बन गए, हम इतने एमओयू कर दिए तो वो एमओयू तो हमारी निविदाएं हैं ये तो एक सतत् प्रक्रिया है । आज मान लो कोई चीज ये नई चीज शुरू करेंगे और इनका राज बदल जाता है तो हम पूरी करेंगे औऱ हमने पहले भी पूरी की है, लेकिन इन सरकार की तरह एक मंशा इस प्रकार की लेकर कि पिछली सरकार के सारे कामों पर रोक लगाई जाती है । 20 दिसंबर को इन्होंने ऑर्डर निकाल दिया कि सभी विभागों के सारे कामों पर रोक लगाई जाती है । जिसका खामियाजा जनता को उठाना पड़ रहा है । आठ महीने तो इनको यहां बने हुए हो गए, 10 साल भारत सरकार को बने हुए हो गए । आज स्वच्छता की बात करते हैं तो क्या हालत है जाकर देख लीजिए । थोड़ी सी बारिश होते ही पानी चौक हो गया, लोगों की जान चली गई, कोचिंगों का क्या हाल हो रहा है इनकी आंखों ने नीचे पेपर लीक हो रहा है । देश में तो ये बैठे है फिर भी अब तक क्यों कार्रवाई नहीं कर रहे हैं । बिजली दो महीने से नहीं दे पा रहे, पानी आप नहीं दे पा रहे, ईआरसीपी लागू नहीं कर पा रहे, यमुना का पानी लेकर नहीं आ पा रहे और कांग्रेस पर दोष मढ रहे हैं । 25 के 25 सांसद दो-दो बार जीतकर गए हैं, अबकी बार भी 14 सांसद जीतकर गए हैं । बिहार में हमसे कम सांसद है वो बजट ले जा रहे हैं, 56-58 हजार करोड़ रुपए उनको दे दिए । एक लाख 25 हजार करोड़ की पहले पीएम मोदी जी पहले भी बिहार में घोषणा करके आए थे । तो आप बिहार में दीजिए लेकिन राजस्थान में भी तो दीजिए, हम ये नहीं कर रहे कि बिहार को मत दो, उनको दो और अगर 56 हजार करोड़ कम लग रहे हैं तो और उनको दो । लेकिन राजस्थान को भी तो दीजिए । राजस्थान की भी तो राजस्थान की क्या परिस्थितियां है, क्या भौगोलिक दृष्टियां है, क्या जनसंख्या का घनत्व है, क्या फैलाव है, कितनी दूर गांव-ढाणी है । जलजीवन मिशन की बार-बार घोटालों की बात करते हैं आप जांच करो ना आप सामने लेकर आइए सारी चीजों को, कौन मना कर रहा हैं । लेकिन राजस्थान का जल शक्ति मंत्री होते हुए भी राजस्थान को विशेष दर्जा नहीं मिले । मनमोहन सिंह जी के समय में जब पैसा आता था तब 90 परसेंट पैसा भारत सरकार देती थी, 10 परसेंट राजस्थान सरकार देती थी । आज 45 परसेंट पैसा भारत सरकार दे रही है, उल्टा हमें तो नुकसान हो गया ।