झालावाड़ हादसे के बाद सरकार की सख्ती: सभी सरकारी इमारतों व पुलों के लिए बनेगी स्थायी निगरानी समिति

Saturday, Jul 26, 2025-08:41 PM (IST)

जयपुर। झालावाड़ जिले के पीपलोदी गांव में स्कूल भवन गिरने की दर्दनाक घटना के बाद राज्य सरकार ने बड़ा और सख्त कदम उठाया है। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर अब राज्य की सभी सरकारी इमारतों, छात्रावासों, स्कूलों, कॉलेजों, अस्पतालों, सड़कों और पुलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्थायी समितियों का गठन किया गया है।

राज्य के मुख्य सचिव सुधांश पंत द्वारा जारी आदेश के अनुसार, यह निर्णय हाल ही में हुई उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के बाद लिया गया है।

 क्या रहेगा समिति का काम?

राज्य स्तर पर गठित स्थायी समिति की अध्यक्षता अतिरिक्त मुख्य सचिव (PWD) करेंगे। इसमें शिक्षा, चिकित्सा, नगरीय विकास, ऊर्जा, कृषि, वित्त आदि विभागों के सचिव या उनके प्रतिनिधि शामिल होंगे।

समिति का मुख्य उद्देश्य:

  • हर साल 15 जून से पहले सभी सरकारी भवनों और संरचनाओं का सुरक्षा ऑडिट

  • असुरक्षित घोषित संरचनाओं को तोड़कर नए निर्माण की प्रक्रिया

  • समयबद्ध मरम्मत और मासिक प्रगति रिपोर्ट तैयार करना

 जिला और उपखंड स्तर तक निगरानी

जिला स्तर पर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में स्थायी समिति गठित की गई है। इसमें PWD, DISCOM, जिला शिक्षा अधिकारी, सीएमएचओ, और अन्य संबंधित अधिकारी शामिल रहेंगे।

ये टीमें उपखंड स्तर तक जाकर:

  • जर्जर भवनों, पुलों, जलभराव वाले इलाकों की भौतिक जांच करेंगी

  • बिजली करंट, भवन गिरने, जलभराव जैसी दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए समय रहते कार्रवाई सुनिश्चित करेंगी

‘असुरक्षित’ भवनों को ध्वस्त करने की प्रक्रिया भी तय

सरकार ने स्पष्ट किया है कि: "बिजली करंट, भवन गिरने, पुल टूटने जैसी घटनाओं से जनहानि को रोकने के लिए स्थायी समिति दिशा-निर्देश जारी करेगी और असुरक्षित संरचनाओं को चिन्हित कर उन्हें हटाने की कार्यवाही होगी।"

 यह क्यों है महत्वपूर्ण?

  • मानसून में सरकारी इमारतों की सुरक्षा को लेकर लगातार चिंता बनी रहती है

  • यह राज्य सरकार द्वारा समय रहते उठाया गया एक प्रभावी निर्णय है

  • इससे आने वाले वर्षों में जनहानि की घटनाएं रोकी जा सकेंगी और संसाधनों का सुनियोजित प्रबंधन संभव होगा


Content Editor

Sourabh Dubey

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