सरदार की छांव में सज रहा भारत का नया पर्यटन हब, स्टेचू ऑफ यूनिटी क्षेत्र में बनेगा एयरपोर्ट
Friday, Sep 26, 2025-11:46 AM (IST)

केवड़िया, गुजरात | सुबह की किरणों की चौड़ाई और तापमान की गरमाहट के बीच पर्यटकों का सिलसिला शुरु हो चला है। यहां कैमरों और मोबाइल्स से सरदार पटेल की प्रतिमा को कैद करने की होड़ सी लगी रहती है। स्थानीय गाइड हितेश भाई, जो पिछले तीन साल से यहां काम कर रहे हैं, बताते हैं कि "अब तो यहां जिंदगी बस गई है। हर सप्ताह नए चेहरे, अलग अलग भाषाएं बोलने वाले लोग आते हैं। हमसे इस मूर्ति के बारे में जानते हैं। होटल, ट्रांसपोर्ट,रेलवे और आगे एयरपोर्ट भी आने वाला है, अच्छा तो लगेगा ही, लोग आयेंगे तो रोजगार बढ़ेगा"।
नर्मदा नदी के किनारे बसे गुजरात के केवड़िया में स्थित 'स्टेचू ऑफ यूनिटी' अब केवल एक प्रतिमा नहीं, बल्कि एक जीवंत पर्यटन और आर्थिक केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है। 182 मीटर ऊंची यह प्रतिमा दुनिया के सबसे बड़े आकर्षणों में से एक बन चुकी है। यहां पर अधिकारी एडीएम नारायण माधू और गोपाल बामनिया के मुताबिक वर्ष 2024 में यहां लगभग 58.25 लाख पर्यटक पहुंचे, जो एक रिकॉर्ड है। अब हम भविष्य की योजनाओं पर काम कर रहे हैं। जिसमें एयरपोर्ट कनेक्टिविटी से यहां तेजी से विकास की योजनाएं आकार लेंगी।
स्टेचू ऑफ यूनिटी प्रोजेक्ट में अभी तक ये आकर्षण के केंद्र:
- वैली ऑफ फ्लावर्स: नर्मदा तट पर फैली रंग-बिरंगी फूलों की घाटी।
- जंगल सफारी: 375 एकड़ में फैला जूलॉजिकल पार्क।
- नर्मदा नदी पर बोट क्रूज: पर्यटकों के लिए लोकप्रिय गतिविधि का दायरा बढ़ते हुए मध्यप्रदेश इन शंकराचार्य आसाम से सरदार सरोवर तक क्रूज सेवा शुरू करने पर काम हो रहा है। इसी तरह अगले चरण में देश के सभी राज्यों को भूमि आवंटित कर उनके भवन तैयार करने की योजना है।
- यूनिटी ग्लो गार्डन: रात में रोशनी से जगमगाता उद्यान।
- हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में भी तेजी से विस्तार हो रहा है। रीजेंटा रिसॉर्ट जैसे लक्ज़री होटल पहले से ही चालू हैं, जबकि टाटा समूह की IHCL द्वारा 'विवंता' और 'जिंजर' ब्रांड के होटल्स जल्द ही शुरू होने की योजना में हैं।
अगस्त की बैठकों में मिली मंजूरी
गुजरात सरकार और सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट (SVPRET) की हालिया बैठकों में इस क्षेत्र को और विकसित करने के प्रस्ताव रखे गए हैं। इनमें ट्रेकिंग ट्रेल्स, पहाड़ियों पर हॉस्पिटैलिटी जोन और प्रवेश द्वार पर सरदार सरोवर डैम की एक प्रतिकृति बनाना शामिल है। साथ ही, वडोदरा से केवड़िया तक 381 करोड़ रुपये की लागत से एक हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर का निर्माण भी मंजूर हो चुका है, जिससे कनेक्टिविटी और सुधरेगी।
प्रोजेक्ट से फायदा तो हुआ मगर कोई सोशियो इकनॉमिक स्टडी नहीं प्रोजेक्ट से स्थानीय जीवन पर प्रभाव तो हुआ लेकिन अभी कोई सोशियो इकोनॉमिकल स्टडी नहीं हुई कि आखिर आदिवासी लोगों के जीवन पर इस प्रोजेक्ट का क्या असर पड़ा है। साथ ही अभी भी सभी 19 गांवों के लोग समान रूप से विकास की मुख्य धारा में नहीं आए हैं। खुद अधिकारी मानते हैं कि जैसे जैसे प्रोजेक्ट आगे बढ़ेगा, आदिवासी लोगों में रोजगार का दायरा बढ़ेगा, व्यास वैसे एक दो फीसदी लोगों में थोड़ा भी असंतोष है वो खत्म हो जाएगा। अच्छी बात ये रही कि अन्य प्रोजेक्ट की तरह हमें यहां जमीन अवाप्ति की प्रक्रिया से उस रूप में नहीं गुजरना पड़ा जैसा अन्य प्रोजेक्ट में होता है। जमीन हमारे पास पर्याप्त है। 21 किलोमीटर के दायरे में विकास के काम हो रहे हैं। खास बात यह है कि महिलाओं को रोजगार, प्रदूषण रहित परिवहन इस प्रोजेक्ट के केंद्र में है।
- विशाल सूर्यकांत