प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बीकानेर दौरा: करणी माता मंदिर में दर्शन, 26,000 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास और नाल एयरबेस पर जवानों से मुलाकात
Thursday, May 22, 2025-10:39 AM (IST)

बीकानेर, 22 मई 2025 । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को राजस्थान के बीकानेर जिले के दौरे पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने देशनोक स्थित करणी माता मंदिर में दर्शन किए और आशीर्वाद लिया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने बीकानेर के अत्याधुनिक देशनोक रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया और एक विशाल जनसभा को संबोधित किया।
रेलवे स्टेशनों का वर्चुअल उद्घाटन
देशनोक रेलवे स्टेशन के लोकार्पण के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 86 जिलों में फैले 103 अमृत भारत स्टेशन परियोजनाओं का वर्चुअल उद्घाटन किया। ये सभी स्टेशन 1,100 करोड़ रुपये की लागत से पुनर्विकसित किए गए हैं। इसमें राजस्थान के चार रेलवे स्टेशन भी शामिल हैं।
सड़क और रक्षा अवसंरचना को बड़ी सौगात
बीकानेर दौरे में प्रधानमंत्री मोदी ने 26,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इनमें शामिल हैं: 7 सड़क परियोजनाएं, जिनकी लागत 4,850 करोड़ रुपये से अधिक है। 3 वाहन अंडरपास, राष्ट्रीय राजमार्गों का चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण, कई जिलों में नर्सिंग कॉलेजों का उद्घाटन, बिजली और सौर ऊर्जा परियोजनाएं, जल जीवन मिशन से जुड़ी परियोजनाओं की आधारशिला।
नाल एयरबेस पर जवानों से संवाद: ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बड़ी यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी ने बीकानेर के सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नाल एयरफोर्स स्टेशन का दौरा भी किया। उन्होंने वायुसेना के जवानों से मुलाकात कर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता पर बधाई दी और उनके साहस को सलाम किया। यह दौरा भारत-पाक सीमा के तनावपूर्ण हालात के बीच रक्षा तैयारियों की समीक्षा और जवानों के मनोबल को बढ़ाने की दृष्टि से अहम माना जा रहा है।
नाल एयरबेस पाकिस्तान सीमा से मात्र 150 किलोमीटर दूर है और इसकी रणनीतिक रेंज में पाकिस्तान के कई अहम शहर आते हैं। यह एयरबेस भारत के लिए सुरक्षा का अग्रिम मोर्चा है और यहां से अनेक महत्वपूर्ण सैन्य अभियान संचालित होते हैं।
इतिहास और सामरिक महत्व की झलक
प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान इस बात पर भी ज़ोर दिया गया कि नाल एयरबेस का इतिहास प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध से जुड़ा रहा है, जब ब्रिटिश सेना यहां से फाइटर जेट्स ऑपरेट करती थी। 1950 में यह एयरबेस भारतीय वायुसेना को सौंपा गया।