नागौर क्षेत्र में हिंसा का काला सच, वायरल WhatsApp Chat से हुआ खुलासा!

Tuesday, Jul 15, 2025-03:02 PM (IST)

7 जुलाई को नागौर जिले के रियाबड़ी बजरी माफियाओं ने 12 लोगों को कुचल दिया। लेकिन इसको लेकर जो सच्चाई सामने आ रही है, उस सच्चाई ने हर किसी को हैरान कर दिया है। इसे सिर्फ नागौर में नहीं बल्कि पूरे राजस्थान में बवाल खड़ा हो गया है। क्योंकि यहां पर जो सच था वो किसी ने नहीं दिखाया.. ना ही किसी जनप्रतिनिधि ने और ना ही किसी नेताओं ने। लेकिन एक WhatsApp ग्रुप ने इस पूरी हिंसा का पर्दाफाश कर दिया है। यह हिंसा नहीं यह घटना नहीं बल्कि एक सुनियोजित तरीके से दंगा कराने की योजना थी और इसको लेकर WhatsApp चैट में जो खुलासे हुए हैं उसने हर किसी को हैरान कर दिए हैं। मैं आपको पूरी WhatsApp चैट बताने वाला हूं कि किस तरीके से यहां पर दंगे की प्लानिंग हुई थी और इसमें कई जनप्रतिनिधियों का भी हाथ बताया जा रहा है। लेकिन आखिर कौन है वह जनप्रतिनिधि जो खनन माफियाओं के साथ मिले हुए हैं जो माफियाओं के साथ मिलकर के इस तरह के काम कर रहे हैं और इसमें जो लीज धारक हैं उनका तो यह कहना है कि हमने ₹15 करोड़ सरकार को दिए हैं। 

बावजूद इसके कुछ जनप्रतिनिधि खनन माफियाओं के साथ मिलकर हमारे साथ इस तरह की घटना कर रहे हैं। लेकिन आखिर इस मामले को लेकर जो खुलासा हुआ है, उस खुलासे ने कई लोगों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लेकिन आप यह WhatsApp चैट देखिए, इसमें सारी योजना जो हुई थी दंगा फैलाने को लेकर के, उसका एक-एक चैट मौजूद है। और यही चैट अब पुलिस के पास है और पुलिस इस मामले में जांच में जुटी हुई है और इसके पीछे के जो असली गुनहगार हैं, उनको खोजने की कोशिश में लगी हुई है। लेकिन चलिए अब जान लेते हैं कि आखिर इस WhatsApp चैट में क्या है जिसकी वजह से इस पूरे घटनाक्रम का इस पूरी साजिश का पर्दाफाश होता नजर आ रहा है। और आखिर राजस्थान में पिछले कई सालों में ऐसा नहीं हुआ कि सुनियोजित तरीके से इस तरह से घटना जो हुई है वो योजना के तहत और दंगा कराने की साजिश हुई हो। दरअसल ये WhatsApp चैट आप देख रहे हैं। इसमें बहुत सारे ऑडियो मैसेज भी किए हुए हैं। और इसमें जो प्लानिंग की गई थी, एक शख्स बोल रहा है कि मैं गाड़ियां जलाने के लिए 50 लीटर पेट्रोल मेरी तरफ से दूंगा। इसके साथ ही 10-10 पत्थर हर व्यक्ति को लाने के लिए बताया गया था। और सबसे हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि उसी WhatsApp ग्रुप में यह खुलासा हुआ है।

उसमें मैसेज किए गए कि दंगा कराने से पहले आग लगाने से पहले लाइटें काट दो उसके बाद आग लगा दो ताकि सीसीटीवी कैमरे में कोई घटना रिकॉर्ड ना हो। भाई हम भी कांटे पे आ रहे हैं। सभी लोग जल्दी से जल्दी कांटे पे आ जाओ। वीडियो डिलीट कर रहे हैं पुलिस वाले। इसके बाद एक और मैसेज आप सुन सकते हैं जिसमें यह कहा गया है कि यहां से जल्दी भाग जाओ। पुलिस वीडियो बना रही है, फुटेज रिकॉर्ड कर रही है। सबूत में आ जाएंगे। यानी कौन है इसके पीछे? कौन सा माफिया ऐसा है जो इस तरीके से पूरा WhatsApp ग्रुप बना करके उसमें योजना बना करके दंगा कराने की प्लान करा करा रहा हो। आखिर कौन वो जनप्रतिनिधि हैं? आखिर कौन वो लोग हैं? यह बहुत बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। लेकिन आखिर जिस तरीके से यह घटना हुई और जब यह खुलासा हुआ उस खुलासे ने हर किसी को हैरान कर दिया है। इस मामले की सख्त जांच होनी ही चाहिए। जांच होकर जो भी इसके पीछे गुनहगार हैं चाहे कोई भी जनप्रतिनिधि हो उसके खिलाफ सख्त कारवाई होनी चाहिए।

सरकार को कड़ा कदम उठाना चाहिए। पुलिस को काम करना चाहिए और इसका दूध का दूध और पानी का पानी करना चाहिए क्योंकि राजस्थान में यह बड़ी साजिश हुई है। आम जनता को गुमराह किया जा रहा है। आम जनता को बेवकूफ किया जा रहा है। बनाया जा रहा है। लेकिन और जो माफिया हैं जो जनप्रतिनिधि हैं जो माफियाओं का काम कर रहे हैं। वो लोग उनके साथ मिलकर आम जनता को गुमराह कर रहे हैं और इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने में उनका नाम शामिल होता है। लेकिन दोस्तों इस पूरे घटनाक्रम पर आप क्या सोचते हैं? आखिर इसके पीछे की सच्चाई क्या है? कौन है वो लोग जो यह करवाना चाहते हैं? कौन है वो जनप्रतिनिधि जो इस खनन माफियाओं के साथ मिलकर इस तरह की दंगा कराने की प्लान कर रहे हैं? कौन है आखिर वो? यह जानना बहुत जरूरी है। 


Content Editor

Raunak Pareek

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