बारां पुलिस ने 3.45 करोड़ के मादक पदार्थ किए नष्ट, 8 माह में जब्त नशे की कीमत 31 करोड़ पार
Friday, May 30, 2025-08:31 PM (IST)

जयपुर, 30 मई। राजस्थान के बारां जिले की पुलिस ने नशीले पदार्थों के खिलाफ एक और सख्त कदम उठाते हुए शुक्रवार को रिजर्व पुलिस लाइन में 3 करोड़ 45 लाख 97 हजार रुपये की अनुमानित कीमत के जब्तशुदा मादक पदार्थों और उपकरणों को विधिवत रूप से नष्ट कर दिया। यह कार्रवाई गृह मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देश पर 15 मई से 30 मई, 2025 तक चलाए जा रहे NDPS अधिनियम 1985 के अंतर्गत विशेष नष्टीकरण अभियान का हिस्सा रही।
यह पूरी प्रक्रिया जिला औषधि व्ययन समिति (ड्रग्स डिस्पोजल कमेटी) बारां के अध्यक्ष और जिला पुलिस अधीक्षक राजकुमार चौधरी के नेतृत्व में की गई। जिले के विभिन्न पुलिस थानों में NDPS एक्ट के तहत दर्ज 80 मामलों में जब्त की गई सामग्री को आग के हवाले कर नष्ट किया गया। इस दौरान सभी विधिक और पर्यावरणीय दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन किया गया।
नष्ट किए गए मादक पदार्थों में 390.24 ग्राम स्मैक शामिल थी, जिसकी अनुमानित कीमत 78 लाख 4 हजार 800 रुपये थी। इसके अतिरिक्त 109 किलो 289 ग्राम गांजा नष्ट किया गया, जिसकी कीमत लगभग 54 लाख 64 हजार 450 रुपये आंकी गई। सबसे बड़ी मात्रा में 1421.85 किलोग्राम डोडा चूरा नष्ट किया गया, जिसकी अनुमानित बाजार कीमत 2 करोड़ 13 लाख 27 हजार 750 रुपये थी। साथ ही स्मैक सेवन में प्रयुक्त उपकरण भी नष्ट किए गए। इस प्रकार कुल 3 करोड़ 45 लाख 97 हजार रुपये की सामग्री को पूरी तरह से नष्ट किया गया।
बारां पुलिस इससे पहले भी नशीले पदार्थों के खिलाफ इसी प्रकार की ठोस कार्रवाइयाँ कर चुकी है। 20 सितंबर 2024 को कुल 292 मामलों में जब्त किए गए मादक पदार्थों को नष्ट किया गया था, जिनकी कीमत 21 करोड़ 13 लाख 7 हजार 725 रुपये थी। इसके बाद 25 जनवरी 2025 को 192 मामलों में जब्त सामग्री को नष्ट किया गया, जिसकी कुल कीमत 6 करोड़ 54 लाख 60 हजार रुपये रही।
इस प्रकार सितंबर 2024 से मई 2025 तक की आठ माह की अवधि में बारां जिला औषधि व्ययन समिति द्वारा कुल 564 मामलों से संबंधित 31 करोड़ 14 लाख 27 हजार 725 रुपये मूल्य के मादक पदार्थों को नष्ट किया जा चुका है। यह आंकड़े साफ दर्शाते हैं कि बारां पुलिस मादक पदार्थों की तस्करी और सेवन के विरुद्ध बेहद सक्रिय और प्रतिबद्ध है। यह अभियान समाज को नशे के दुष्परिणामों से बचाने के साथ-साथ जिले में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है।