नौकरानी का पुलिस वेरिफिकेशन नहीं करना मकान मालिक को पड़ा भारी
Wednesday, Jan 22, 2025-01:23 PM (IST)
जयपुर | बिना पुलिस वेरिफिकेशन कराए 8 दिन पहले रखी नेपाल निवासी नौकरानी सावित्री अपने तीन साथियों के साथ 12 लाख नकद और 50 लाख के जेवरात लूटकर फरार हो गई। वारदात मोती डूंगरी कानोता बाग देवी पथ पर सोमवार देर रात हुई। बदमाशों ने घर में मंजू कोठारी और नौकर यूपी निवासी संदीप और पश्चिम बंगाल की प्रतिमा को बंधक बना लिया। बदमाश आसानी से अंदर आ जाएं इसलिए नौकरानी ने मेन गेट पर कुंडी नहीं लगाई थी। सोमवार रात 11:35 बजे सावित्री के दो साथी कॉलोनी के गेट नं. 3 से अंदर आए। दोनों घर के बगल में पीछे की तरफ सीढ़ियों में छिप गए और रात 1 बजे तीनों ने धावा बोल दिया। बदमाशों का एक साथी घर से कुछ दूरी पर कैब लेकर खड़ा था, जिसमें सभी फरार हो गए। लुटेरों ने 2 घंटे 20 मिनट तक लूट की वारदात की। लुटेरे पीड़ित महिला व दोनों नौकरों के मोबाइल फोन भी ले गए। बदमाशों के जाने के दो घंटे बाद नौकर संदीप ने खुद को किसी तरह से बंधन से आजाद किया और मंगलवार तड़के 4 बजे लैंड लाइन फोन से घर के ड्राइवर मोती सिंह को घटना की सूचना दी। ड्राइवर ने वारदात की सूचना पीड़िता के भतीजे पूर्व पार्षद अनिल बंब को दी। उन्होंने कंट्रोलरूम को 6:13 बजे बताया। मंजू कोठारी के घर में सावित्री के साथ दो बदमाश थे। चौथे बदमाश से सावित्री मोबाइल फोन पर जुड़ी थी। वह नारायण सिंह सर्किल से किराए की कैब लेकर पहले से ही भागने के लिए तैयार खड़ा था। उसने परिवार में बच्चे के बीमार होने का बताकर 6 हजार रुपए किराए पर टैक्सी ली थी। सावित्री से इशारा मिलते ही वह मौके पर पहुंच गया।
राजस्थान में नौकरों को रखने के लिए पुलिस वेरिफिकेशन है अनिवार्य
राजस्थान में नौकरों को रखने के लिए, पुलिस वेरिफ़िकेशन कराना होता है, यह वेरिफ़िकेशन आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए किया जाता है, पुलिस वेरिफ़िकेशन के लिए, नौकर की पासपोर्ट साइज़ फ़ोटो, नाम-पत्ता को वेरिफ़ाई करने वाली फ़ोटो आईडी, और मोबाइल नंबर जैसे दस्तावेज़ों की ज़रूरत होती है, पुलिस वेरिफ़िकेशन के लिए आप ऑनलाइन या पुलिस के मोबाइल ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं, ऑनलाइन वेरिफ़िकेशन के लिए, आपको ये कदम उठाने होंगे
पुलिस वेबसाइट या ऐप पर जाकर आप वेरिफिकेशन करा सकते है
नौकर की जानकारी भरें
मकान मालिक की जानकारी भरें
संबंधित थाना चुनें
नौकर की आईडी और फ़ोटो अपलोड करें
फ़ॉर्म भरने के बाद, एक यूनिक नंबर मिलेगा
इस नंबर की मदद से, वेबसाइट पर देखा जा सकता है कि पुलिस वेरिफ़िकेशन हो गया है या नहीं
पुलिस वेरिफ़िकेशन के दौरान, पुलिस अधिकारी आवेदक के घर जाकर दिए गए विवरणों को सत्यापित करता है. साथ ही, यह भी जांचता है कि आवेदक का कोई आपराधिक रिकॉर्ड है या नहीं.
अगर आपके घर पर कोई किराएदार या नौकर काम कर रहा है और आपने उसकी वेरीफिकेशन पुलिस से नहीं करवाई है तो बिना देरी किए इस काम को करवा लें। पुलिस ने इस काम को शुरुआत पहले ही कर चुकी है। अगर कोई किराएदार या नौकर किसी आपराधिक मामले में लिप्त पाया गया तो ऐसे में पुलिस उसके मकान मालिक के खिलाफ भी कार्रवाई कर सकती है । जानकारी के अनुसार जिले में रह रहे किरायेदारों व घर में काम करने वाले नौकरों की वेरीफिकेशन करवाना जरूरी होता है । इसके तहत पहले उन लोगों को सूचित किया जाता है, जो लोग अपने मकान पर किरायेदार या कोई नौकर रखे हुए हैं। इसके लिए मकान मालिक नजदीकी थाने में आकर अपने किरायेदार व नौकर की वेरीफिकेशन करावा सकते है । अगर इसमें कोई मकान मालिक ऐसा नहीं कराता हैं और अगर किरायेदार व नौकर किसी आपराधिक गतिविधि में शामिल मिला तो मकान मालिक के खिलाफ भी धारा 188 के तहत मामला दर्ज करके कार्यवाही की जाएगी।