राजस्थान में सरकारी नौकरियों की संख्या बढ़ेगी !
Wednesday, Jul 16, 2025-09:38 AM (IST)

राजस्थान में सरकारी नौकरियों की संख्या बढ़ेगी: 50 हजार कर्मचारियों के प्रमोशन का रास्ता खुला, सरकार के फैसलों का असर समझिए
जयपुर, राजस्थान: भजनलाल सरकार ने हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में कई बड़े और महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं, जिनका सीधा असर सरकारी कर्मचारियों और आमजन पर पड़ेगा। इन फैसलों में प्रमोशन के लिए 2 साल की छूट, प्रक्रियाधीन भर्तियों में 100% पद बढ़ाना और ग्रामीण क्षेत्रों में पाइपलाइन से गैस सप्लाई शामिल हैं। इन निर्णयों से सरकार ने एक मजबूत राजनीतिक संदेश भी दिया है, जो विपक्ष के लगातार हमलों के बीच सरकार की परिपक्वता को दर्शाता है।
कैबिनेट बैठक का राजनीतिक संदेश और सरकार की आगे की रणनीति
कैबिनेट बैठक के फैसलों से यह स्पष्ट संदेश जा रहा है कि सरकार अब पूरी रफ्तार से काम करेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इन फैसलों के जरिए सरकार ने बेरोजगारों, निवेशकों और सरकारी मशीनरी, सभी को साधने का प्रयास किया है। गांवों और कस्बों की जनता का भी खास ध्यान रखा गया है। यह बैठक दिखाती है कि सरकार अब गुड गवर्नेंस पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिसके लिए सरकारी मशीनरी को मजबूत करना और जनता की जरूरतों को समझना बेहद ज़रूरी है। विपक्ष को दिए गए इन ठोस जवाबों से यह संकेत मिलता है कि भविष्य में भी सरकार इसी दिशा में आगे बढ़ेगी।
कर्मचारियों के प्रमोशन से 50 हजार लोगों को लाभ
सरकार के फैसले से राजस्थान के 6 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों में से 5 से 10 फीसदी कर्मचारियों को प्रमोशन का लाभ मिलेगा। इसका मतलब है कि विभिन्न विभागों में लगभग 50 हजार कर्मचारियों को इसका सीधा फायदा मिलेगा। यह छूट उन कर्मचारियों को मिलेगी जिन्होंने वर्ष 2023-24 और 2024-25 के दौरान सेवा अवधि में कोई अन्य छूट नहीं ली है।
कर्मचारियों और सरकार पर प्रभाव
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कर्मचारियों के लिए सकारात्मक: पर्याप्त अनुभव के बावजूद प्रमोशन न मिलने से कर्मचारियों में नकारात्मकता आ सकती है। यह फैसला उन्हें नई ऊर्जा देगा और उनके काम में संतुष्टि लाएगा। पदोन्नति से कर्मचारी और अधिक मेहनत से काम करेंगे, जिसका सीधा लाभ सरकारी कार्यों की गति को मिलेगा।
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सरकार को फायदा: अनुभव की कमी के कारण कई पदों पर पदोन्नति नहीं हो पाती थी, जिससे विभागों में रिक्त पद बढ़ जाते थे और विकास कार्यों की गति धीमी पड़ जाती थी। प्रमोशन से ये पद भरे जा सकेंगे, जिससे सरकारी कामकाज में तेजी आएगी।
प्रमोशन की प्रक्रिया और वेतन वृद्धि
यदि किसी विभाग में प्रमोशन 5 या 9 साल में होता था, तो अब संबंधित कर्मचारी 3 या 7 साल में ही प्रमोशन का दावेदार बन जाएगा। सरकार अपनी आवश्यकतानुसार कर्मचारियों को प्रमोट कर सकती है। छोटे स्तर के कर्मचारियों को भी प्रमोशन मिलने पर 10 हजार रुपये से अधिक की वेतनवृद्धि मिल सकती है।
प्रमोशन के दायरे से बाहर रहने वाले कर्मचारी
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प्रोबेशन पर चल रहे कर्मचारी: भर्ती होने के दो साल तक प्रोबेशन पर रहने वाले कर्मचारियों को इस फैसले में शामिल नहीं किया जाएगा।
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पिछली सरकार की छूट का लाभ लेने वाले: जिन्होंने पिछली अशोक गहलोत सरकार द्वारा 2023-24 में दी गई छूट का लाभ लेकर प्रमोशन ले लिया है, उन्हें इसका फायदा नहीं मिलेगा।
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कोर्ट में चल रहे मामले: जिन कर्मचारियों के प्रमोशन से जुड़े मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं या जिन्हें विभाग की गलती से प्रमोशन नहीं मिला है, उन्हें फिलहाल इस फैसले के दायरे से बाहर रखा गया है।
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संविदाकर्मी: प्रदेश में लगभग 3.5 लाख संविदाकर्मी हैं, लेकिन यह फैसला उन पर कोई प्रभाव नहीं डालेगा, भले ही उन्हें नौकरी करते हुए 20 साल हो गए हों।
सबसे अधिक लाभ किस विभाग को?
सरकार के इस फैसले से मंत्रालयिक कर्मचारियों को सबसे अधिक फायदा होगा, जिनमें एलडीसी (लोअर डिविजनल क्लर्क) और यूडीसी (अपर डिविजनल क्लर्क) जैसे पद शामिल हैं। मंत्रालयिक कर्मचारी सरकारी कर्मचारियों का एक बड़ा वर्ग है।
प्रक्रियाधीन भर्तियों में 100% पद बढ़ाने का फैसला
वर्तमान में किसी भी भर्ती की विज्ञप्ति जारी होने के बाद भर्ती प्रक्रिया के दौरान 50% पद बढ़ाए जा सकते हैं। अब कैबिनेट के फैसले लागू होने के बाद सरकार RPSC और कर्मचारी चयन बोर्ड को 100% पद बढ़ाने की सिफारिश कर सकेगी, जिससे दोगुने पदों पर भर्ती की जा सकेगी। उदाहरण के लिए, यदि कोई भर्ती 100 पदों पर निकली थी, तो अब उसे 200 पदों तक बढ़ाया जा सकेगा।
सरकार का मकसद
यह फैसला बीजेपी के 5 लाख रोजगार देने के चुनावी वादे को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। चूंकि भर्ती प्रक्रिया हमेशा उतनी तेजी से आगे नहीं बढ़ पाती जितनी उम्मीद की जाती है, इसलिए यह निर्णय प्रक्रियाधीन भर्तियों में ही अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएगा। इससे विभागों में रिक्त पदों की संख्या कम होगी और सरकार के विकास कार्यों में तेजी आएगी।
गांव-कस्बों में पाइपलाइन से गैस सप्लाई: आमजन और पर्यावरण को लाभ
इस नई नीति से गांव-कस्बों के घरों तक पाइपलाइन के जरिए गैस (PNG) पहुंच सकेगी, जिससे सिलेंडरों पर निर्भरता कम होगी। यह पीएनजी और सीएनजी नेटवर्क का छोटे शहरों और नगरों में तेजी से विस्तार करेगा, जिससे सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (CGD) के इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
कंपनियों को सहूलियतें
इस नीति में CGD कंपनियों के लिए अनुमति (NOC), भूमि आवंटन और अनुमोदन की प्रक्रिया को समयबद्ध और सरल बनाया गया है। एक CGD पोर्टल भी विकसित किया जाएगा। यह नीति 31 मार्च 2029 तक या किसी अन्य नीति के लागू होने तक प्रभावी रहेगी, जिससे कंपनियों को तेजी से काम करने और गैस नेटवर्क को जल्द से जल्द ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाने का मौका मिलेगा।
पर्यावरण को लाभ
यह नीति राज्य में कार्बन उत्सर्जन घटाने में मदद करेगी और स्वच्छ, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल प्राकृतिक गैस को आमजन तक पहुंचाएगी। इससे सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (CGD) के इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा।
भजनलाल सरकार के ये फैसले न केवल प्रशासनिक दक्षता बढ़ाएंगे बल्कि जनता के जीवन को भी सकारात्मक रूप से प्रभावित करेंगे।